Dr. Dilgir has announced a reward of 10 lakh rupees

  • Sikh historian Dr. Dilgir has announced a reward of 10 lakh rupees for anyone who can prove that Akal Takht was created by any Sikh Guru
  • Akal Takht has no connection with any Sikh Guru: Dr. Harjinder Singh DilgirThe term “Akal Takht” did not exist before 1840, and this term is not found in any published book before 1920
  • Between 1920 and 1979, there were no activities recorded in the name of Akal Takht

Demokratic Front, Chandigarh – 19       November :

Sikh historian Dr. Harjinder Singh Dilgir, who has served as the Director of the Sikh History Research Board of the Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (SGPC), claimed that Akal Takht was not created by any Sikh Guru. He stated that the term “Akal Takht” did not exist before 1840, and it is not found in any books published before 1920. Dr. Dilgir made this statement during a press conference at the Chandigarh Press Club. He also announced that if anyone can prove that Akal Takht was created by a Guru, he would reward them with 10 lakh rupees.

According to Dr. Dilgir, after a detailed study, he gathered numerous facts that led him to conclude that not only was Akal Takht not created by any Guru, but the term itself did not exist in the time of the Gurus. He explained that the term “Akal Takht” was invented by Nirmala priests in the Gurbilas Patshahi 6, written in 1840, and in the Guru Pratap Suraj, written in 1843. He pointed out that these texts state that it is the throne of Vishnu (God).

Dr. Dilgir further explained that the building of Akal Takht was originally a residence for the Akalis (a group of Sikhs). In 1840, priests took over the place and conspired to name it the Akali Takht. However, until 1920, there was no mention of the term “Akal Takht.” Between 1920 and 1979, no activity related to Akal Takht was recorded either.

He added that it was later used as a tool to intimidate both the Akalis and the government during the Khalistani movement. After the fall of the Khalistani movement, the Shiromani Akali Dal (Badal) took control of it in 1993 and began using it to intimidate their political opponents. Today, it has become a source of trouble for the Shiromani Akali Dal (Badal) itself.

तेजली खेल परिसर को राज्य स्तरीय खेल परिसर बनाने की मांग

विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने विधानसभा में तेजली खेल परिसर को राज्य स्तरीय खेल परिसर बनाने की मांग रखी 

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 19       नवंबर :

यमुनानगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने हरियाणा विधानसभा सत्र के चौथे दिन अपने यमुनानगर निर्वाचन क्षेत्र के लिए मांगे रखते हुए कहा कि यमुनानगर एक औधोगिक क्षेत्र है जिसमें प्लाईवुड उद्योग सहित शुगर मिल,इस्जैक इंडस्ट्री,जमना आटो सहित विभिन्न प्रकार की हजारों औधोगिक इकाइयां हैं जिसमें प्रतिदिन हजारों ट्रकों का इस्तेमाल होता है परन्तु यहां पर कोई भी ट्रक अड्डा नहीं है जिसकी वजह से औधोगिक इकाइयों के साथ साथ जाम लगने से आम नागरिको को भी दिक्कत आती है इसलिए यमुनानगर में ट्रकों के लिए एक बड़ा ट्रक अड्डा बनाया जाए, विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने कहा कि पश्चिमी यमुना नहर के साथ साथ बाड्डी माजरा से झोटा रोड जगाधरी के साथ साथ नागरिकों की सुविधा के लिए सड़क का निर्माण किया जाएगा,यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने हरियाणा विधानसभा में मांग रखते हुए कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र यमुनानगर में तेजली में खेल परिसर बना हुआ है,उनकी मांग है कि तेजली खेल परिसर में राज्य स्तरीय खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ,तेजली खेल परिसर में एस्ट्रो टर्फ, आधुनिक सुविधाएं, खेल प्रतिभाओं कोच निखारने के लिए कोच, क्रिकेट , कबड्डी, फुटबॉल, एथलेटिक्स,बैडमिंटन व लान टेनिस, सिंथेटिक ट्रैक,बाक्सिंग,कुशती, सीसीटीवी , सुरक्षा सम्बन्धी सुविधाएं आदि खेलो की सुविधाएं सहित वो सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए जोकि राज्य स्तरीय खेल परिसर में होनी चाहिए , विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र यमुनानगर के लिए वो लगातार विधानसभा में आवाज उठाते रहे हैं व मुख्यमंत्री के माध्यम से अपने निर्वाचन क्षेत्र में लगातार विकास कार्य करवा रहे है।

