चण्डीगढ़ में भी वाहनों पर कूलिंग फिल्म लगानी शुरू

  • केरल उच्च न्यायालय ने वाहनों में कूलिंग फिल्म लगाने को कानूनी तौर पर जायज ठहराया : वाहनों में आगे और पीछे की तरफ 70 प्रतिशत तथा किनारों पर 50 प्रतिशत पारदर्शिता होनी चाहिए
  • इस फैसले से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा तथा पेट्रोल-डीजल की बचत भी होगी : खालिद खान

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  04 अक्टूबर:

अदालत द्वारा मोटर वाहनों के आगे, पीछे और बगल में ‘सेफ्टी ग्लेज़िंग’ की अनुमति दी गई है। इसके बाद अब चण्डीगढ़ में भी वाहनों पर कूलिंग फिल्म लगानी शुरू हो गई है। वाहन चालक धड़ाधड़ वाहनों पर ये कूलिंग फिल्म लगवा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों केरल उच्च न्यायालय ने संशोधित नियमों के तहत वाहनों पर कूलिंग फिल्म लगाने को वैध करार देते हुए वाहन मालिकों और फर्मों के खिलाफ जुर्माना और कार्रवाई को रद्द कर दिया था।

अदालत के इस फैसले पर सेक्टर 28-सी की मोटर मार्केट एसोसिएशन के चेयरमैन खालिद खान ने आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इससे अनेक बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा तथा साथ ही वाहनों में एसी पर भी दबाव कम होगा जिससे पेट्रोल-डीजल की बचत भी होगी।

केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि मोटर वाहनों पर कूलिंग फिल्म लगाना कानून के अनुसार जायज़ है। न्यायमूर्ति एन नागरेश ने कहा कि अधिकारियों को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने या जुर्माना लगाने का कोई अधिकार नहीं है। एक अप्रैल 2021 से लागू हुए केंद्रीय मोटर वाहन नियम की धारा 100 के संशोधन के अनुसार, मोटर वाहनों के आगे, पीछे और किनारों पर सेफ्टी ग्लास के स्थान पर ‘सेफ्टी ग्लेज़िंग’ के उपयोग की अनुमति दी गई है।

उच्च न्यायालय का यह निर्णय शीतलन फिल्म बनाने वाली एक कंपनी, शीतलन फिल्म चिपकाने के लिए जुर्माना लगाए गए एक वाहन मालिक, तथा एक संगठन द्वारा दायर याचिका पर आया था, जिसे मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) द्वारा नोटिस दिया गया था कि सूर्य नियंत्रण फिल्म का व्यापार करने के कारण उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।

भारतीय मानक ब्यूरो के 2019 मानदंडों के अनुरूप सुरक्षा ग्लेज़िंग की अनुमति है। सुरक्षा ग्लास की आंतरिक सतह पर लगाई गई प्लास्टिक फिल्म को सुरक्षा ग्लेज़िंग की परिभाषा में शामिल किया गया है। संशोधित नियमों के अनुसार, आगे और पीछे की तरफ 70 प्रतिशत तथा किनारों पर 50 प्रतिशत पारदर्शिता होनी चाहिए। इस संशोधन का हवाला देते हुए न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ऐसी फिल्मों का उपयोग वैध है।

यद्यपि विरोधी पक्ष ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं ऐसी फिल्मों के उपयोग पर रोक लगाई है, परन्तु न्यायालय ने माना कि सर्वोच्च न्यायालय के मौजूदा निर्णय नियमों में संशोधन से पहले के हैं।

अदालत ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि केवल वाहन निर्माता को ही शीशे और फिल्म से बनी सुरक्षा ग्लेजिंग लगाने की अनुमति है, वाहन मालिक को नहीं। अदालत ने कहा कि वाहन मालिक को ग्लेजिंग को बनाए रखने का अधिकार है, जो नियमों के अनुसार पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।

उल्लेखनीय है कि केरल हाई कोर्ट ने अभी हाल ही में कार के शीशों पर ब्लैक फिल्म लगाने को लेकर अहम फैसला सुनाया है जिसमें कहा कि कारों के शीशों पर ब्लैक फिल्म या कूलिंग फिल्म लगाने से रोकना सही नहीं होगा। अगर कोई गाड़ी पर तय नियमों के अनुसार कूलिंग फिल्म या प्लास्टिक फिल्म लगवाता है तो पुलिस चालान नहीं कर सकती।

केरल हाईकोर्ट के ने साफ कहा कि अगर किसी कार की विंडो पर सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट, 1989 के नियमों के तहत फिल्म लगी है, तो चालान करना गलत होगा। इसके अलावा, कार चालक अपनी जरूरत के अनुसार खिड़कियों पर प्लास्टिक फिल्म लगवा सकते हैं, लेकिन यह नियमों के अनुसार हो।

इस बात पर भी ध्यान देना होगा की कार के शीशे पूरी तरह से काले या जीरो पारदर्शिता वाले फिल्म पर अब भी जुर्माना लगाया जाएगा। केरल हाई कोर्ट के इस फैसले से कार चालकों को बड़ी राहत मिलेगी। कार चालक अपनी जरूरत के अनुसार खिड़कियों पर प्लास्टिक फिल्म लगवा सकते हैं।

क्यों लगाया था बैन ?

साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने कारों की विंडो पर ब्लैक फिल्म लगाने पर बैन कर दिया था और कहा था कि इससे कार के अन्दर अपराध आसानी से हो सकते हैं। कोर्ट ने उस समय कहा गया था कि कारों की विंडस्क्रीन पर कम से कम 70% और साइड विंडो पर 50% विजिबिलिटी होनी चाहिए।

हालांकि 1 अप्रैल, 2021 से लागू केंद्रीय मोटर वाहन नियमों की धारा 100 के संशोधन के अनुसार, मोटर वाहनों के आगे, पीछे और किनारों पर सेफ्टी ग्लास के बजाय ‘सेफ्टी ग्लेज़िंग’ के उपयोग की अनुमति दी गई है।

कोर्ट ने साफ किया कि अगर कार में जीरो विजिबिलिटी वाले काले शीशे लगाए जाते हैं तो इसके लिए 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं यदि बार-बार नियम को तोड़ता है तो उसका लाइसेंस सस्पेंड करके गाड़ी को भी जब्त किया जा सकता है।

कार की विंडो पर फिल्म लगाने के फायदे : 

टेम्प्रेचर कंट्रोल रहता है
कार के अंदर का तापमान 45% तक कम किया जा सकता है।
इस फिल्म की मदद से यूवी किरणों से बचाव
कार में मिलती प्राइवेसी

भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर के 1.90 लाख नए मामले

भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर अब आम कैंसर : डॉ जतिन सरीन

ब्रेस्ट कैंसर नए युग की सबसे आम घातक जानलेवा बीमारी : डॉ. विजय बंसल

भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर के 1.90 लाख नए मामले : डॉ. प्रियांशु

8 में से 1 भारतीय महिला को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा : डॉ. मीनाक्षी मित्तल

सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन जरूरी: डॉ. मीनाक्षी शर्मा

व्यायाम की कमी, अस्वस्थ भोजन, देर से विवाह और बिना चिकित्सीय सलाह के गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारण : डॉ. हेमकांत वर्मा

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  04 अक्टूबर:

:’हेड एंड नेक कैंसर अवेयरनेस मंथ’ के अवसर पर भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते रुझानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए, लिवासा अस्पताल, मोहाली के डॉक्टरों की एक टीम ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

टीम में शामिल थे; डायरेक्टर मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. जतिन सरीन, डायरेक्टर सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. विजय बंसल, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. मीनाक्षी मित्तल, कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. प्रियांशु चौधरी, कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. हेमकांत वर्मा, और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉ. मीनाक्षी शर्मा।

लिवासा अस्पताल 5 अस्पतालों, 750 बेड, 280 आईसीयू बेड, 6 कैथ लैब, 20 मॉड्यूलर ओटीएस के साथ पंजाब का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल नेटवर्क है। हेल्थकेयर चेन हर साल 3 लाख से अधिक रोगियों का इलाज कर रही है।     

इस अवसर पर डॉ. जतिन सरीन ने कहा, “स्तन कैंसर लगातार बढ़ रहा है और अब सर्वाइकल कैंसर को पीछे छोड़ते हुए नए युग की सबसे आम और घातक जानलेवा बीमारी बन गया है। स्तन कैंसर हर साल 2.1 मिलियन महिलाओं को प्रभावित करता है और भारत में हर साल 1.90 लाख नए मामले सामने आते हैं।

डॉ. प्रियांशु चौधरी ने कहा, ” भारत में कुछ दशक पहले, स्तन कैंसर 65% से 70% पचास साल की उम्र के बाद ही देखा जाता था। लेकिन अब 25-60 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 50 प्रतिशत मामले हैं जिसमें 60 प्रतिशत से अधिक मामले एडवांस स्टेज में  हैं।

डॉ. विजय बंसल ने कहा, ” जागरूकता जरूरी है। सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन और मैमोग्राफी शुरुआती चरणों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों को कम करने की सरल तकनीक है, लेकिन एक सर्वेक्षण के अनुसार 75% भारतीय महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की जांच से कतराती हैं।

डॉ. मीनाक्षी मित्तल सिंह ने बताया कि 2025 तक कैंसर के मामलों की संख्या बढ़कर 29.80 मिलियन होने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि कैंसर अभी भी भारतीय समाज में एक कलंक है और ब्रेस्ट कैंसर से गुजरने वाली महिलाएं अपने परिवार और दोस्तों द्वारा कलंकित होने के डर से इसके बारे में खुलकर बात नहीं करती हैं।

अपने विचार साझा करते हुए, डॉ मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि हमारे देश में अधिकांश मामलों का निदान बहुत देर से होता है और डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 60% से अधिक महिलाओं में चरण III या IV में ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया जाता है। यह रोगियों के लिए जीवित रहने की दर और उपचार के विकल्पों को काफी प्रभावित करता है।

डॉ. हेमकांत वर्मा ने कहा कि लिवासा अस्पताल मोहाली ट्राइसिटी का पहला अस्पताल है, जिसने एक छत के नीचे व्यापक कैंसर देखभाल शुरू की है। मोहाली, चंडीगढ़, पंचकुला, यमुआनगर, अंबाला, रोपड़, नवांशहर, पटियाल, करनाल, कैथल, सोलन और शिमला के मरीजों को इससे बेहद फायदा हुआ है।

उन्होंने यह भी साझा किया कि लिवासा अस्पताल मोहाली अब कैंसर के इलाज के लिए हरियाणा सरकार, हिमाचल सरकार, ईसीएचएस, सीजीएचएस, सभी प्रमुख टीपीएएस और कॉर्पोरेट्स के साथ सूचीबद्ध है।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और लक्षण:                                                                             

Ø  ब्रेस्ट में गांठ

Ø  निप्पल डिस्चार्ज

Ø  ब्रेस्ट की त्वचा का मोटा होना

Ø  ब्रेस्ट के किसी भी हिस्से में लालिमा और सूजन

Ø  ब्रेस्ट का उल्टा निप्पल

Ø  आर्म पिट में गांठ

जोखिम कारक:

Ø  परिवार के इतिहास

Ø  उम्र

Ø  आहार और जीवन शैली विकल्प

Ø  रेडिएशन एक्सपोजर

Ø  मोटापा

Ø  एस्ट्रोजन एक्सपोजर

रोज़ेओ: ग्रैटे सिएल द्वारा एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला एरियल स्पेक्टेकल

