- कैप्टन रोहित कौशल के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता-कुलभूषण गोयल
- -29वां शहीदी दिवस दी श्रद्धांजलि, 18 पंजाब बटालियन द्वारा गार्ड-ऑफ-ऑनर
डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला – 11 नवंबर :
कैप्टन रोहित कौशल, सेना मेडल (वीरता) का 29 वां शहादत दिवस सोमवार को जलौली (पंचकूला-बरवाला हाईवे) में बने उनके स्मारक पर मनाया गया। पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल ने कैप्टन रोहित कौशल को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों से मुलाकात की। कुलभूषण गोयल ने कहा कि कैप्टन रोहित कौशल के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 18वीं पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन रोहित ने 11 नवंबर 1995 को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उग्रवाद से लड़ते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया था। 5 अगस्त, 1968 को अंबाला कैंट में पैदा हुए कैप्टन रोहित कौशल, वीना शर्मा और एसएस कौशल के इकलौते बेटे थे। कैप्टन रोहित ने हमेशा अपने सैनिकों का नेतृत्व किया और मातृभूमि की एकता और अखंडता के लिए उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने में सबसे आगे रहे। 27 नवंबर 1995 को उनकी शादी होनी थी, लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। 10-11 नवंबर, 1995 की भयावह रात को कैप्टन रोहित ने अपनी टुकड़ी के साथ आतंकवादियों के ठिकानों पर छापा मारा था। डोडा जिले के गंगोह इलाके में हुई मुठभेड़ में उन्होंने साहसपूर्वक लड़ते हुए अपने सीने और गर्दन पर गोलियां खाईं। जब उनका बहुत खून बह रहा था, तब भी उन्होंने गोलीबारी जारी रखी और दम तोड़ने से पहले दो आतंकवादियों को घातक रूप से घायल कर दिया था। नगर निगम पंचकूला ने जलौली में स्थित सामुदायिक केंद्र और एक सार्वजनिक पार्क को शहीद को समर्पित किया है।
हर साल, पंचकूला-बरवाला रोड पर जलौली में राजमार्ग पर स्थित कैप्टन कौशल स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके शहीदी दिवस मनाया जाता है। रक्षा अधिकारियों, कर्मचारियों और दिग्गजों सहित समाज के सभी क्षेत्रों के लोग पुष्पांजलि समारोह में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे। शहीद कैप्टन रोहित कौशल ट्रस्ट के संरक्षक विनोद वशिष्ठ ने कहा, इस शहीदी दिवस पर भारतीय सेना की 18 पंजाब बटालियन द्वारा गार्ड-ऑफ-ऑनर दिया। शहीद कैप्टन रोहित कौशल सीनियर सेकेंडरी स्कूल जलौली के छात्रों और कर्मचारियों द्वारा शहीद पर संस्मरण प्रस्तुत किया गया।