भारत सरकार का खेल बिल और आईओसी

वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन सिंह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  21    अक्टूबर :

भारत सरकार देश में खेल संगठनों के काम काज को सुचारू रूप से चलने के लिए एक खेल विधेयक लाने को तैयार है। उसका मसौदा पूरी तरह तैयार है। इस विधेयक में विभिन्न खेल संगठनों पर सरकारी पकड़ मजबूत करने के प्रबंध किए गए हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के चार्टर के अनुसार किसी भी देश का ओलंपिक संघ वहां की सरकार और राजनेताओं की पकड़ से बाहर होना अनिवार्य है। सभी खेल संगठनों के चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से होने ज़रूरी हैं। उनका पंजीकरण भी उस देश के ओलंपिक संघ के साथ होना चाहिए। सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह खेल संगठनों को मान्यता दे। इतना ही नहीं बल्कि ओलंपिक चार्टर के अनुसार अगर किसी देश में खिलाड़ियों के साथ, लिंग या रंगभेद के कारण भेदभाव किया जाता है तो आईओसी उस देश की ओलंपिक कमेटी की मान्यता वापिस ले लेती है। उस हालत में वह देश आईओसी की खेल प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले सकता। इसमें ओलंपिक खेल भी शामिल हैं। असल में ओलंपिक खेलों का मकसद विश्व बंधुत्व को बढ़ावा देना है। साथ ही खेलों को राजनीतिक नेताओं के चंगुल से दूर रखना भी है।
ओलंपिक चार्टर के आधार पर ही पहले विश्व युद्ध के बाद 1920 के एंटवर्प ओलंपिक खेलों से ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, जर्मनी, हंगरी और तुर्की को बाहर रखा गया था। बल्कि जर्मनी पर तो यह रोक 1924 के पेरिस ओलंपिक तक जारी रही। जर्मनी और जापान को 1948 के लंदन ओलंपिक में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे।
रंगभेद की नीति के कारण दक्षिण अफ्रीका 1964 के टोक्यो ओलंपिक से लेकर 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक तक किसी खेल में भाग नहीं ले पाया। इसी तरह 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नस्लीय अलगाव की नीतियों के कारण रोडेशिया ( जिम्बाब्वे) पर रोक रही। इसी प्रकार महिलाओं के खेलने पर रोक लगाने के कारण अफगानिस्तान को भी 2000 के सिडनी ओलंपिक खेलों से बाहर रखा गया। यूक्रेन युद्ध के कारण इसी साल टोक्यो ओलंपिक से रूस और बेलारूस भी बाहर रहे।
भारत सरकार ने जो मसौदा तैयार किया है उसमें स्पोर्ट्स रेगुलेटरी बॉडी बनाने का प्रस्ताव है। अगर यह बॉडी बनती है तो यह आईओए के अधिकार क्षेत्र में सीधा हस्तक्षेप होगा। इसे आईओसी कभी स्वीकार नहीं करेगा। इस बात को लेकर एक पत्र आईओए की अध्यक्ष पी टी उषा ने खेल मंत्रालय को लिखा है। उन्होंने लिखा है कि देश के खेल संघों को मान्यता देने का अधिकार आईओए का है। सरकार इसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती। ओलंपिक चार्टर के अनुसार उषा की बात सही है। उसे संदेह है कि इस प्रकार का विधेयक बनाने से आईओसी भारत पर भी प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि आईओए के उपाध्यक्ष गगन नारंग ने बिल का स्वागत किया है।
अगर इतिहास को देखें तो पाएंगे कि आईओसी ने हमेशा अपने चार्टर को आगे रखा है। वे लोग सरकारी हस्तक्षेप सहन नहीं करेंगे।
इस के अलाव अगर भारत की बात करें तो आईओए कई बार विवादों में घिरा है। इसमें बड़ी गुटबाजी है। इसका नुकसान देश के खिलाड़ियों को उठाना पड़ा है। आज यहां ऐसे ऐसे खेल संगठन आईओए की मान्यता लिए बैठे हैं जिन खेलों के नाम भी किसी ने नहीं सुने। कई लोगों ने अपने खेल संगठन ट्रस्ट या लिमिटेड कंपनी बना कर भी चला रखे हैं। चाहे उन्हें आईओए ने मान्यता नहीं दी है पर वे चल रहे हैं। ऐसे संगठनों के चुनाव भी नहीं होते, क्योंकि किसी ट्रस्ट या कंपनी के चुनावों में आम खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकते। इनमें राज्य इकाइयों के प्रतिनिधि नहीं आते।
ऐसे संगठनों को देश की टीम्स चुनने का अधिकार नहीं है।

