पंचांग 22 जुलाई 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 22 जुलाई 2024
नोटः आज से श्रावण कृष्ण पक्ष प्रारम्भ हो रहा है। एवं श्रावण सोमवार व्रत प्रारम्भ हो रहा है और सूर्य सायन सिंह राशि में। अशून्य शायन व्रत है।
अशून्य शयन व्रत पत्नी की लंबी उम्र के लिए पति रखते हैं, वैवाहिक जीवन को बनाना है आनंदमय
अशून्य शायन व्रत : शास्त्रों के अनुसार चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु का शयनकाल होता है और इस अशून्य शयन व्रत के माध्यम से शयन उत्सव मनाया जाता है। गृहस्त पति को यह व्रत अवश्य करना चाहिए। चातुर्मास के चार महीनों के दौरान प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि को यह व्रत किया जाता है।
श्रावण सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। श्रावण सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः श्रावण़
पक्षः कृष्ण,
तिथिः प्रतिपदा दोपहर काल 01.12 तक है,
वारः सोमवार।
नोटः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः श्रवण रात्रि काल 10.21
योग प्रीति सांय काल 05.58 तक है,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः मकर
राहू कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.41, सूर्यास्तः 07.14 बजे।