- भाई कन्हैया, सेवा सोसायटी नारायणगढ़ समाज सेवा एवं जरूरतमंद लोगों की मदद करने में निभा रही है अग्रणी भूमिका।
- -स्वर्ग आश्रम (शमशान घाट) में स्वछता अभियान चलाने के अलावा अस्पताल में रोगियों एवं उनके तिमारदारों के लिए चाय एवं दूध की सेवा जैसे कार्य भी भाई कन्हैया, सेवा सोसायटी नारायणगढ़ द्वारा किये जा रहे है।
- -गुरू नानक देव जी की शिक्षाओं नाम जपो, किरत करो और वंड छको के मूल मंत्र का अनुसरण कर रही है भाई कन्हैया, सेवा सोसायटी नारायणगढ़।
नन्द सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रंट, रायपुररानी, 07 नवंबर :
भाई कन्हैया, सेवा सोसायटी नारायणगढ़ समाज सेवा एवं जरूरतमंद लोगों की मदद करने में आगे बढ़ कर न केवल काम कर रही है बल्कि दूसरे लोगों को प्रेरणा देने का काम कर रही है।
भाई कन्हैया, सेवा सोसायटी नारायणगढ़ के सेवादार सरदार गुरमीत सिंह मक्कड़ ने बताया कि भाई कन्हैया सेवा सोसाइटी की स्थापना धर्मनिरपेक्ष सेवा की परंपरा को जीवित रखने और लोगों को भाई कन्हैया जी के पदचिन्हों पर चलने के लिए की गई है। नि:स्वार्थ भाव से सेवा करें-साखी हमें बताती है कि हमें मानवता की नि:स्वार्थ भाव से (निष्काम) और पूर्ण समर्पण के साथ सेवा करनी चाहिए।
समाजसेवी रविन्द्र गुलाटी बताते है कि पिछले कुछ रोज से अम्बाला रोड़ स्थित स्वर्ग आश्रम में साफ-सफाई का कार्य भाई कन्हैया सेवा सोसायटी के बैनर तले इस सोसायटी से जुडे सेवादारों एवं समाजसेवा की भावना रखने वाले लोगों द्वारा किया जा रहा है। ऐसे लोगों का मानना है कि जब हम सब अपने घर और आस-पास का वातावरण साफ रखते है तो वह स्थान भी स्वच्छ होना चाहिए जिसे स्वर्ग आश्रम (शमशान घाट) कहा जाता है। जिसमें सभी को एक न एक दिन देर सवेर आना ही है। यही जीवन की सच्चाई है।
सेवादार सरदार गुरमीत सिंह मक्कड़ बताते है कि भाई कन्हैया सेवा सोसायटी 2004 से समाज सेवा का कार्य कर रही है। प्रतिदिन सरकारी अस्पताल में सुबह के समय चाय की सेवा, रात के समय दूध की सेवा, बेसहारा परिवारों तथा बुजुर्ग लोग जिन्हें दवाई या खाने की जरूरत होती है, उनकी मदद भी सोसायटी के सेवादारों द्वारा निस्वार्थ भाव से की जा रही है।
इसके अलावा एक सेवा बिलकुल फ़्री सभी ज़रूरतमंद लोगों के लिए जैसे सर्जिकल बैड , व्हील चेयर , आक्सीजन मशीन , स्टिक और वैक्यूम क्लीनर आदि समान भी संस्था के पास उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि सभी के साथ समान व्यवहार करें- बिना किसी भेदभाव के सभी मानवता की समान रूप से सेवा करें। बिना किसी पूर्वाग्रह या उदासीनता के सभी को सहायता प्रदान करे इसी ध्येय के साथ समाज सेवा के काम किये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी ने मानवता, एकता, सेवा और सच्चे प्रेम जैसी बातें सिखाई है। उन्होंने अपनी शिक्षाओं को नाम जपो, किरत करो और वंड छको के मूल मंत्र के माध्यम से व्यक्त किया है। जिसे मूल मंत्र भी कहा जाता है। जिसका अर्थ है नाम जपें, मेहनत करें और बांट कर खाएं।
इसी प्रकार एक ओंकार का अर्थ है एक ईश्वर एक सत्य। गुरु नानक देव ने ही इक ओंकार का नारा दिया था और कहा था सबका पिता वही है इसलिए सभी से प्रेम करना चाहिए। लोगों को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारा का संदेश देना चाहिए। हमे कभी भी किसी दूसरे का हक नहीं छीनना चाहिए। मेहनत और सच्चाई से गरीबो और जरुरतमंदो की मदद करनी चाहिए।
उन्हीं की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए भाई कन्हैया सेवासोयटी द्वारा समाज कल्याण के लिए काम किये जा रहे है। सेवा हम जो भी सेवा कर सकते हैं, उसे करना ताकि जो कोई भी व्यक्ति चोटिल, दर्द में, पीडि़त या किसी अन्य तरह से बुरे हालात में है, उसके जीवन को अधिक आरामदायक बनाने में मदद मिल सके।