रणबीर गंगवा ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए क्षेत्रवासियों का जताया आभार

लोकनिर्माण एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए मिल गेट क्षेत्रवासियों का जताया आभार

मुनिश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 21      अक्टूबर :

लोकनिर्माण एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने विधानसभा चुनाव में जीत के लिए मिल गेट क्षेत्रवासियों का आभार जताया है। सोमवार को मिल गेट में आयोजित अभिनंदन समारोह में उन्होंने कहा कि बरवाला से पहली बार भाजपा को जीत दिलाने में इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि बरवाला की ऐतिहासिक जीत जनता के भरोसे, कार्यकर्ताओं की मेहनत और पार्टी की दूरदर्शी नीतियों की जीत है, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वंचित व्यक्ति के कल्याण के लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों ने वास्तविक रूप में धरातल पर पर असर दिखाया। कैबिनेट मंत्री ने क्षेत्र वासियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा  मुख्यमंत्री नायब सैनी की अगुवाई में हरियाणा ने निरंतर नई बुलंदियों को हासिल करेगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा एक और हरियाणवी एक की नीति पर चलते हुए सब का साथ और सबका विकास की भावना से काम किया जाएगा। बरवाला हल्के की समस्त जनता उनका परिवार है और इस परिवार के लिए नई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करवाना उनका लक्ष्य रहेगा। इस अवसर पर हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, अजय दीप जांगड़ा, पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉक्टर दलबीर भारती, पार्षद जयप्रकाश, पार्षद मनोहर लाल, भतेरी भगाना, जिला पार्षद ओम प्रकाश, ओपी मालिया, बनवारी लाल, कृष्ण सैनी, सतबीर गुर्जर, सेवा सिंह, सज्जन, अशोक शर्मा, तथा देवेंद्र सैनी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

साहित्य विज्ञान केंद्र ने धूमधाम से मनाया वार्षिक कार्यक्रम

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  21 अक्टूबर:

साहित्य विज्ञान केंद्र की ओर से कम्युनिटी सेंटर सेक्टर 42 के सभागार में वार्षिक कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंजाब व हरियाणा खादी मंडल के अध्यक्ष के के शारदा और अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज ने की। कार्यक्रम का संचालन केंद्र के अध्यक्ष गुरदर्शन मावी ने किया। आए हुए मेहमानों का स्वागत जनरल सचिव दविंदर कौर ढिल्लों ने किया।

यह कार्यक्रम बहुत अनूठा था, जिसमें पंजाबी संस्कृति को गीत, संगीत, सकिट द्वारा प्रस्तुत किया गया। शुरुआत सबसे पहले पिंजौर से पहुंचे गुरदास सिंह दास के धार्मिक गीत से हुई। पंजाब की माटी गीत को नृत्य में दविंदर कौर ढिल्लों, मलकीत कौर बसरा, नरिंदर कौर लोंगिया, चरणजीत कौर बाठ, रमनदीप कौर, ज्योति ने बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। बलविंदर सिंह ढिल्लों, रतन बाबकवाला, मनजीत सिंह बल, दर्शन सिंह सिद्धू, लाभ सिंह लहरी, तरसेम राज ने पंजाबी गीतों से कला के जौहर दिखाए। सुरजीत सिंह धीर ने गुरदर्शन मावी की गजल तरुनाम में प्रस्तुत की। गुरदर्शन मावी और दर्शन टिउणा ने सकिट चालाक नौकर प्रस्तुत की। आखिर में ‘जागो’ ने सभी को डांस करने के लिए मजबूर कर दिया।

