Sunday, December 22

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 09     अगस्त :

 उत्थान संस्थान की कोशिश इकाई के दिव्यांग बच्चो ने स्वतंत्रता दिवस मनाने की पहल गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज  में की।जोकि जी एन जी कॉलेज की डायरेक्टर व प्राचार्य की देखरेख में संपन्न हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।सभी दिव्यांग बच्चो ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर वहां  मौजूद सभी शिक्षिकाओं व छात्रो का मन मोह लिया। जिसमे सभी ने बच्चो की भूरी भूरी प्रशंसा की।

कॉलेज की निदेशक वरिंदर गांधी ने सभी बच्चो का स्वागत किया और उनके बारे में अपने विचार रखते हुए कहा की इन प्यारे प्यारे बच्चो को देखकर कोई नहीं कह सकता की इन बच्चो मे किसी तरह की कोई कमी  हो ।उन्होंने कहा की इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन बच्चो को भी समाज  की मुख्य धारा में लाना है। दुनिया के सात अजूबे हैं देखना, सुनना, छूना, चखना, महसूस करना, हँसना और प्यार करना है।

जीवन की सबसे कीमती चीजें हाथ से नहीं बनाई जा सकतीं या इंसान द्वारा खरीदी नहीं जा सकतीं। दिव्यांग  बच्चों के माता-पिता को अवगत कराया जाना चाहिए कि दिव्यांग बच्चे भी कुछ कर दिखाने का हौसला  रखते है।वे भी सीख सकते हैं  इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए। दिव्यांग बच्चो को रोजगार पाने में शिक्षा व प्रशिक्षण मददगार सिद्ध हो सकता है।

उत्थान संस्थान की डायरेक्टर डॉक्टर अंजू बाजपई ने मौजूद सभी अध्यापकों व छात्राओ को अपने संस्थान के बारे में अवगत करवाया।उन्होंने इन बच्चो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिव्यांग व्यक्ति को समाज उपेक्षित  व बेचारा दृष्टि से देखता है जिसमे उनके माता पिता भी अपने बच्चो पर गर्व की जगह शर्म महसूस करते है और डर के कारण  सार्वजनिक स्थानों पर ले जाने पर असहज महसूस करते हैं। समाज मे दिव्यांगता एक बोझ की तरह माना जाता है जिसे सुधारने के लिए समाज व माता पिता को जागरूक करने की आवश्कता है।जिन माता पिता ने इनकी प्रतिभा को समझा उनके बच्चे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्चतम स्थान  प्राप्त कर समाज की मुख्य धारा मे जुड़कर अपने को  गौरांन्वित महसूस करते है। दिव्यांग किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।इसलिए सरकार के साथ साथ समाज के सभी वर्गों को व महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए उन्हें अनदेखा न करके बल्कि उन्हें साथ में लेकर आगे बढ़ाने की तरफ सही मार्ग दिशा निर्देशन कराने की कोशिश करनी चाहिए।आगे उन्होंने कहा की मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी होती है की हमारी संस्था पिछले कई दशकों से इन बच्चो के लिए कार्य कर रही है।आज 50 से भी ज्यादा बच्चे अपने पैरो पर खड़े होकर अपने माता पिता का नाम रोशन कर रहे है।वहां मौजूद सभी  शिक्षिकाएं व छात्राएं बच्चो से मिलकर बहुत खुश हुए।बच्चो ने भी वहां पहुंचकर खूब आनंद लिया।इस अवसर पर जी एन जी कॉलेज का पूरा स्टाफ,छात्राएं  तथा कोशिश इकाई से रविन्द्र मिश्रा, स्वाति ठाकुर, सुमित सोनी,हनी तोमर,राजेश व दीपा मौजूद रहे।