श्री श्याम करुणा फाउंडेशन ने विद्यार्थियों को बांटे स्वेटर्स और ट्रैक सूट्स

श्री श्याम करुणा फाउंडेशन ने विद्यार्थियों को बांटे स्वेटर्स और ट्रैक सूट्स

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  19  नवंबर:

श्री श्याम करुणा फाउंडेशन व स्व श्री पुरुषतोषम दास रूंगटा चेरिटेबल ट्रस्ट, पंचकूला के संस्थापक अमिताभ रूंगटा, सह संस्थापक अनुपम रूंगटा और बेनू राव, अध्यक्ष ने महर्षि दयानंद पब्लिक स्कूल, दरिया में आर्थिक तौर से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आयोजित विशेष मुहिम के तहत स्वेटर्स और ट्रैकसूट्स भेंट किए। स्वेटर्स और ट्रैक सूट पाकर बच्चों के चेहरों पर खुशी और उल्लास दिखाई दिया। स्कूल के श्रीमती सिकंदरा देवी मल्टीमीडिया हाल में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल की वाइस प्रिंसिपल मोदगिल ने प्रबंध समिति और विद्यार्थियों की ओर से संस्था का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे उदारता के लिए भावनात्मक ऋणी हैं व उन्होंने संस्था द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त कर रहे आर्थिक तौर से कमजोर वर्ग के बच्चों की मदद की मुहिम की प्रशंसा की। कार्यक्रम से पूर्व मल्टीपरपज हॉल में स्टेज का उद्घाटन भी किया गया। यह स्टेज शिकागो, अमेरिका से एनआरआई सुदर्शन गर्ग द्वारा बनवाई गई। अब स्कूल के कार्यक्रम नाटक, शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लेक्चर्स, प्रदर्शन, एक्सपर्ट्स के व्याख्यान आदि का आयोजन सफलतापूर्वक हो सकेंगे। एनआरआई सुदर्शन गर्ग की उपस्थिति में इसका उद्घाटन बेनू राव ने किया। स्कूल के विद्यार्थियों और स्टाफ ने एनआरआई सुदर्शन गर्ग का इस नेक कार्य के लिए आभार व्यक्त किया।

चंडीगढ़ आई फिल्म फेस्टिवल 2024 

100 नेत्र विशेषज्ञों ने तीसरे चंडीगढ़ आई फिल्म फेस्टिवल 2024 सीएमई में लिया भाग

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  19  नवंबर:

अपने वार्षिक आयोजन के क्रम में सिटी आई बैंक द्वारा चंडीगढ़ ऑपथैल्मोलॉजी सोसायटी के तहत में डॉ. अशोक शर्मा कॉर्निया सेंटर, चंडीगढ़ के सहयोग से तीसरा चंडीगढ़ आई फिल्म फेस्टिवल 2024 सीएमई का आयोजन होटल शिवालिक व्यू में किया गया। इस सीएमई में क्षेत्र के लगभग 100 नेत्र विशेषज्ञों ने भाग लिया।

इस सम्मेलन का उद्घाटन चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर के एडवांस आई सेंटर के पूर्व डीन और प्रमुख पद्मश्री प्रोफेसर आमोद गुप्ता ने किया। प्रोफेसर आमोद गुप्ता ने “विज्ञान में नैतिकता पर चौराहे पर” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने नेत्र विशेषज्ञों को चेताया कि वे नए आविष्कारों या नई शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं को सावधानी से न अपनाएं। उन्होंने सलाह दी कि हम सभी को चिकित्सीय विकल्प का चयन करते समय रोगी को कोई नुकसान नहीं होने के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।