पुलिस स्मृति दिवस का किया आयोजन

पुलिस ने पुलिस ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस स्मृति दिवस का किया आयोजन 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 21 अक्टूबर :

आज पुलिस स्मृति दिवस पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए  पुलिस लाइन फरीदकोट में स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री अश्वनी कुमार, डीआइजी, फरीदकोट रेंज, फरीदकोट, श्री दिनेश कुमार वाधवा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, फरीदकोट, श्री गगनदीप सिंह चीमा, डीआइजी, बीएसएफ, कमांडेंट बलबीर सिंह और श्री चंद्र शेखर, सिविल सर्जन थे। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित उपायुक्त श्री विनीत कुमार ने कहा कि 21 अक्टूबर को पूरे देश में पुलिस ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर अधिकारियों एवं जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है. जिन्होंने दुश्मनो के साथ लड़ाई की और देश की शांति और सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने शहीद पुलिस अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शहीदों के बलिदान के कारण ही हम आजाद फिजा में सांस ले रहे हैं।उन्होंने कहा कि शहीदों के इस अतुल्य बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें इन शहीदों से प्रेरणा लेकर अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी और परिश्रम से निभाना चाहिए। प्रज्ञा जैन एसएसपी फरीदकोट ने इस दिन के महत्व और चीन और लद्दाख हमले के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों/अधिकारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये शहीद पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के लिए प्रकाश की किरण के रूप में हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे और अन्य पुलिस कर्मियों के लिए और अधिक जुनून, कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों के इस निस्वार्थ बलिदान के लिए पूरा देश शहीदों के परिवारों का ऋणी रहेगा। इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया और उनसे बातचीत कर उनके दुख-दर्द व समस्याएं सुनीं और मौके पर ही उनके समाधान के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिये. इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में भी ऐसी समस्याओं के तत्काल समाधान के लिए विशेष प्रयास करने का आश्वासन दिया, इसके बाद श्री जसमीत सिंह साहीवाल, एसपी फरीदकोट ने 01.09.2023 से 31.08 तक ड्यूटी के दौरान शहीद हुए पुलिस अधिकारियों की भी जानकारी ली। 2024./कर्मचारियों के नाम पढ़े गये। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए श्री समशेर सिंह डीएसपी (एस) फरीदकोट के नेतृत्व में एक शोक परेड आयोजित की गई। इसके बाद सभी अधिकारियों एवं दर्शकों ने खड़े होकर सिर झुकाकर 02 मिनट का मौन रखा।

खेलो इंडिया महिला रोड साइकलिंग लीग 22 से गोहाना में 

डेमोक्रेटिक फ्रंट, गोहाना –  21      अक्टूबर :