पेरिस ओलंपिक 2024 के उद्घाटन समारोह में धूम मचाने वाली यह परफॉर्मेंस अब एलांते में 5 अक्टूबर को

भारत में फ्रेंच इंस्टीट्यूट ने, भारत में एलायंस फ्रांसेस नेटवर्क के सहयोग से, आज एक असाधारण एरियल स्पेक्टेकल (हवाई शो) के आगमन की घोषणा की जो चंडीगढ़ में दर्शकों को मंत्रमुग्ध करना सुनिश्चित करता है। अपने कलाबाजी और ध्यान संबंधी परफॉर्मेंस के लिए प्रसिद्ध प्रशंसित फ्रांसीसी कंपनी ग्रेटे सिएल, रोज़ेओ पेश करने के लिए तैयार है, एक ऐसी परफॉर्मेंस  जिसने पेरिस ओलंपिक गेम्स 2024 के उद्घाटन समारोह में धूम मचा दी थी।

यह परफॉर्मेंस 5 अक्टूबर, शनिवार को शाम 5 बजे और 8 बजे नेक्सस एलांते मॉल में आयोजित किया जाएगा। जिसमें दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है।

भारत में फ्रांस के राजदूत महामहिम थिएरी माथोऊ ने कहा कि ‘रोज़ियो’ और अन्य रोमांचक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ, एलायंस फ्रांसेस नेटवर्क हमारे दोनों देशों के बीच कलात्मक आदान-प्रदान को मज़बूत कर रहा है। यह इन्नोवेटिवे प्रोडक्शन हमारे आर्टिस्टिक कम्युनिटीज को जोड़ने वाले एक जीवंत बंधन के रूप में कार्य करता है, और यह भारतीय दर्शकों को फ्रांस के समकालीन कला परिदृश्य की सर्वश्रेष्ठ पहुँच प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है ।

स्टीफ़न गिरार्ड और केमिली ब्यूमियर द्वारा निर्मित रोज़ेओ, पॉलीन फ़्रेम्यू की रचनाओं और ऐनी जोनाथन की कॉस्ट्यूम के साथ, एक यूनिक लिविंग इंस्टॉलेशन के रूप में खड़ा है जो दर्शकों को अनुभव को देखने और उसमें खो जाने के लिए उत्साहित करेगा। आकाश की पृष्ठभूमि में स्थापित, यह शो कुछ क्षणों के लिए चिंतन करने तथा कलाकारों की काव्यात्मक और नाजुक गतिविधियों से जुड़ने के लिए बनाया गया है। मेटल पोल (6 मीटर ऊंचाई) पर धीरे-धीरे टिकी हुई लहराती आकृतियाँ, कैमरग्यू रीड बेड को याद दिलाती हैं जहां कंपनी मूल रूप से स्थित है, वहां ऐसे चल रही है मानो अदृश्य हवा के झोंके का मार्गदर्शन कर हो रही हो।

लाइव म्यूज़िशियन और इलेक्ट्रॉनिक और फ़ील्ड रिकॉर्डिंग की विशेषता वाले साउंडस्केप के साथ, 42 मिनट का प्रदर्शन एक चिंतनशील माहौल बनाता है जहाँ कला और प्रकृति आपस में जुड़ते हैं। रोज़ेओ का प्रीमियर 2023 में हुआ और तब से इसे अपनी स्वप्निल कोरियोग्राफी के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली है। कलात्मक निर्देशक थॉमस जॉली द्वारा क्यूरेट किए गए उद्घाटन शो के हिस्से के रूप में उनके ओलंपिक प्रदर्शन के बाद, कंपनी ने समुदायों को मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियों के साथ जोड़ने के लिए अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है जो एक स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं।

कॉलेज में स्वच्छता संस्कार थीम पर कार्यक्रम आयोजित

संत निश्चल सिंह कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन फॉर वूमेन में स्वच्छता संस्कार थीम पर कार्यक्रम आयोजित

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 04      अक्टूबर :

संत निश्चल सिंह कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन फॉर वूमेन संतपुरा यमुनानगर के प्रांगण में राष्ट्रव्यापी स्वच्छता ही सेवा अभियान जो 14 सितंबर, 2024 से 1 अक्टूबर, 2024 तक स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता की थीम पर मनाया गया। जिसके तहत आयोजित कार्यक्रम में स्टाफ और छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और इस अभियान के अंतर्गत स्वेच्छा श्रमदान किया गया ।जिसमें कॉलेज कैंपस की सफाई की गई,  पौधों की  कटाई छँटाई की गई और छात्राओं ने कंप्यूटर लैब, आर्ट एंड क्राफ्ट लैब की सफाई की । स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 का उद्देश्य स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करना  है । स्वच्छता ही स्वस्थ जीवन का आधार है इसके महत्व को समझ और श्रमदान करके समाज को संदेश दिया गया । इस कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रेखा शर्मा ने किया और कहा कि इन श्रमदान क्रियाओं द्वारा  सभी लोग इसके महत्व को समझें और स्वच्छता की अवधारणा को सुदृढ़ करें । कॉलेज प्राचार्या  डॉक्टर इंदु शर्मा ने सभी छात्राओं को  स्वच्छता और स्वच्छता को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री के मिशन पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने स्वच्छता को एक नियमित अभ्यास बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाया जा सके। ” स्वच्छता पखवाड़ा अभियान के तहत यह एक पहल है यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 154 वी जयंती पर श्रद्धांजलि एवं स्वच्छाजंली देने का प्रयास है।

नवरात्रों के उपलक्ष्य में मलिक चौक पर 15वां भंडारा

नवरात्रों के उपलक्ष्य में मलिक चौक पर 15वां भंडारा चलाया, अष्टमी तक चलेगा

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 04      अक्टूबर :

 शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष्य में लाला हरिचंद सेवा सदन, खाटू धाम के सेवादार व गर्ग रियल एस्टेट के स्वामी दीपक गर्ग की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मलिक चौक पर आठ दिवसीय भंडारे का आयोजन किया गया। समाजसेवी दीपक गर्ग ने बताया कि माता की पूजा-अर्चना के बाद 15वां भंडारा चलाया गया। रोजाना लगभग एक हजार से अधिक लोग भंडारा ग्रहण करेंगे। दीपक गर्ग ने बताया कि हर वर्ष भंडारे में डिस्पोजल का प्रयोग न करके स्टील के बर्तनों का ही प्रयोग करते हैं। नवरात्रों में 10 अक्तूबर तक रोजाना प्रात: 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक भंडारे का वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर समाजसेवी एन.के.गोयल, कमल पुरोहित, सुरेन्द्र बागड़ी, जगदीश लीलयान, सुभाष गोयल, मनीश, हितेश गर्ग, नरेश गर्ग, अनुज, राजीव, पवन आदि सेवादार भी उपस्थित रहे।  

गंभीर अस्थमा के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत

गंभीर अस्थमा के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली –  04      अक्टूबर :

फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने आज गंभीर अस्थमा के लिए एक सेंटर फॉर एक्सीलेंस (सीओई) की शुरुआत की। यह अत्याधुनिक सेंटर फॉर एक्सीलेंस गंभीर अस्थमा के उपचार और प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण सेंटर के रूप में काम करेगा।

अस्थमा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गंभीर अस्थमा रोगियों की प्रभावी पहचान और उपचार के लिए एक व्यवस्थित, दिशानिर्देश-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्राथमिक लक्ष्यों में रोग नियंत्रण में सुधार करना, लक्षणों और तीव्रता को कम करना और मोरबीडीटी को कम करना शामिल है। गंभीर अस्थमा उन रोगियों को प्रभावित करता है जिनकी स्थिति स्टैण्डर्ड अस्थमा दवाओं की अधिकतम खुराक प्राप्त करने के बावजूद अनियंत्रित रहती है।

फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में पल्मोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. दिगंबर बेहरा ने विशेष देखभाल की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “ब्रोंकियल अस्थमा एक क्रोनिकल इंफ्लेमेटरी की स्थिति है जो दुनिया भर में लगभग 350 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है, अकेले भारत में लगभग 37.9 मिलियन लोग इससे पीड़ित हैं। चंडीगढ़, मोहाली, हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों में इसका प्रचलन विशेष रूप से अधिक है, जहाँ पर्यावरणीय कारक अक्सर अस्थमा के हमलों में योगदान करते हैं।”

“गंभीर अस्थमा के प्रभावी प्रबंधन के लिए निरंतर शोध, शिक्षा और सहायता की आवश्यकता होती है। हेल्थकेयर इकोसिस्टम के भीतर सहयोग बढ़ाने के लिए, हम श्वसन देखभाल में अग्रणी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी कर रहे हैं, ताकि बायोलॉजिकल समाधान और व्यक्तिगत चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित करने वाली उन्नत उपचार रणनीतियों को लागू किया जा सके।”

अभिनव तकनीकों से लैस, सीओई का लक्ष्य अपने पहले वर्ष के भीतर बड़ी संख्या में रोगियों की जांच करना है। इस पहल को स्थानीय स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ सहयोग के माध्यम से समर्थन दिया जाएगा, जिसमें अस्थमा प्रबंधन को अनुकूलित करने के लिए अनुसंधान और ज्ञान-साझाकरण पर जोर दिया जाएगा। अस्थमा एक आजीवन बीमारी है, जिसमें समय-समय पर सुधार और वृद्धि होती रहती है। रोग पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए उचित उपचार और रोगी शिक्षा महत्वपूर्ण है। लगभग 3-5 प्रतिशत अस्थमा रोगियों को गंभीर अस्थमा का अनुभव होता है, जिसके लिए विशेष देखभाल और उन्नत चिकित्सीय दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।

 डॉ. ए.के. मंडल, डायरेक्टर, पल्मोनोलॉजी, स्लीप एंड क्रिटिकल केयर, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली, पल्मोनोलॉजी में प्रमुख सलाहकार, ने रोगी परिणामों को बेहतर बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि “हमारे आउटपेशेंट सेवाओं ने मुश्किल-से-इलाज अस्थमा के मामलों के लिए रेफरल में वृद्धि देखी है। यह सीओई गंभीर अस्थमा के निदान और उपचार में हमारी सटीकता को बढ़ाएगा, नैदानिक मूल्यांकन, रोगी परामर्श और बायोलॉजिकल उपचार की शुरुआत पर ध्यान केंद्रित करेगा।”

प्रभु राम के बनवास के दृश्य रहे भावुक केंद्र

प्रभु राम के बनवास के दृश्य रहे भावुक केंद्र का आकर्षण,आज होगा सीता हरण 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 04      अक्टूबर :

श्री रामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब जैतो मंडी द्वारा चल रही रामलीला के चौथे दिन की रात्रि में  राम बनवास-2 का मंचन किया गया, जिसमें  माता कौशल्या और श्री राम के भावुक  संवाद  को श्री रामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब जैतो के कलाकारों ने बड़ी मेहनत से तैयार किया मंचन पेश किया । श्री राम-सीता का संगीतमय संवाद और वनवास के दौरान निषाद राज और श्री राम चंद्र की भेंट का दृश्य आकर्षण का केंद्र बने, जिसमें निषाद राज द्वारा भगवान श्री राम, सीता, लक्ष्मणजी को प्रेम से भोजन खिलाना और केवट द्वारा भगवान को गंगा पार ले जाना शामिल है। इस लीला में माता कौशल्या – संजय जिंदल, केवट – माणक शाह, निशाद राज – की भूमिका में पंकज जिंदल ने अच्छा प्रदर्शन किया और इस लीला का शुभारंभ समाज सेवी व उद्योगपति श्री संदीप कुमार  बांसल (राणा) फूल वालों  ने अपने कर कमलों द्वारा किया। अग्रवाल सभा के सभी सदस्यों द्वारा भगवान अग्रसेन जयन्ती पर अग्रसेन जी की आरती की  गई।इस अवसर पर रामलीला कमेटी के चेयरमैन सतीश भीरी, प्रधान ईश्वर जिन्दल, खुशहाल तनेजा, नरेश शिवा, अशोक गर्ग,नरेश मित्तल, और गणेश गोयल ,टोनी डोड एवं रामलीला क्लब के सभी सदस्य मौजूद रहे। इसके अलावा शहर के क‌ई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।5 अक्टूबर को सीता हरण 1 व सवरूनखा मंचन। रामलीला मंच का संचालन संदीप शर्मा टोनी व सोनू सूरी द्वारा बाखूबी से निभाया गया।

