पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 01 अगस्त 2024
नोटः आज प्रदोष व्रत है। एवं लोकमान्य तिलक स्मरणोत्सव है।
सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस दिन गुरु प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। सावन प्रदोष व्रत करने वालों पर शिव कृपा से सभी प्रकार के कष्ट और पाप मिट जाते हैं।
तिलक ने नारा दिया, “स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम उसे लेकर ही रहेंगे। ” वतन पर मर मिटने के लिए तत्पर आज़ादी के परवानों के लिए ये महज कुछ शब्द भर नहीं थे बल्कि एक जोश, एक जुनून था जिसने लोगों के दिलों में देशप्रेम की ललक जगाईं। इस नारे से प्रभावित होकर लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानियां देकर देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाई थीं।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः श्रावण़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वादशी अपराहन् काल 03.30 तक है,
वारः गुरूवार।
नोटः आज दक्षिण दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर गुरूवार को दही पूरी खाकर और माथे में पीला चंदन केसर के साथ लगाये और इन्हीं वस्तुओं का दान योग्य ब्रह्मण को देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः मृगशिरा प्रातः काल 10.24 तक,
योग व्याघात़ दोपहर काल 12.50 तक है,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः मिथुन,
राहू कालः दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.47, सूर्यास्तः 07.08 बजे।