पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 15 अक्टूबर 2024
नोटः आज भौम प्रदोष व्रत है। भौम का अर्थ होता है मंगल और मंगलवार के दिन पड़ने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और हनुमान की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. शिव की उपासना से जीवन खुशहाल और हनुमान की पूजा से शत्रुओं का विनाश होता है। भौम प्रदोष पर हनुमान की पूजा से कर्जों से भी मुक्ति मिलती है।
विक्रमी संवत्ः 2081
शक संवत्ः 1946
मासः आश्विनी़
पक्षः शुक्ल
तिथिः त्रयोदशी रात्रिः काल 12.20 तक है
वारः मंगलवार
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद रात्रि काल 10.09 तक है, योग वृद्धि़़ दोपहर काल 02.13 तक है।
करणः कौलव,
सूर्य राशिः कन्या चन्द्र राशिः कुम्भ
राहू कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.26 सूर्यास्तः 05.47 बजे।