राशिफल, 04 अक्टूबर 2024

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 04 अक्टूबर 2024

aries
मेष/Aries

04 अक्टूबर :

अपने स्वास्थ्य को लेकर ज़्यादा चिंता न करें, क्योंकि इससे आपकी बीमारी और बिगड़ सकती है। पैसा अचानक आपके पास अएगा, जो अपके ख़र्चों और बिल आदि को सम्हाल लेगा। अपना अतिरिक्त समय निःस्वार्थ सेवा में लगाएँ। यह आपको और आपके परिवार को ख़ुशी और दिली सुकून देगा। कई लोगों के लिए आज की रोमांटिक शाम ख़ूबसूरत तोहफ़ों और फूलों से भरपूर रहेगी। कार्यक्षेत्र की बात करें तो आपकी टीम का सबसे ज़्यादा खीझने वाला व्यक्ति काफ़ी समझदारी की बातें करता नज़र आ सकता है। दिल के करीबी लोगों के साथ आपका वक्त बिताने का मन करेगा लेकिन आप ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। आपको महसूस होगा कि आपका वैवाहिक जीवन बहुत ख़ूबसूरत है।

अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषाचार्या से संपर्क करे, दूरभाष : 8194959327

वृष/Taurus

04 अक्टूबर :

प्रभावशाली लोगों का सहयोग आपके उत्साह को दोगुना कर देगा। धन की आवाजाही आज दिन भर होती रहेगी और दिन ढलने के बाद आप बचत करने में भी सक्षम हो पाएंगे। ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर बहस करने से बचें, जो आपके और प्रियजनों के बीच गतिरोध पैदा कर सकते हैं। अपने प्रिय की पुरानी बातों को माफ़ करके आप अपनी ज़िंदगी में सुधार ला सकते हैं। आज के दिन कार्यक्षेत्र में चीज़ें वाक़ई बेहतरी की ओर बढ़ सकेंगी, अगर आप आगे बढ़कर उन लोगों से भी दुआ-सलाम करें जो आपको ज़्यादा पसंद नहीं करते। आप खाली समय में अपने पसंदीदा काम करना पसंद करते हैं, आज भी आप ऐसा ही कुछ करने का सोचेंगे लेकिन किसी शख्स के घर में आने की वजह से आपका यह प्लान चौपट हो सकता है। कहते हैं कि स्त्रियाँ शुक्र और परुष मंगल ग्रह के रहने वाले हैं, लेकिन आज के दिन विवाहित शुक्र और मंगल एक-दूसरे में घुल जाएंगे।

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04 अक्टूबर :

मिथुन/Gemini

किसी सज्जन पुरुष की दैवीय बातें आपको संतोष और ढांढस बंधाएंगी। भविष्य में अगर आपको आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो आज से ही धन की बचत करें। आपके आकर्षण और व्यक्तित्व के ज़रिए आपको कुछ नए दोस्त मिलेंगे। शाम को प्रिय के साथ रोमांटिक मुलाक़ात और साथ में कहीं लज़ीज़ खाना खाने के लिहाज़ से बढ़िया दिन है। आज अनुभवी लोगों से जुड़कर जानने की कोशिश करें कि उनका क्या कहना है। अपने मन पर काबू रखना सीखें क्योंकि कई बार आप मन की मानकर अपना कीमती समय बर्बाद कर देते हैं। आज भी आप ऐसा कुछ कर सकते हैं। जीवनसाथी के साथ थोड़ा हँसी-मज़ाक़, थोड़ी छेड़-छाड़ आपको किशोरावस्था के दिनों की याद दिला देंगे।

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कर्क/Cancer

04 अक्टूबर :

शारीरिक लाभ के लिए, विशेषकर मानसिक तौर पर मज़बूती हासिल करने के लिए ध्यान और योग का आश्रय लें। अगर आप लोन लेने वाले थे और काफी दिनों से इस काम में लगे थे तो आज के दिन आपको लोन मिल सकता है। अगर आप अपने साथी के नज़रिए को नज़रअंदाज़ करेंगे, तो वह अपना आपा खो सकता/सकती है। विवाह-प्रस्ताव के लिए सही समय है, क्योंकि आपका प्यार जीवन भर के साथ में बदल सकता है। भागीदार आपकी योजनाओं और व्यावसायिक ख़यालों के प्रति उत्साही होंगे। किसी वजह से आज आपके ऑफिस में जल्दी छुट्टी हो सकती है इसका आप फायदा उठाएंगे और अपने परिवार के लोगों के साथ कहीं घूमने जाएंगे। आपको महसूस होगा कि आपका वैवाहिक जीवन बहुत ख़ूबसूरत है।

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Leo
सिंह/Leo

04 अक्टूबर :