प्रोफ़ेसर जगत राम, डॉ एम आर डोगरा, प्रोफ़ेसर एस एस पांडव, प्रोफ़ेसर सुरेश गुप्ता, डॉ पी एस धामी, डॉ रंजीत एस धालीवाल, डॉ संदीप महाजन, प्रोफ़ेसर राम लाल, प्रोफ़ेसर गौरव शर्मा, प्रो राजीव तुली और प्रो अनिल वर्मा ने अपने प्रस्तुतीकरण और चर्चाओं के ज़रिए प्रतिभागियों को ज्ञान प्रदान किया। युवा नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा चुनौतीपूर्ण मामलों पर कंपीटिटिव सेशन और 2 मिनट के वीडियो सेशन कांफ्रेंस के अन्य मुख्य पहलू थे।

डॉ. अशोक शर्मा, निदेशक कॉर्निया सेंटर चंडीगढ़ जो मुख्य आयोजन सचिव थे, ने शिशुओं और बच्चों में कॉर्निया ग्राफ्टिंग पर अपना ववर्क प्रस्तुत किया। उन्होंने बच्चों में 250 से अधिक सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांट किए हैं, जो इस क्षेत्र में सबसे अधिक है। डॉ. राजन शर्मा ने स्क्लेरोकोर्नियल रिंग्स से लिम्बल स्टेम सेल कल्चर्स पर अपना शोध प्रस्तुत किया और इसके नैदानिक प्रभावों पर प्रकाश डाला। डॉ. अशोक शर्मा का कॉर्निया सेंटर कॉर्निया ट्रांसप्लांट, लिम्बल स्टेम सेल ट्रांसप्लांट और जटिल कॉर्निया रोगों के उपचार के लिए जाना जाता है। कांफ्रेंस का संचालन बेंगलुरु, कर्नाटक के प्रसिद्ध रेटिनल सर्जन डॉ. के.एस. कुमार ने किया।

यह अनोखा तीसरा वार्षिक आयोजन था जिसका उद्देश्य वीडियो आधारित प्रस्तुतियों और चर्चाओं के माध्यम से ज्ञान का प्रसार करना था। वैज्ञानिक कार्यक्रम को प्रतिनिधियों को अपने प्रश्न पूछने और संवादात्मक चर्चा के लिए पर्याप्त समय देने के लिए डिज़ाइन किया गया था। एक बार जब नेत्र विशेषज्ञ इस ज्ञान को अपने रोगियों के उपचार में लागू करेंगे तो विचार-विमर्श से क्षेत्र में नेत्र देखभाल में सुधार होगा।

Panchkula Police

Police File, Panchkula – 19 November, 2024

जाम की स्थिति से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस जारी किए जरूरी दिशा निर्देश

  • जिला के सभी थाना क्षेत्रों में राइडर तैनात, गश्त ड्यूटी बढ़ाई, नियम तोड़ने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 19      नवंबर :