खेलो इंडिया महिला साइकलिंग लीग का आयोजन भारतीय साइकलिंग महासंघ  खेल मंत्रालय भारत सरकार तथा हरियाणा राज्य साइकलिंग संघ द्वारा 22 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक गोहाना में किया जा रहा है। यह महिला  रोड साइकलिंग लीग होगी जिसमें सब जूनियर यूथ गर्ल्स जूनियर गर्ल्स तथा सीनियर महिला वर्ग में होगा। जिसमें इंडिविजुअल टाइम ट्रायल में प्रथम स्थान हासिल करने वाले को 20000 द्वितीय स्थान हासिल करने वाली खिलाडी को 15000 तृतीय स्थान हासिल करने वाली को 12000  तथा चौथा स्थान हासिल करने वाली महिला साइकिलिस्ट को ₹8000 की इनामी राशि दी जाएगी। इस प्रतियोगिता के लिए भारतीय साइकिलिंग महासंघ एवं खेल मंत्रालय द्वारा खिलाड़ियों का चयन उत्तर जोन दक्षिण जोन पश्चिमी जोन  एवं पूर्व जोन के अनुरूप किया गया है जो इस प्रतियोगिता में अपने जौहर दिखाएंगे  इस प्रतियोगिता के आयोजन की मुख्य रूप से जिम्मेवारी चारों जोन के इंचार्ज नीरज तंवर को सौंपी गई है उनकी देखरेख में यह प्रतियोगिता होगी। खिलाड़ियों के लिए रहने खाने की व्यवस्था नियमानुसार सही कर दी गई है ताकि किसी महिला साइकिलिस्ट को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। प्रतियोगिता का शुभारंभ 22 अक्टूबर को प्रातः 7:30 बजे होगा।

कोरोना महामारी में देश की पुलिस ने फरिश्ते जैसी भूमिका निभाई

  • शहादत के बाद पुलिस व उनके परिजनों को भी मिले सेना जैसा सम्मान: वीरेश शांडिल्य 
  • ‘‘कोरोना महामारी में देश की पुलिस ने फरिश्ते जैसी भूमिका निभाई’’  शांडिल्य

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 21     अक्टूबर :

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व विश्व हिन्दु तख्त के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने आज अंबाला शहर पुलिस लाइन में जाकर पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदी स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की, शीश नवाया व वीरेश शांडिल्य ने हरियाणा पुलिस सहित देश के तमाम उन पुलिस अधिकारियों को सलाम किया जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपनी शहादत दी। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने शहीदी स्मारक पर ही पत्रकारों से बातचीत करते हुए गीत की लाइनें सुनाई ‘‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी’’ उन्होंने देश की खाकी को सलाम किया और कहा कि देश में अपराध व अपराधी खाकी से कांपते हैं अगर खाकी न हो तो जंगल राज हो जाए। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि कोरोना महामारी में में देश की पुलिस ने यह साबित किया कि खाकी देश की जनता का सुरक्षा कवच भी जरूरत पड़Þने पर बन सकती है और दिन रात कोरोना काल में पुलिस ने सेवा की।

 एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने कहा कि संविधान, कानून को लागू जमीनी स्तर पर पुलिस ही करती है और आज पुलिस स्मृति दिवस पर मैं देश के तमाम उन पुलिस अधिकारियों, कर्मियों को नमन करता हूं जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वीरेश शांडिल्य ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि देश की पुलिस के लिए भी सेना जैसी सुविधाएं, शहादत के बाद सेना जैसा सम्मान व परिजनों को सेना के शहीद जवानों जैसी सुविधाएं मिले। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उनका फ्रंट हमेशा सेना की तरह ही देश की पुलिस के साथ खड़ा है। इस मौके पर सुरेंद्र पाल केके, संजीव विक्टर, सुभाष वालिया भी मौजूद थे।

75 कविताओं के काव्य संग्रह ‘मन परिंदा ‘का हुआ भव्य लोकार्पण

बदलते रिश्तों, सामाजिक कुरीतियों व इच्छाओं से ऊपर उठ कर ही नारी बनेगी सशक्त: सुषमा जोशी

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  21 अक्टूबर:

साहित्य प्रेमियों और सामाजिक विचारकों के लिए यह एक यादगार दिन रहा, जब लेखिका सुषमा जोशी के 75 कविताओं के काव्य संग्रह ‘मन परिंदा का भव्य लोकार्पण हुआ। इस विशेष अवसर पर, सुषमा जोशी ने अपने संबोधन में महिलाओं की सशक्तिकरण की दिशा में समाज के बदलते रिश्तों, कुरीतियों और इच्छाओं से ऊपर उठने की जरूरत पर जोर दिया।

