भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक
- भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण वर्ष पर पंजाब राजभवन में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
- राज्यपाल कटारिया एवं जैन आचार्य लोकेश ने ‘भगवान महावीर दर्शन से विश्व शांति व विकास’ राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया
- भगवान महावीर का अहिंसा दर्शन मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक : राज्यपाल कटारिया
- भगवान महावीर दर्शन आधारित नीति निर्माण से विश्व शांति व सतत विकास संभव : आचार्य लोकेश
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 26 अक्टूबर:
पंजाब के राज्यपाल एवं चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया एवं विश्व शांतिदूत जैन आचार्यश्री लोकेश के सन्निधि में भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण वर्ष के अवसर पर पंजाब राजभवन में अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘भगवान महावीर दर्शन से विश्व शांति व विकास’ का आयोजन हुआ | महामंडलेश्वर डॉ स्वामी दिनेश्वरानन्द, जी पंजाब लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष जतिंदर सिंह औलख, जीतो एपेक्स के कोषाध्यक्ष सम्पत राज चपलोत, प्रख्यात समाजसेवी डॉ आलोक ड्रोलिया,पूर्व सांसद एवं सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने सभागार में भारी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित किया|
गुलाब चंद कटारिया ने इस अवसर पर कहा कि भगवान महावीर का दर्शन 2600 वर्ष पूर्व जितना उपयोगी था उससे मौजूदा समय में अधिक प्रासंगिक है।उन्होंने कहा महावीर दर्शन में अनेक वैश्विक समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है। राज्यपाल ने कहा कि जैन आचार्य लोकेशजी उन्हीं शिक्षाओं को विश्व भर में प्रचारित कर जैन धर्म व भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ा रहे हैं।उन्होंने कहा महावीर के अहिंसा दर्शन से विश्व शांति व विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
राज्यपाल कटारिया ने इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा निर्मित किए गए भारत के पहले विश्व शांति केंद्र की प्रतिकृति जारी की। उन्होंने आचार्यश्री को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य लोकेश ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान विश्व, युद्ध और हिंसा, ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण प्रदूषण, ग़रीबी असमानता जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। भारतीय संस्कृति और भगवान महावीर के दर्शन में इन सभी समस्याओं का समाधान है | इन सिद्धांतों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना और नीति निर्माण का हिस्सा बनाना बेहद महत्वपूर्ण होगा।
पंजाब लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष जतिंदर सिंह औलख ने कहा कि भारत की आधी आबादी गांवों में रहती है, गाँव और शहर दोनों के सतत विकास के लिए संतुलन बनाना आवश्यक है इसके लिए महावीर स्वामी जी की शिक्षाएँ बहुत उपयोगी है।
जैन धर्म के सबसे शक्तिशाली संगठन “जीतो एपेक्स” के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सम्पत राज चपलोत ने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षाओं पर आधारित जैन समाज का राष्ट्र व समाज विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।उन्होंने कहा जैन आचार्य लोकेशजी कि कार्यशैली से विश्व का जनमानस लाभान्वित हो रहा है।
प्रख्यात समाजसेवी डॉ आलोक ड्रोलिया ने कहा कि पूज्य आचार्य जी द्वारा स्थापित भारत का प्रथम विश्व शांति केंद्र जिसका शीघ्र उद्घाटन होने जा रहा है वैश्विक जनमानस के कल्याण के लिए मील का पत्थर साबित होगा |
इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल श्री को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया एवं राजभवन के गरिमामय स्थान पर शानदार कार्यक्रम के आयोजन के लिए पंजाब राजभवन एवं सभी सहयोगियों का आभार प्रकट किया|