आज के दिन ऐसी चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है, जो आपकी सेहत में सुधार ला सकती हैं। आज आपको अपना धन खर्च करने की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि घर का कोई बड़ा आज आपको धन दे सकता है। अपने दोस्तों को अपने उदार स्वभाव का ग़लत फ़ायदा न उठाने दें। प्यार-मोहब्बत के मामले में दबाव बनाने की कोशिश न करें। रचनात्मक काम में लगे लोगों के लिए सफलता से भरा दिन है, उन्हें वह शौहरत और पहचान मिलेगी जिसकी उन्हें एक अरसे से तलाश थी। कोई आध्यात्मिक गुरू या बड़ा आपकी सहायता कर सकता है। जीवनसाथी द्वारा परिवार और मित्रों के बीच नकारात्मक तरीक़े से आपके वैवाहिक जीवन की निजी बातें उजागर हो सकती हैं।

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कन्या/Virgo

04 अक्टूबर :

ऊर्जा और उत्साह का अतिरेक आपको घेर लेगा और आप सामने आने वाले सभी मौक़ों का भरपूर फ़ायदा उठाएंगे। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। आज के दिन बिना कुछ ख़ास किए आप आसानी से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में क़ामयाब रहेंगे। आप इस दिन को अपनी ज़िन्दगी में कभी नहीं भूलेंगे, अगर आप प्यार में डूबने के मौक़े को आज यूँ ही न गवाएँ तो। सहकर्मियों और वरिष्ठों से मिला सहयोग आपके उत्साह में इज़ाफ़ा करेगा। जो लोग बीते कुछ दिनों से काफी व्यस्त थे उन्हें आज अपने लिए फुर्सत के पल मिल सकते हैं। यह आपके पूरे वैवाहिक जीवन के सबसे ज़्यादा स्नेहपूर्ण दिनों में से एक हो सकता है।

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Libra
तुला/Libra

04 अक्टूबर:

दोस्तों का रुख़ सहयोगी रहेगा और वे आपको ख़ुश रखेंगे। अपने अतिरिक्त धन को सुरक्षित जगह पर रखिए, जो आने वाले वक़्त में आप फिर पा सकें। आपके जीवन-साथी की सेहत चिंता का सबब बन सकती है और उसे चिकित्सकीय देखरेख की ज़रूरत है। अगर आप हुक़्म चलाने की कोशिश करेंगे, तो आपके और आपके प्रिय के बीच काफ़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। ऐसे काम हाथ में लें, जो रचनात्मक प्रकृती के हैं। दिक़्क़तों का तेज़ी से मुक़ाबला करने की आपकी क्षमता आपको ख़ास पहचान दिलाएगी। अलग-अलग नज़रिए के चलते आपके और आपके जीवनसाथी के बीच वाद-विवाद हो सकता है।

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वृश्चिक/Scorpio

04 अक्टूबर:

सेहत को देखभाल की ख़ास ज़रूरत है। आज सफलता का मंत्र यह है कि उन लोगों की सलाह पर पैसे लगाएँ, जो मौलिक सोच रखते हों और अनुभवी भी हों। रिश्तेदारों के साथ बिताया गया वक़्त आपके लिए फ़ायदेमंद रहेगा। अपनी बातों को सही साबित करने के लिए आज के दिन आप अपने संगी से झगड़ सकते हैं। हालांकि आपका साथी समझदारी दिखाते हुए आपको शांत कर देगा। योग्य कर्मियों को पदोन्नति या आर्थिक मुनाफ़ा हो सकता है। आपकी संप्रेषण अर्थात कम्यूनिकेशन की क्षमता प्रभावशाली साबित होगी। सेहत के नज़रिे से गले लगने के अपने फ़ायदे हैं और आपको यह एहसास आज अपने जीवनसाथी से मिल सकता है।

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04 अक्टूबर:

धनु/Sagittarius

अपने विचार व्यक्त करने में हिचकिचाएँ नहीं। आत्मविश्वास की कमी को ख़ुद पर हावी न होने दें, क्योंकि यह सिर्फ़ आपकी समस्या को और जटिल बनाएगा, साथ ही आपकी तरक़्क़ी में भी रोड़ा अटकाएगा। अपना आत्मविश्वास फिर से हासिल करने के लिए अपनी बात खुल कर कहें और परेशानियों का सामना होठों पर मुस्कुराहट के साथ करें। बीते दिनों में जितना धन आपने आज को बेहतर बनाने के लिए इनवेस्ट किया था उसका फायदा आज आपको फायदा मिल सकता है। सही समय पर आपकी सहायता किसी को बड़ी परेशानी से बचा सकती है। रोमांस के नज़रिए से आज ज़िन्दगी बहुत जटिल रहेगी। लंबित परियोजनाएँ पूरी होने की दिशा में बढ़ेंगी। अगर आप अपने घर से बाहर रहकर अध्ययन या नौकरी करते हैं तो आज के दिन आप खाली समय में अपने घर वालों से बात कर सकते हैं। घर की किसी खबर को सुनकर आप भावुक भी हो सकते हैं। कोई रिश्तेदार अचानक आपके घर आ सकता है, जिसके चलते आपकी योजनाएँ गड़बड़ा सकती हैं।

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04 अक्टूबर:

मकर/Capricorn

रक्तचाप के मरीज़ों को ख़ास ख़याल रखने और दवा-दारू करने की ज़रूरत है। साथ ही उन्हें कॉलेस्ट्रोल को क़ाबू में रखने की कोशिश भी करनी चाहिए। ऐसा करना आगे काफ़ी लाभदायक सिद्ध होगा। अगर आपका धन से जुड़ा कोई मामला कोर्ट-कचहरी में अटका था तो आज उसमें आपको विजय मिल सकती है और आपको धन लाभ हो सकता है। घर में कुछ बदलाव लाने के लिए पहले बाक़ी लोगों की राय भली-भांति जान लें। आज किसी ऐसे इंसान से मिलने की संभावना है जो आपके दिल को गहराई से छूएगा। नौकरों और सहकर्मियों से परेशानी होने की संभावना को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है। आज घर में अधिकतर समय आप सो कर गुजार सकते हैं। शाम के वक्त आपको महसूस होगा कि आपने अपना कितना कीमती समय बर्बाद कर दिया। अगर आप अपने जीवनसाथी से स्नेह की आशा रखते हैं, तो यह दिन आपकी आशाओं को पूरा कर सकता है।