सुषमा जोशी ने कहा, “नारी को अगर सशक्त बनना है, तो उसे समाज में मौजूद कुरीतियों, बंधनों और अपने ही भीतर की इच्छाओं से ऊपर उठना होगा। जब तक नारी इन सीमाओं को पार नहीं करती, वह अपनी वास्तविक शक्ति को पहचान नहीं पाएगी।”

काव्य संग्रह ‘मन परिंदा नारी के भीतर की उड़ान, उसकी अस्मिता, चुनौतियों और उसकी आंतरिक ताकत को बखूबी व्यक्त करता है। जोशी ने बताया कि यह काव्य संग्रह उनके जीवन के अनुभवों और महिलाओं से जुड़े सामाजिक मुद्दों पर उनके विचारों की अभिव्यक्ति है।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा महृषि बाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में शहर के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा कवि उपस्थित रहे। सभी ने सुषमा जोशी के इस संग्रह की जमकर सराहना की और इसे नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि मनोज भारत व राजेश अत्रेय ने कहा, “सुषमा की कविताएँ नारी की स्वतंत्रता और उसके संघर्षों का सजीव चित्रण हैं। ‘मन परिंदा ‘के माध्यम से उन्होंने समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहद संवेदनशील ढंग से पेश किया है, जो प्रत्येक पाठक के दिल को छू जाती है।”

इस अवसर पर सुषमा जोशी ने अपने कुछ पसंदीदा अंश भी सुनाए, जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा।

विशिष्ट अतिथि प्रेम विज, अध्यक्ष संवाद साहित्य मंच पंचकूला, डॉ. महेंद्र सिंह ‘सागर’, अध्यक्ष, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, हरियाणा इकाई (हरियाणा), और
शंखुदत्ता काजल, अध्यक्ष, भारत कला संगम, पिंजौर, भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे / पुस्तक समीक्षा के लिए डॉ. मनीष भारद्वाज महासचिव, अखिल भारतीय साहित्य परिषद (हिमाचल प्रदेश) और श्राजेश आत्रेय, सचिव, हरियाणा मंच, नई दिल्ली नाट्य अकादमी विशेष रूप से उपस्थिति दर्ज़ कराई

फ्रांस का ऑफिशियल एजुकेशन फेयर “चूज़ फ्रांस टूर 2024” आयोजित

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  21 अक्टूबर:

“चूज़ फ़्रांस टूर 2024” चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जो पाँच प्रमुख भारतीय शहरों में आयोजित एजुकेशन फेयर की श्रृंखला में मील का पत्थर साबित हुआ। सेक्टर 35 के जे डब्ल्यू मैरिएट में आयोजित इस कार्यक्रम में फ़्रांस में उच्च शिक्षा के अवसरों को तलाशने के लिए उत्सुक भारतीय छात्रों और उनके परिवारों की ओर से ज़बरदस्त प्रतिक्रिया देखी गई।  

फ्रेंच गवर्नमेंट और कैंपस फ्रांस द्वारा आयोजित इस टूर में 50 से अधिक प्रतिष्ठित फ्रेंच यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्स शामिल थे। इस फेयर ने उपस्थित लोगों को एकेडेमिक प्रतिनिधियों से सीधे जुड़ने, विविध अध्ययन कार्यक्रमों की खोज करने और फ्रांस में स्कॉलरशिप, वीजा और स्टूडेंट्स लाइफ पर पर्सनल गाइडेंस प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया।

फ्रांस में अध्ययन के लाभों पर जोर देते हुए, भारत में फ्रांस के अम्बेसडर डॉ. थिएरी माथ्यू ने कहा, “फ्रांस के दरवाज़े भारतीय छात्रों के लिए व्यापक रूप से खोलने के लिए चूज़ फ्रांस टूर का छठा संस्करण भारत का दौरा है। उच्च शिक्षा के लिए फ्रांस को चुनने का मतलब है गुणवत्ता और उत्कृष्टता की गारंटी चुनना जो आपके करियर की संभावनाओं को मजबूत करेगा। फ्रेंच यूनिवर्सिटी विश्व स्तर के हैं – शंघाई रैंकिंग में फ्रांस विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है, और हमारे पास 76 नोबेल पुरस्कार विजेता और 15 फील्ड्स पदक विजेता हैं। आप सभी का फ्रांस में स्वागत है!”

