बच्चे राष्ट्र के निर्माता हैं,वे देश के भविष्य और कल के नागरिक हैं:- डॉक्टर अंजू बाजपई
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 14 नवंबर :
उत्थान संस्थान की कोशिश इकाई के दिव्यांग बच्चो ने बाल दिवस समारोह मनाया।जिसमे उत्थान संस्थान की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने सभी बच्चो को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज ही हमारा देश विश्व मधुमेह दिवस भी मना रहा है।आज के समय में छोटे छोटे बच्चो मे डायबटीज की बीमारी देखने को मिल रही है। इस समय डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका एक कारण यह भी है कि तेजी से खान पान के तरीकों बदलाव आ रहा है। बड़ी उम्र के साथ-साथ अब मधुमेह की यह समस्या कम उम्र के बच्चों तक भी पहुंच चुकी है। ऐसे में हमें यह समझना जरूरी है कि यह भयानक बीमारी आखिर इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है।आज के समय में जब बच्चे को भूख लगती है तो अधिकतर माता पिता उन्हें बाहर का खाना खिलाते है।यदि हमें मासूम बच्चों को डायबिटीज से दूर रखना है तो उन्हें फल खिलाएं, मगर जूस ना दें।घर में मिठाई का डिब्बा नहीं, ड्राई फ्रूट्स लाए।उन्होंने कहा कि बच्चों को कभी चीनी डालकर दूध ना दें।बच्चों को फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और एनर्जी ड्रिंक्स न दें।अभी बच्चे शारीरिक रूप से कम एक्टिव रहते हैं।थोड़ा काम करने पर ही वह बहुत जल्द थक जाते है। बच्चे मोबाइल और लैपटॉप पर अधिक व्यस्त रहते हैं। मोबाइल पर गेम खेलते हैं, जिसकी वजह से ही बच्चों में डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है।यदि सही मायनों में हमे बाल दिवस मनाना है तो हर माता पिता को उन सभी चीजों का बहिष्कार करना होगा जो बच्चो की सेहत के लिए घातक साबित हो।महान शिक्षाविद् डॉक्टर पी के बाजपई ने सभी बच्चो को बाल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि नेहरू जी के जन्मदिन पर हम न केवल उन्हें याद करते हैं बल्कि बच्चों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा करते हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी बच्चों को उनके अधिकार मिलें और उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उन सभी को मिले।प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कहा करते थे कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं और वह बगीचे में खिले हुए फूल हैं। हमें उनका ध्यान रखना चाहिए और उन्हें प्यार देना चाहिए। क्योंकि वही हमारे देश को आगे ले जाएंगे। आगे कोशिश इकाई के प्रधानाचार्य रविंद्र मिश्रा जी ने कहा की आज बच्चो का ही दिन है।हर साल 14 नवंबर को पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के मौके पर यह दिन मनाया जाता है। यह दिन बच्चों की मासूमियत, जिज्ञासा, ऊर्जा और उत्साह का जश्न मनाने का दिन है। नेहरू जी, जिन्हें हम सब प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं, वे सिर्फ एक नेता नहीं थे, बल्कि एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे जिन्होंने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई। एक कुशल नेता होने के साथ ही उन्होंने यह भी समझा कि बच्चों में अपार संभावनाएं हैं। वह मानते थे कि आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। प्रत्येक बच्चे को सीखने और बढ़ने के लिए एक सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए।सभी बच्चो ने इस अवसर पर अपनी भाषा मे नाट्य रूपांतरण और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर इस दिवस को मनाया।सभी बच्चे मे भरपूर उत्साह देखने को मिला।इस अवसर पर बच्चो का उत्साह बढ़ाने हेतु संस्थान से स्वाति ठाकुर, सुमित सोनी, हनी तोमर,राजेश और दीपा मौजूद रहे।