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04 अक्टूबर:

कुम्भ/Aquarius

किसी भी तरह के द्वन्द्व या विरोध से बचें, क्योंकि आपकी सेहत पर इसका बुरा असर होगा। आर्थिक तंगी से बचने के लिए अपने तयशुदा बजट से दूर न जाएँ। पारिवारिक समारोह में नए दोस्त बन सकते हैं। हालाँकि अपने चयन में सावधानी बरतें। अच्छे दोस्त उस ख़ज़ाने की तरह होते हैं, जिसे सारी ज़िंदगी दिल के क़रीब रखा जाता है। ज़रा संभल कर, क्योंकि आपका प्रिय रूमानी तौर पर आपको मक्खन लगा सकता है – मैं तुम्हारे बग़ैर इस दुनिया में नहीं रह सकता/सकती। अपने साथी को यूँ ही हमेशा के लिए मिला न मानें। घर से बाहर निकलकर आज आप खुली हवाओं में टहलना पसंद करेंगे। आज आपका मन शांत होगा जिसका फायदा आपको पूरे दिन मिलेगा। मुमकिन है कि आपके माता-पिता आपके जीवनसाथी को कुछ शानदार आशीर्वाद दें, जिसके चलते आपके वैवाहिक जीवन में और निखार आएगा।

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04 अक्टूबर :

मीन/Pisces

व्यस्त दिनचर्या के बावजूद सेहत अच्छी रहेगी। लेकिन इसे हमेशा के लिए सच मानने की ग़लती न करें। अपनी ज़िंदगी और सेहत का सम्मान करें। आपके माता पिता आपकी फिजूलखर्ची को देखकर आज चिंतित हो सकते हैं और इसलिए आपको उनके गुस्से का शिकार भी होना पड़ सकता है। जिन्हें भावनात्मक संबल की ज़रूरत है, वे पाएंगे कि बड़े मदद के लिए आगे आ रहे हैं। आपके महंगे तोहफ़े भी आपके प्रिय के चेहरे पर मुस्कान लाने में नाकाम साबित होंगे, क्योंकि वह उनसे क़तई प्रभावित नहीं होगा/ होगी। कार्यक्षेत्र में आज आप अपने काम में प्रगति देखेंगे। खाली समय में आज आप अपने मोबाइल पर कोई वेब सीरीज देख सकते हैं। जीवनसाथी के ख़राब स्वास्थ्य की वजह से आपका कामकाज प्रभावित हो सकता है।

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पंचांग, 04 अक्टूबर 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 04 अक्टूबर 2024

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः आश्विनी़ 

पक्षः शुक्ल, 

तिथिः द्वितीया अरूणोदय काल 05.31 तक है, 

वारः शुक्रवार।

नोटः आज पश्चिम की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः चित्रा सांय काल 06.38 तक है, योग वैधृति अरूणोदयः काल 05.21 तक है, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः तुला, 

राहू कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,

सूर्योदयः 06.20, सूर्यास्तः 05.58 बजे।

पितृपक्ष और नवरात्र की महालया

पितृपक्ष और नवरात्र की संधिकाल को महालया कहा जाता है इस समय मां दुर्गा के घर आगमन के लिए पूजा की जाती है और पितरों को जल देकर प्रार्थना और नमन करते हैं कि आपअपनेलोकमेंप्रसन्नरहें और अपने परिवारजन पर हमेशा कृपा दृष्टि बनाए रखें| महालया अमावस्या की सुबह को पितर पृथ्वीलोक से विदाई लेते हैं और शाम के समय मां दुर्गा अपनी योगनियां और पुत्र गणेश,कार्तिकेय के साथ पृथ्वी पर पधारती हैं अर्थात महालया के दिन पितृपक्ष समाप्त होता है और इसी दिन से देवीपक्ष की शुरुआत हो जाती है| मान्यता है कि पृथ्वीलोक देवी पार्वती का मायका है और नवरात्रि के नौ दिनों में पृथ्वी पर रहते हुए लोगों की कठिनाइयों को दूर करती हैं |इसलिए इस दिन से माँ की आराधना विशेष रूप से की जाती है।

श्राद्ध पक्ष ‘मृतकों’ का न हो कर जीवन के प्रति, अमरता के प्रति, अक्षुण्ण प्रवाह के प्रति समर्पण का सायास आयोजन है । जन्मदिन मनाने से भी आगे जा कर उन पूर्वजों को अमरत्व प्रदान करना है जिनके कारण हमारा अस्तित्त्व इस धरा पर है। एक बहुत ही प्राचीन भारतीय विचार है, मनुष्य अपने जीवनकाल में तीन जन्म लेता है, पहला माँ के गर्भ से, दूसरा शिक्षा प्राप्ति हेतु गुरु के निकट जाने पर जिसे कि अलङ्कारिक रूप में कहा गया कि श्रीगणेश के समय वह शिष्य को अपने गर्भ में तीन दिन रखता है एवं तीसरा जो कि सबसे गहन है, तब होता है जब शरीर मरती है ।

अश्वनी कुमार तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, बिहार,  03 अक्टूबर:

इस विचार के आलोक में श्राद्धपक्ष को देखें, श्रद्धा आयोजन का महत्त्व समझ में आ जायेगा।

‘श्रद्धा’ शब्द ‘श्रत्’ या ‘श्रद्’ शब्द से ‘अङ्’ प्रत्यय होने पर बनता है, जिसका अर्थ है- ‘आस्तिक बुद्धि। ‘सत्य धीयते यस्याम् सा श्रद्धा’ अर्थात् जिसमें सत्य प्रतिष्ठित है वह श्रद्धा है । श्राद्ध श्रद्धा से ही व्युत्पन्न है। संस्कृत श्रत् रोमन मूल के अंग्रेजी शब्द Heart के मूल में है जिसमें निष्ठा एवं श्रद्धा का शालग्राम निहित है, कहते हैं न by heart !  