इस कार्यक्रम में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, हॉस्पिटैलिटी, आर्ट्स, आर्किटेक्चर और अन्य क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रमों सहित शैक्षणिक पथों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई। हाई-स्कूल स्नातकों और अन्य भावी छात्रों को कैंपस फ्रांस के सलाहकारों के साथ मुफ्त परामर्श सत्रों से लाभ हुआ, जिससे उन्हें विभिन्न कैरियर अवसरों को नेविगेट करने में मदद मिली।

3,500 से ज़्यादा संस्थानों और 1,700 से ज़्यादा अंग्रेज़ी में पढ़ाए जाने वाले कार्यक्रमों के साथ, फ़्रांस सभी क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करता है। फ़्रेंच में पढ़ने में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए, स्पेशल क्लासेस इंटरनेशनल (अंतर्राष्ट्रीय कक्षाएँ) स्थापित की गई हैं, जिससे फ़्रेंच भाषा में कम या बिलकुल भी प्रवीणता न रखने वाले छात्रों को फ़्रांस में फ़ाउंडेशन वर्ष बिताने का मौक़ा मिलता है, जहाँ वे अपनी रुचि के क्षेत्र से संबंधित विषयगत पाठ्यक्रम के साथ फ़्रेंच भाषा का प्रशिक्षण ले सकते हैं।

एलायंस फ्रांसेस नेटवर्क ने भी चूज़ फ़्रांस टूर में भाग लिया, जिसमें फ़्रेंच भाषा और सांस्कृतिक विसर्जन कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। विश्व स्तर पर 320 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा फ्रेंच सीखना, भारत और विदेशों में शैक्षणिक संभावनाओं और करियर की सफलता दोनों को बढ़ाता है।

फ्रांस की जीवंत अर्थव्यवस्था, जो दुनिया में 7वीं सबसे बड़ी है, बेहतरीन करियर संभावनाएं प्रदान करती है। भारत में 600 से अधिक फ्रांसीसी कंपनियां कार्यरत हैं, जिनमें 400,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं, एक फ्रांसीसी डिग्री ग्लोबल और स्थानीय अवसरों के द्वार खोलती है।

चूंकि फ्रांस अपनी विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली, जीवंत संस्कृति और आशाजनक कैरियर संभावनाओं के साथ अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करना जारी रखता है, इसलिए चूज़ फ्रांस टूर भारतीय प्रतिभा और फ्रांसीसी शैक्षणिक उत्कृष्टता के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है।

चंडीगढ़ में 74 चालकों व परिचालकों ने रक्तदान किया

आईएसबीटी सेक्टर-43 चंडीगढ़ में किया 74 चालकों व परिचालकों ने रक्तदान

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़,  21 अक्टूबर:

डेंगू की वजह से अस्पतालों में आई रक्त की कमी को पूरा करने के लिए विश्वास फाउंडेशन पंचकूला, एचडीएफसी बैंक, समस्त सीटीयू स्टाफ व भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी चंडीगढ़ शाखा के सहयोग से आईएसबीटी सेक्टर-43 चंडीगढ़ में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर सुबह 10:00 बजे शुरू हुआ और दोपहर बाद 3:00 बजे तक चला। शिविर में 79 डोनर्स ने रक्तदान करने के लिए रजिस्टर करवाया 5 को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह से रक्तदान करने के लिए मना कर दिया गया। ब्लड बैंक जीएमएसएच सेक्टर 16 चंडीगढ़ की टीम ने डॉक्टर सिमरनजीत कौर गिल की देखरेख में 74 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया।

