पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 09 अक्टूबर 2024
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नोटः आज भगवती सरस्वती आवाहन पूजन है। पंचांग के अनुसार, नवरात्र की अवधि में मूल नक्षत्र के दौरान सरस्वती पूजा का आरंभ होता है, जिसे सरस्वती आवाहन कहा जाता है। इस दिन देवी सरस्वती का आह्वान किया जाता है और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। सरस्वती आवाहन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद पहले पूजा स्थल की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। अब एक चौकी बिछाकर उसपर सरस्वती माता की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें। शुभ मुहूर्त में मां सरस्वती की पूजा आरंभ करते हुए उनके समक्ष धूप-दीप, अगरबत्ती और गुगुल जलाएं।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः आश्विनी़
पक्षः शुक्ल,
तिथिः षष्ठी दोपहरः काल 12.15 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मूल अरूणोदय काल 05.15 तक है, योग सौभाग्य प्रातः काल 06.37 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः कन्या, चन्द्र राशिः धनु,
राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.23, सूर्यास्तः 05.54 बजे।