मनुष्य एक स्मृतिजीवी प्राणी है। स्मृतियों को ले कर जाने कितनी कलाकृतियाँ, साहित्य, गीत, समर्पण आदि नित्य सृजित किये जाते रहे हैं, जायेंगे । शरीर ‘शॄ-ईरन्’ के मूल में शॄ है, हिंसा से जुड़ा, क्षरण से जुड़ा। युवा होता पिण्ड विस्तार लेता है, देह (दिह्-घञ्) कहलाता है, वृद्धि करता है। एक निश्चित समय के पश्चात वह छीजने लगता है, शरीर हो जाता है।   एक दिन शरीर नहीं रहती , स्मृतियाँ रह जाती हैं ।

देखें तो स्मृति (स्मृ-क्तिन्) मरण के शाश्वत सत्य के बीच अमरता का बीज है जिसे मनुष्य विविध आयोजनों से सायास बनाये रखता है । सनातन प्रज्ञा सुकर्मों पर केंद्रित है क्यों कि उनसे स्मृति का शुभ्र पक्ष बढ़ता है । ‘मृत व्यक्ति के बारे में बुरा नहीं कहते’ इस कथन के पीछे एक सूक्ष्म मनोविज्ञान है कि हम मृत की स्मृति में कभी उसकी बुराइयाँ नहीं दुहराते । ‘सत्य शिवम् सुन्‍दरम्’ की अवधारणा के नेपथ्य में एक स्वस्थ, सुन्दर, चिरजीवी समाज का स्वप्न है जिसकी स्मृतियों में शुभ्रता का साम्राज्य रहे ।

हमारे बीच साक्षात सदेह रह कर गये पितर यहीं महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। वे देवताओं की भाँति दुर्लभ नहीं, कभी सहज सुलभ रहे होते हैं । देवस्तोत्रों की तुलना में महान कर्म करने वाले पूर्वजों की स्मृतियों के माध्यम से हम वरेण्य व्यवहार के निकट अधिक सरलता से पहुँच सकते हैं । इस कारण ही पितरों को देवतुल्य माना गया है। संसार की समस्त प्राचीन सभ्यताओं में पितरों के प्रति श्रद्धा का भाव अभिव्यक्त हुआ है । सनातन में प्रत्येक वर्ष का एक पक्ष पितरों के श्राद्ध हेतु निश्चित है, आश्विन(पूर्णिमान्‍त) माह का यह कृष्ण पक्ष वही है। पूर्णिमा तिथि वाले एक दिन पूर्व की भाद्रपद पूर्णिमा को भी सम्मिलित कर लेते हैं।

देखें तो स्मृतियों को जीना मरण या नश्वरता के विरुद्ध जीवन अभियान है। वैदिक संहिताओं से ले कर आख्यानों तक, पुराणों तक अमरत्व की इच्छा, साधना, व्यवस्थायें विविध रूपों में अभिव्यक्त हुई हैं । देवताओं के समान्‍तर पितरों का अस्तित्त्व वृत्तीय सममिति में बना ही रहता है मानों ‘यिन यान’ हो ।

दिन देव, रात पितर; शुक्ल देव, कृष्ण पितर; उत्तरायण देव, दक्षिणायन पितर; देवयान पितृयान … सन्‍तुलित श्रद्धा के बहुआयामी विवरण विविध स्रोतों में मिलते हैं। भक्तिपूरित देव आराधना में कर्मकाण्ड पीछे छूट जाते हैं तो पितरों हेतु यहाँ तक कहा गया है कि कुछ न मिले, मन्‍त्र न पता हों तो श्रद्धा के साथ जलाञ्जलि ही पर्याप्त है।

#पितृपक्ष और #नवरात्र की संधिकाल को महालया कहा जाता है इस समय मां दुर्गा के घर आगमन के लिए पूजा की जाती है और पितरों को जल देकर प्रार्थना और नमन करते हैं कि आपअपनेलोकमेंप्रसन्नरहें और अपने परिवारजन पर हमेशा कृपा दृष्टि बनाए रखें| महालया अमावस्या की सुबह को पितर पृथ्वीलोक से विदाई लेते हैं और शाम के समय मां दुर्गा अपनी योगनियां और पुत्र गणेश,कार्तिकेय के साथ पृथ्वी पर पधारती हैं अर्थात महालया के दिन पितृपक्ष समाप्त होता है और इसी दिन से देवीपक्ष की शुरुआत हो जाती है| मान्यता है कि पृथ्वीलोक देवी पार्वती का मायका है और नवरात्रि के नौ दिनों में पृथ्वी पर रहते हुए लोगों की कठिनाइयों को दूर करती हैं |इसलिए इस दिन से माँ की आराधना विशेष रूप से की जाती है।

#महालया- नवरात्र को दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत महालया से होती है । महालया नवरात्र या दुर्गा पूजा से एक पहले दिन को होता है। इसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वो धरती पर आए और अपने भक्तों को आशीर्वाद दें।

* महालया त्योहार ज्यादातर बंगालियों द्वारा मनाया जाता है। इसमें मां दुर्गा को उनके भक्तों की महिसासुर से रक्षा करने के लिए बुलाया जाता है। ये अमावस्या की काली रात को मनाया जाता है और भक्त मां से धरती पर आने की प्रार्थना करते हैं।महालया के दिन मां की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार, मां दुर्गा की आंखों को बनाते हैं जिसे चक्षुदान भी कहते हैं ।

* महालया के अगले दिन से मां दुर्गा के नौ दिनों की पूजा के लिए कलश स्थापना की जाती है इसके साथ ही देवी के नौ रूपों की पूजा के साथ नवरात्रि की पूजा शुरू हो जाती है।