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य के निर्देशानुसार पुलिस उपायुक्त अपराध एवं यातायात विरेन्द्र सिंह व एसीपी ट्रैफिक मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में ट्रैफिक पुलिस पंचकूला ने शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए विशेष प्लान तैयार किया है साथ ही आमजन से वाहन चलाते समय जरूरी हिदायतों की पालना की भी अपील की है। जाम की स्थिति में वाहनों के टकराने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में ने इसके लिए अलग से टीम बनाई हैं। हाईवे व शहर में तैनात डायल-112, राइडर और पीसीआर की ड्यूटी लगाई गई है कि वह लगातार दिन-रात अपने क्षेत्र में गश्त करते रहे। हाईवे पर किसी वाहन को पार्किंग नहीं करने दी जाएगी। इसके साथ ही वाहन खराब होने की स्थिति में उसके रिफ्लेक्टर टेप के साथ रिफ्लेक्टर लगे प्लास्टिक के तिकुने संकेतक उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि अन्य वाहन चालकों को दूर से पता लग सके। खराब वाहन को तुरंत हाईवे से हटवाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। पीसीआर और डायल-112 की टीम लगातार गश्त करेगी। इसके साथ ही हादसे रोकने के लिए उनके कारणों की तह तक जाएगा।
नियम तोड़ने वालों पर होगी अधिक सख्ती
ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन बिल्कुल तैयार है और सड़क किनारे बेतरतीब ढंग से खड़ी गाड़ियों को हटाया जा रहा है। यदि कोई सड़क किनारे बेतरतीब गाड़ी खड़ी करता है तो उसकी गाड़ी क्रेन से उठा ली जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस सभी नाको-बैरियर पर भी तैनात रहेगी जो गाड़ियों की चेकिंग करेगी और पार्किंग के बारे में भी जानकारी देगी। इसके अलावा यातायात नियम तोड़ने वालों पर अब और अधिक सख्ती की जाएगी। शहर में जहां पर भी कैमरे लगे हैं वे सिग्नल तोड़ने वालों को के चालान बनाकर तुरंत मोबाइल पर नोटिस भेजेंगे। चालान नहीं भरा तो यह कोर्ट जाएगा।
टैफिक जाम की स्थिति से निपटने हेतु जरूरी हिदायतों की पालना की अपील
 सुरक्षित दूरी बनाए रखें
अपने आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाए रखने को प्राथमिकता दें। सुरक्षित दूरी बनाए रखने से आपको अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में प्रतिक्रिया करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है। आम तौर पर, सुरक्षित दूरी लगभग 3 सेकंड के बराबर होती है। सुनिश्चित करें कि आपकी कार के पास पिछले वाहन से लगभग 3 सेकंड का अंतर हो, जिससे आपको उसकी हरकतों से तालमेल बिठाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
जाम की स्थिति में धैर्य और संयम बनाएं रखे
ड्राइविंग करते समय भावनात्मक नियंत्रण बहुत ज़रूरी है, ख़ास तौर पर ट्रैफ़िक में। भीड़भाड़ तनावपूर्ण हो सकती है और ड्राइवरों में भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ पैदा कर सकती है। हालाँकि, यह याद रखना ज़रूरी है कि भावनात्मक रूप से आवेशित होकर गाड़ी चलाने से स्पष्ट सोच प्रभावित होती है और दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है। गाड़ी चलाते समय भावनात्मक संतुलन बनाए रखना एक ज़रूरी अभ्यास है।

सुरक्षित सफर के लिए महिलाएं ले ट्रिप मॉनिटरिंग सुविधा का लाभ: पुलिस कमिश्नर

  • व्हाट्सअप के माध्यम से भी महिलाएं ले सकेंगी ट्रिप मॉनिटरिंग सुविधा का लाभ

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 19      नवंबर :

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने महिलाओं के सुरक्षित सफर को लेकर चलाई गई  ट्रिप मॉनिटरिंग प्रणाली के बारे में अधिक जानकारी सांझा करते हुए बताया कि पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी एक्टिव है।

महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए पुलिस ने ट्रिप मॉनिटरिंग की सुविधा शुरू की है। रात में कैब, ऑटो में सफर करने वाली महिलाएं अब 112 पर फोन कर ट्रिप मॉनिटरिंग की सुविधा ले सकती है।

उन्होंने कहा कि सुविधा लेने के लिए महिला को सबसे पहले 112 पर फोन करना होगा और वेब-आधारित फॉर्म के माध्यम से अपनी यात्रा का पंजीकरण करवाए। सभी जानकारी देने के बाद महिला का ट्रिप शुरू होगा। पुलिस के जवान जीपीएस से महिला के ट्रिप को मॉनिटर करेंगे। हर आधे और एक घंटे में कंट्रोल रूम से फोन कर महिला की कुशलक्षेम भी पूछी जाएगी।