विश्वास फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी नीलिमा विश्वास ने बताया कि शिविर को सफल बनाने में राज कुमार शर्मा, जसवंत सिंह जस्सा, सतीन्द्र सिंह, कुलवीन्द्र चीमा, गगनदीप सिंह, मलकित सिंह, सहजवीर सिंह, राजेश कुमार, अजीत कुमार व सुरिंदर कौर का सहयोग अति सराहनीय रहा। शिविर में रेडक्रॉस यूटी चंडीगढ़ से सुशील कुमार टाँक ट्रैनिंग सूपर्वाइज़र भी मौजूद रहे। 

शिविर की समाप्ति पर सभी रक्तदाताओ को प्रशंसा पत्र व गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विश्वास फाउंडेशन से रमेश सुमन, मदन लाल नागपाल, हरकमल शर्मा, गोपिका मनोचा व अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

 पुलिस  शहीद स्मृति दिवस पर शहादत को किया सलाम

पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार, 21      अक्टूबर :

  आज शहीदी दिवस के अवसर पर पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस बल के शहीद हुये जवानो को याद किया गया । हिसार की नई पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में देशभर के पुलिस संगठन से शहीद हुये नायकों के नाम पढे गये उन्हे श्रद्धा से याद किया व सलामी दी गई । शहीदों के सम्मान मे दो मिनट का मौन रखा गया ।

                     इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ एम. रवि किरण, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, हिसार मंडल की मौजूदगी में केन्द्रीय पुलिस संगठनों और पुलिस बलों के 214 शहीद जवानों के नाम पढ़े । उन्होंने कहा कि देश के लिये अपना फर्ज अदा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानो को काल की परिधि में नहीं बांधा जा सकता, वे अमरत्व को प्राप्त हो जाते है । ऐसे कर्तव्यपरायण वीर जवान हमारे प्रेरणास्त्रोत है । उन्होंने हरियाणा पुलिस के शहीद जवानो को  याद किया व उनके परिवार से आये सदस्यों को सम्मानित करते हुए शॉल भेंट की ।

 इस अवसर पुलिस अधीक्षक हिसार, श्री दीपक सहारण ने पुलिस के शहीद हुए परिवार से आये सदस्यों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया व कहा कि आपसे सम्बन्धित कार्य प्राथमिकता से किया जायेगा, इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, श्री राजेश कुमार मोहन, डीएसपी डिटेक्टिव सुनील कुमार, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर वजीर सिंह, डीएसपी संजीव कुमार, डीएसपी गौरव शर्मा, सहित सैकड़ों  पुलिस, अधिकारियों, कर्मचारियों  ने सलामी परेड में भाग लिया व शहीदों को पुष्प अर्पित किये । एडीजीपी हिसार मंडल द्वारा जिला हिसार में शहीद हुए 09 शहीदों के परिजनों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया ।

         हर वर्ष 21 अक्टूबर पुलिस के शहीदो की स्मृति दिवस के रुप मे मनाया जाता है । इस दिवस का इतिहास 21 अक्टूबर 1959 से शुरु हुआ, जब भारतीय पुलिस बल का एक दल लद्दाख क्षेत्र में राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के लिए तैनात किया गया था । अपनी मात्रभूमि की रक्षा मे तैनात व किसी भी हमले की आशंका से बेखबर इन जवानो पर पहाड़ियों में घात लगाए बैठे चीनी सैनिकों ने एकाएक हमला कर दिया था । अचानक हुए हमले व चीनी सैनिकों के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देते हुए 10 सीआरपीएफ जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया व दुश्मन सेना को भारी क्षति पहुंचाई । दुश्मन सेना की संख्या कई गुणा अधिक होने पर भी वीरता से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी । तभी से यह दिन पुलिस जवानों के शौर्य व बलिदान की याद में केन्द्रीय पुलिस संगठनों और पुलिस बलों द्वारा  शहीद स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।