पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 10 दिसंबर 2024
नोटः आज सर्वार्थ सिद्धि योग है। सर्वार्थसिद्धि योग ऐसा योग है, जिसमें यदि किसी कार्य का आरंभ किया जाए तो उससे विशेष लाभ मिलता है। जब कोई विशेष मुहूर्त नहीं मिलता तब इस योग के साथ में शुभ,लाभ,अमृत की चौघड़िया के समावेश में कार्य करने से सभी प्रकार के कार्यो में सफलता मिलती है। यह योग सोमवार, शुक्रवार को हों तो वस्त्र, आभूषण जैसी वस्तुएं खरीदना चाहिए।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः मार्गशीर्ष़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः दशमी रात्रि काल 03.43 तक है,
वारः मंगलवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः उत्तराभाद्रपद दोपहर काल 01.30 तक है,
योग व्यतिपात रात्रिः काल 10.03 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः वृश्चिक, चन्द्र राशिः मीन,
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 07.07, सूर्यास्तः 05.21 बजे।