उन्होंने का कि कैब या ऑटो बीच में रुकता है या फिर रूट में बदलाव होता है, तभी पुलिस महिला को फोन कर जानकारी हासिल करेगी। कुछ भी गलत होने पर सबसे पास स्थित पुलिस के एमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल को भेजा जाएगा। इसके अलावा यात्री द्वारा सांझा किए गए आपातकालीन नंबर पर भी संपर्क किया जाएगा।

इसके अलावा महिलाएं इस सुविधा का लाभ व्हाट्सअप  के माध्यम से 112 पर लाइव लॉकेशन, फोटो व विडियों आदि भेज कर यात्रा संबंधी जानकारी सांझा कर सकेगी जिससे किसी भी विपरीत परिस्थिति में पुलिस द्वारा तुरंत सहायता प्रदान की जा सकेगी।

उन्होंने का कि महिला का सफर सुरक्षित पूरा होने के बाद पुलिस फोन कर जानकारी लेगी। इस सुविधा से महिला के परिजनों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा और महिला भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं होगी। महिलाओं को ट्रिप मॉनिटरिंग की सुविधा के बारे में पुलिस में तैनात महिला पुलिसकर्मी जगह-जगह जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही है।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि डायल 112 पर फोन कर एप के माध्यम से मदद प्राप्त की जा सकती है। आपातकालीन स्थिति में अपने मोबाइल फोन के पॉवर बटन को लगातार तीन बार दबाने से या पॉवर बटन को लगातार दबाए रखने से डायल 112 से मदद प्राप्त की जा सकती है। आपातकालीन स्थिति में डायल 112 पर कॉल की जाती है। तब आपके नजदीकी पुलिस ईआरवी को सहायता के लिए भेजा जाता है।

सार्वजनिक स्थानो पर शराब पीने व परोसने वालें अड्डो को चिन्हित कर करें कार्रवाई, पुलिस कमिश्नर ने दिए सख्त निर्देश

  • रेस्टोरेंट के बाहर चोपहिया वाहनों में बैठकर शराब पीने वाले भी कार्रवाई के लिए रहे तैयार

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 19      नवंबर :

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य के आदेशानुसार जिला में खुले में शराब सेवन करने वाले असामाजिक तत्वों व बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई हेतु लगातार चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है साथ ही  सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने जिले के सभी थाना व चौकी प्रभारियों को सार्वजनिक स्थानों में खुलेआम शराब का सेवन  करने एवं अवैध शराब पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं। खुले में शराब के सेवन व उपद्रव मचाने वाले असामाजिक तत्वों  से रिहायशी इलाकों में रहने वाले आमजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और नशे में होने के कारणा ऐसे लोग गाली गलौच भी करते है  अब ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस कमिश्नर ने सार्वजनिक स्थानों, विशेषकर खुदरा दुकानों के परिसरों के आसपास शराब पीने पर रोक लगाने के लिए अभियान शुरू किया है।  

जिले में अब सार्वजनिक स्थानों जैसे सेक्टर मॉर्किट, शिक्षण संस्थान, स्टेडियम या सड़क किनारे बने होटल के बाहर या चोपहिया वाहनों में  लोगों को शराब का सेवन करना महंगा पड़ सकता है। ऐसे स्थानों में शराब पीते हुए पकड़े जाने पर लोगों को जेल की भी हवा खानी पड़ सकती है।

 जानकारी के मुताबिक ऐसे लोग खुला स्थान दिखाई या जहां ज्यादा लोगों का आना जाना ना होता हो उस स्थान पर अपनी महफिल जमा कर शराब का सेवन करना शुरू कर देते हैं। शराब पीने के बाद इन युवकों के द्वारा शोर गुल और अभद्र भाषा का प्रयोग करने से उस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है अब ऐसे स्थानों पर गश्त के माध्मय से निगरानी रख सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा पुलिस कमिश्नर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि अगर उनके पास सार्वजनिक स्थान पर  शराब सेवन व बेचने  के ठिकाने की कोई सूचना है तो तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर सूचना दे। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी।