श्री गुरु द्रोणाचार्य तीर्थ, मलोया में मनाई जाएगी सावन शिवरात्रि  

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 31 जुलाई :

श्री गुरु द्रोणाचार्य तीर्थ, मलोया की ओर से 2 अगस्त दिन शुक्रवार को सावन महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जबकि तीन अगस्त को 26वां वार्षिक भंडारा होगा। श्री गुरु द्रोणाचार्य तीर्थ, मलोया के महंत बाबा रति नाथ के शिष्य वेद प्रकाश ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन अगस्त को सुबह 11 बजे पहले हवन यज्ञ होगा, तत्पश्चात दोपहर 12 बजे से अटूट भंडारा बरताया जाएगा।

लाइवली ग्रुप का प्री तीज सेलिब्रेशन

डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला –  31   जुलाई :

शहर में उत्सव का माहौल बना ही रहता है , तीज आने से पहले ही जश्न शुरू है , ऐसे में महिलाओं ने तीज का त्योहार मनाया गया। इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पूनम ने बताया कि इस उत्सव को मनाने के लिए प्राचीन संस्कृति को समर्पित पंजाबी लोक बोलियां, गीत, संगीत और गिद्दा प्रस्तुत किया गया व जिसमें लाइवली ग्रुप युवतियां परम्परागत ड्रेस में शामिल हुईं। थीम के अनुसार हरे व पीले रंग के परिधानों में महिलाओं की बहुतायत रही।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची नैंसी घुम्मन ने विभिन्न कैटगरी की महिलाओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रितु गर्ग , सुषमा , बिंदु , दीपा ,राखी , सरबजीत , लखविंदर ,पूजा ,सैवी सहित 90 महिलाएं मौजूद थी।

आयोजक पूनम सेठी व रितु ने बताया कि हम मॉडर्न तो जरूर हो गए हैं लेकिन अपनी विविध संस्कृति न भूलते हुए पंजाबी बोलियों ,ढोल की थाप पर डांस करने का मज़ा तो वही जानता है जिसने यह स्वाद चखा हो ।

सरकारों को शहीद उधम सिंह की राह पर चलना होगा : वीरेश शांडिल्य 

खालिस्तानी मुहिम का अंत व पाकिस्तान को सबक सिखाना है तो सरकारों को शहीद उधम सिंह की राह पर चलना होगा: वीरेश शांडिल्य 

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकुला – 31   जुलाई :

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि हिन्दुस्तान से यदि खालिस्तान की मुहिम को खत्म करना है और पाकिस्तान को सबक सिखाना है तो देश की सरकारों को शहीदे-ए-आजम उधम सिंह की राह पर चलना होगा जिसने जलियावाला बाग नरसंहार का बदला जरनल डायर को लंदन जाकर मौत के घाट उतार कर लिया और खुद फांसी पर चढ़ गए। वीरेश शांडिल्य आज शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर उनके शहीदी दिवस पर पुष्प अर्पित कर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। शांडिल्य ने कहा कि खालिस्तानी मुहिम व राष्ट्रद्रोही ताकतों व पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश से बदला लेना है तो देश की माताओं को अपनी कोख से उधम सिंह जैसे शूरवीरों को जन्म देना होगा क्योकि राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा का जिम्मा सिर्फसरकारों का नहीं बल्कि देश के उन युवाओं का भी है जो उधम सिंह, भगत सिंह राजगुरू, सुखदेव, करतार सराबा, खुदीराम बोस, मदन लाल ढींगरा, असफाक उल्ला खान की सोच पर पहरा देते हैं। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने उधम सिंह की प्रतिमा के समक्ष संकल्प लिया कि जब तक शरीर में खून का अंतिम कतरा दौड़ रहा है तब तक खालिस्तानी मुहिम सहित पाकिस्तानी आतंकवादियों व देश को खंडित करने वाली ताकतों से लड़ता रहूंगा। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि दुख है कि इन शहीदों को शहीदी दिवस या इनकी जयंती पर याद किया जाता है जबकि इनकी कुर्बानियां बारे देश की युवा पीढ़ी को कोई जानकारी नहीं। वीरेश शांडिल्य ने तीसरी बार केंद्र में प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी से मांग की है कि भारतीय करंसी पर उधम सिंह, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे तमाम शहीदों के चित्र लगाए जाएं इससे बड़ी श्रद्धांजलि सरकार की तरफ से नहीं हो सकती और साथ ही मोदी सरकार से मांग की है कि जैसे जरनल डायर को शहीद उधम सिंह ने लंदन जाकर मौत के घाट उतारा था वैसे ही भारतीय सेना को पाकिस्तान भेजकर हाफिज सयैद, मुलाना मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को मौत के घाट उतारकर उनके शवों को मुंबई के 26/11 स्मारक के बाहर जलाया जाए। यह शहीद भारतीय जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

सभी एजेंसियां आपसी तालमेल मजबूत कर आतंकी इको – सिस्टम को खत्म करें : शाह

डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 31 जुलाई :

भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है। तब से जीरो टॉलरेंस की नीति को आधार बनाकर आतंकियों का चुन-चुनकर सफाया कर रही है। यही वजह है कि आज भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में भी आतंकवादी गतिविधियां न के बराबर रह गई है। जबकि, एक वक्त था जब कांग्रेस राज में भारत के हर हिस्से में आए दिन बम ब्लास्ट, आतंकी वारदात हुआ करती थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और अमित शाह की अभेद्य रणनीतियों के चलते आज संपूर्ण भारत में आतंकवाद दम तोड़ रहा है।

इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में उभरते सुरक्षा खतरे के परिदृश्य से निपटने के लिए आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं। जिसमें सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल मजबूत करने और आतंकी इको-सिस्टम को खत्म करने पर जोर दिया है।

इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रणनीतिकार अमित शाह जी ने सुरक्षा एजेंसियों सहित अन्य खुफिया और कानून प्रवर्तन संगठनों को राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार का सम्पूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने बिग डील और एआई / एमएल संचालित एनालिटिक्स और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी इकोसिस्टम को खत्म करने की बात पर जोर दिया। जिससे बचे कुचे आतंकवाद पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।

जाहिर है कि, आज आतंकवादी आए दिन नए तौर तरीकों से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश करते हैं, हमले की घात लगाते हैं। ऐसे में अमित शाह ने कहा कि नई और उभरती सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनज़र हमें इन सबसे एक कदम आगे रहने की जरूरत है। ताकि बचे हुए आतंकवादियों का खात्मा किया जा सके। साथ ही दम तोड़ रहे आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील ठोकी जा सके।

इसी रणनीति का कमाल है कि आज देश के किसी हिस्से में आतंकवाद का भय नहीं है। जिसकी सबसे बड़ी वजह  मोदी और शाह के कुशल नेतृत्व में आतंकी इको सिस्टम में आने वाले टेरर फंडिंग पर पूरी तरह से रोक है। जिसने आतंकवादियों के इको सिस्टम को न सिर्फ ध्वस्त किया है। साथ ही उनके अनेकों मनसूबों पर पानी फेरने का काम किया है। यही वजह है कि, आज मोदी जी के नेतृत्व में आतंकवादी घटनाओं में 60 फीसदी की कमी आई है। जबकि सीमा पर घुसपैठ में 42 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है। इसके साथ-साथ नए कानूनों में पहली बार आतंकवाद की व्याख्या की गई है। जिसमें आतंकवाद को रोकने के लिए, आतंकवादियों की मदद करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए हैं।

जाहिर है हमारा भारत लंबे समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। ऐसे में मोदी-शाह की कुशल रणनीति से आतंकवाद पर चौतरफा प्रहार अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। क्योंकि मोदी सरकार का मानना है कि, जब तक देश और दुनिया से आतंकवाद खात्मा नहीं होता तब तक शांति, न्याय और भय मुक्त समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।

गनौली गांव के श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया करते दो लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ की धुनाई

गनौली गांव के श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया करते दो लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ की धुनाई, किया पुलिस के हवाले

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, 31 जुलाई :

गनौली गांव के श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया करते दो लोगों को पड़कर ग्रामीणों ने जमकर धुनाई कर पुलिस के हवाले कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पिछले काफी दिनों से लगातार 30 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसको लेकर ग्रामीणों को शक है कि इन तांत्रिक क्रियाओं के कारण ही शायद गांव में मौते हो रही है। सूचना मिलते ही डायलॉग 112 की गाड़ी व थाना छछरौली की पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया है।

ग्रामीण गुरनाम संजीव ने जानकारी देते हुए बताया कि दोपहर करीब 12:00 बजे के लगभग गांव का एक व्यक्ति शमशान घाट के पास से गुजर रहा था तो उसने देखा कि शमशान घाट में बेठे दो व्यक्ति कुछ कर रहे हैं। जैसे ही वह उनके पास गया तो वह बोल रहे थे की देवी प्रकट हो जा। जिस पर व्यक्ति को शक हुआ और उसने पास ही खेतों में काम कर रहे अन्य ग्रामीणों को आवाज लगाई तो सभी ग्रामीण श्मशान घाट की तरफ आए। श्मशान घाट में तांत्रिक क्रिया कर रहे दोनों व्यक्ति ग्रामीणों को अपनी तरफ आता देख मौके से भागने का प्रयास करने लगे। तभी ग्रामीणों ने उनका पीछा करते हुए दबोच लिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना गांव में दी गांव के सभी महिला पुरुष मौके पर पहुंच गए और उनकी जमकर धुनाई की। शमशान घाट में तांत्रिक क्रिया करने की सूचना ग्रामीण द्वारा पुलिस व डायल 112 को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच दोनों को हिरासत में ले लिया है। ग्रामीण दोनों व्यक्तियों को गांव वालों को सोपने की मांग भी कर रहे थे। जिसको लेकर ग्रामीणों व पुलिस के बीच लगभग दो घंटे नोकझौंक चलती रही। ग्रामीणों का कहना था कि उनको शक है कि पुलिस इन दोनों को बिना कारवाई के छोड़ देगी।  जिस पर पुलिस ने आश्वासन दिया कि दोनों व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिना कारवाई के किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। पुलिस के आश्वासन पर ग्रामीण शांत हुए।

उधम सिंह का पूरा जीवन बलिदान और संघर्ष से भरा : श्याम सुंदर बतरा

शहीद उधम सिंह पार्क पहुंचे कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बत्रा ने शहीद उधम सिंह को दी श्रद्धांजलि

कोशिक खान, डेमोक्रेटिक फ्रंट, छछरौली, 31 जुलाई :

देश के महान सपूत और क्रांतिकारी योद्धा शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस पर कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बतरा ने शहीद उधम सिंह पार्क में पहुंच कर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर फूल माला डाल श्रद्धांजलि अर्पित की। कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बतरा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत की भूमि ने लंबे समय तक गुलामी को सहन किया है। जिन जंजीरों को तोड़ने के लिए लाखों भारतीय वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी है। आजादी की इस प्रक्रिया में सभी जाती ओर धर्म के लोगो का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। शहीद उधम सिंह इन वीरों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को देशवासी भारत के महान नायक और क्रांतिकारी उधम सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते है। जिन्होंने 21 साल बाद अमृतसर के जलियांवाले बाग में हुए खूनी नरसंहार का बदला लिया था। बैसाखी 1919 जनरल डायर को मारा। उधम सिंह का पूरा जीवन बलिदान और संघर्ष से भरा है। उनकी जीवनी को पढ़ने के बाद आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है। इस मौके पर प्रवीण कंबोज सरपंच प्रतिनिधि भोगपुर, नीरज कंबोज सरपंच प्रतिनिधि साबेपुर, अशोक पूर्व जिला पार्षद,गुरबक्श सरपंच कनालसी, बिनंदर कंबोज नंबरदार,विपिन कंबोज,आकाश बत्रा प्रदेश सचिव युवा कांग्रेस,लक्ष्मण अंसल संयोजक, फूलचंद नागरा,सुलेमान,विक्रम राठी,गुरमिंदर सिंह,अभी वालिया,दीप सुग, गुलशन, राजेश पंच, मोहमद हसन, सतनाम सिंह, रवि आदि मौजूद रहे।

नौजवान वैल्फेयर सोसायटी ने  बेहोश महिला को अस्पताल में  करवाया भर्ती 

रघुनंदन पराशर, डेमोक्रेटिक फ्रंट, जैतो, 31   जुलाई :

क्षेत्र की प्रसिद्ध मानवता को समर्पित 24 घंटे की नॉन-स्टॉप सेवा करने वाली संस्था नौजवान वैल्फेयर सोसायटी सोसायटी (रजि) इकाई जैतो के आपातकालीन नंबर पर किसी राहगीर ने संपर्क करने पर जानकारी दी गई कि यहां बाजाज  एजेंसी जैतो-मुक्तसर रोड पर महिला शारीरिक संतुलन बिगड़ने से बाइक से सड़क पर गिर गई है और बेहोश हो गई। सूचना मिलते ही सोसायटी के संरक्षक पूर्व पार्षद छज्जू राम बांसल, चेयरमैन मनु गोयल व अध्यक्ष नवनीत गोयल के नेतृत्व में चल रही  नौजवान वैल्फेयर सोसायटी के  संस्था के उपाध्यक्ष शेखर शर्मा और पायलट गुरजीत सिंह तुरंत अपनी एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे। टीम के सदस्यों ने मौके पर मौजूद परिवार के सदस्य की सहमति से महिला को लायन अस्पताल जैतो में भर्ती करवाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। महिला ख़तरे से बाहर बताई जा रही हैं।महिला की पहचान गांव संधवां के जगमीत सिंह की पत्नी संदीप कौर के रूप में हुई है। नौजवान वैल्फेयर सोसायटी इकाई जैतो पिछले क‌ई सालों से मानवता की निष्काम सेवा में लगी हुई हैं। सोसायटी की 24 घंटे नान स्टाप सेवा को लेकर जैतो शहर और आप-पास के क्षेत्र में भूरि -भूरि प्रशंसा व्यक्त की जा रही है। नौजवान वैल्फेयर वैल्फेयर सोसायटी जैतो के सेवादार बेहोश महिला को अस्पताल में लेकर जाते हुए व महिला। 

राशिफल, 31 जुलाई 2024

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 31 जुलाई 2024

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मेष/Aries

31  जुलाई :

अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए आवश्यक है। मस्तिष्क जीवन का द्वार है, क्योंकि अच्छा-बुरा सब-कुछ इसी के माध्यम से आता है। यही ज़िंदगी की समस्याएँ दूर करने में सहायक सिद्ध होता है और सही सोच से इंसान को आलोकित करता है। अचानक आए ख़र्चे आर्थिक बोझ बढ़ा सकते हैं। सबको अपनी महफ़िल में दावत दें। क्योंकि आपके पास आज अतिरिक्त ऊर्जा है, जो आपको किसी पार्टी या कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए प्रेरित करेगी। यह दिन प्रसन्नता और ज़िन्दादिली के साथ किसी ख़ास संदेश को भी देगा । नई चीज़ों को सीखने की आपकी ललक क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। लोगों के साथ बात करने में आज आप अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर सकते हैं। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। वैवाहिक जीवन को अधिक सुखमय बनाने के आपके प्रयास उम्मीद से ज़्यादा रंग लाएंगे।

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वृष/Taurus

31  जुलाई :

आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। आज आपको समझ आ सकता है कि धन को बिना सोच विचारे खर्च करना आपको कितना नुक्सान पहुंचा सकता है. बच्चे आपके दिन को बहुत मुश्किल बना सकते हैं। प्यार-दुलार के हथियार का इस्तेमाल कर उन्हें समझाएँ और अनचाहे तनाव से बचें। याद रखें कि प्यार ही प्यार को पैदा करता है। फूल देकर अपने प्यार का इज़हार करें। अपना बायोडाटा भेजने या किसी इंटरव्यू में जाने के लिए अच्छा समय है। आज ऐसे बर्ताव करें जैसे कि आप ‘सुपर-स्टार’ हैं, लेकिन सिर्फ़ उन चीज़ों की ही प्रशंसा करें जो उसके क़ाबिल हैं। आपका जीवनसाथी आपको इतना बेहतरीन पहले कभी महसूस नहीं हुआ। आपको उनसे कोई बढ़िया सरप्राइज़ मिल सकता है।

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31  जुलाई :

मिथुन/Gemini

जल्दी ही बीमारी से उबरने की संभावना है। अतिरिक्त धन को रिअल एस्टेट में निवेश किया जा सकता है। आपकी भरपूर ऊर्जा और ज़बरदस्त उत्साह सकारात्मक परिणाम लाएंगे व घरेलू तनाव दूर करने में मददगार रहेंगे। आपका प्रिय आज कुछ खीझा हुआ महसूस कर सकता है, जो आपके दिमाग़ पर दबाव और बढ़ा देगा। लघु व्यवसाय करने वाले इस राशि के जातकों को आज घाटा हो सकता है। हालांकि आपको घबराने की जरुरत नहीं है अगर आपकी मेहनत सही दिशा में है तो आपको अच्छे फल अवश्य मिलेंगे। आपने बीते दिनों कार्यक्षेत्र में कई काम अधूरे छोड़े हैं जिसका भुगतान आज आपको करना पड़ सकता है। आज आपका खाली वक्त भी ऑफिस के काम को पूरा करने में ही लगेगा। अगर आपके जीवनसाथी की सेहत कर चलते किसी से मिलने की योजना रद्द हो जाए तो चिंता न करें, आप साथ में अधिक समय व्यतीत कर सकेंगे।

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कर्क/Cancer

31  जुलाई :

हर इंसान को ग़ौर से सुनें, हो सकता है आपको अपनी समस्या का समाधान मिल जाए। आज आपकी कोई चल संपत्ति चोरी हो सकती है इसलिए जितना हो सके इनका ध्यान रखें। अगर आप हर किसी की मांग पूरी करने की कोशिश करेंगे, तो सिर्फ़ नाकामी आपके हाथ लगेगी। प्यार-मोहब्बत के मामले में दबाव बनाने की कोशिश न करें। करिअर के नज़रिए से शुरू किया सफ़र कारगर रहेगा। लेकिन ऐसा करने से पहले अपने माता-पिता से इजाज़ता ज़रूर ले लें, नहीं तो बाद में वे आपत्ति कर सकते हैं। घर के छोटे सदस्यों के साथ गप्पें लगाकर आज आप अपने खाली समय का अच्छा इस्तेमाल कर सकते हैं। जीवनसाथी द्वारा परिवार और मित्रों के बीच नकारात्मक तरीक़े से आपके वैवाहिक जीवन की निजी बातें उजागर हो सकती हैं।

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Leo
सिंह/Leo

31  जुलाई :

आपमें आज चुस्ती-फुर्ती देखी जा सकती है। आपका स्वास्थ्य आज पूरी तरह से आपका साथ देगा। रियल एस्टेट सम्बन्धी निवेश आपको अच्छा-ख़ासा मुनाफ़ा देंगे। परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आज आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी। यात्रा के चलते रुमानी संबंध को बढ़ावा मिलेगा। आज ऑफिस में आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलेंगे। आपका कोई खास ही आज आपके साथ विश्वासघात कर सकता है। जिसकी वजह से आप दिनभर परेशान रह सकते हैं। दीर्घावधि में कामकाज के सिलसिले में की गयी यात्रा फ़ायदेमंद साबित होगी। आपको ख़ुश करने के लिए आपका जीवनसाथी काफ़ी कोशिशें कर सकता है।

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कन्या/Virgo

31  जुलाई :

अपने आहार पर नियंत्रण रखें और चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए नियमित व्यायाम करें। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। दोस्तों को अपने उदार स्वभाव का ग़लत फ़ायदा न उठाने दें। भावनात्मक उथल-पुथल आपको परेशान कर सकती है। खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए अच्छा दिन है। जिंदगी में चल रही आपाधापी के बीच आज आपको अपने लिए पर्याप्त समय मिलेगा और और आप अपने पसंदीदा कामों को कर पाने में कामयाब हो पाएंगे। सम्भव है कि आपके जीवनसाथी की वजह से आपकी प्रतिष्ठा को थोड़ी ठेस पहुँचे।

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Libra
तुला/Libra

31  जुलाई :

आप महसूस करेंगे कि आस-पास के लोग बहुत ज़्यादा मांग करने वाले हैं। लेकिन जितना आप कर सकते हैं, उससे ज़्यादा करने का वादा न करें और केवल दूसरे को ख़ुश करने के लिए ख़ुद को तनाव से नहीं थकाएँ। आज मुमकिन है कि आपको धन से जुड़ी कोई समस्या हो लेकिन अपनी सूझबूझ से आप हानि को भी मुनाफे में बदल सकते हैं। घरेलू मोर्चे पर समस्या खड़ी हो सकती है, इसलिए तोल-मोल कर ही बोलें। आज प्रेम-संबंधों में अपने स्वतन्त्र विवेक का इस्तेमाल कीजिए। ऐसे काम हाथ में लें, जो रचनात्मक प्रकृती के हैं। आप खाली समय में अपने पसंदीदा काम करना पसंद करते हैं, आज भी आप ऐसा ही कुछ करने का सोचेंगे लेकिन किसी शख्स के घर में आने की वजह से आपका यह प्लान चौपट हो सकता है। आज के दिन जीवन साथी पर किया गया संदेह आने वाले दिनों में आपके वैवाहिक जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

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वृश्चिक/Scorpio

31  जुलाई :

आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। जो लोग अपने करीबियों या रिश्तेदारों के साथ मिलकर बिजनेस कर रहे हैं उन्हें आज बहुत सोच समझकर कदम रखने की जरुरत है नहीं तो आर्थिक नुक्सान हो सकता है। पढ़ाई-लिखाई में कम रुचि के चलते बच्चे आपको थोड़ा निराश कर सकते हैं। आज आपको अपने प्रिय का एक अलग ही अन्दाज़ देखने को मिल सकता है। आप आप अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में सफल रहेंगे, बशर्ते इसके लिए आप दूसरों से मदद लें तो। दिल के करीबी लोगों के साथ आपका वक्त बिताने का मन करेगा लेकिन आप ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। लगता है कि आपका जीवनसाथी आज बहुत ख़ुश है। आपको सिर्फ़ वैवाहिक जीवन से जुड़ी उसकी योजनाओं में मदद करने की ज़रूरत है।

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31  जुलाई :

धनु/Sagittarius

अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल किसी मुश्किल में फँसे इंसान की मदद करने के लिए करें। याद रखें – यह शरीर तो एक-न-एक दिन मिट्टी में मिलने वाला है, अगर यह किसी के काम न आ सके तो इसका क्या फ़ायदा? अपने धन का संचय कैसे करना है यह हुनर आज आप सीख सकते हैं और इस हुनर को सीख कर आप अपना धन बचा सकते हैं। तनाव का दौर बरक़रार रहेगा, लेकिन पारिवारिक सहयोग मदद देगा। आज ही लंबे वक़्त से चले आ रहे झगड़ों को सुलझा लें, क्योंकि हो सकता है कि कल बहुत देर हो जाए। योग्य कर्मियों को पदोन्नति या आर्थिक मुनाफ़ा हो सकता है। परिवार की जरुरतों को पूरा करते-करते आप कई बार खुद को वक्त देना भूल जाते हैं। लेकिन आज आप सबसे दूर होकर अपने आप के लिए वक्त निकाल पाएंगे। रिश्तेदारों का दख़ल शादीशुदा ज़िन्दगी में परेशानी पैदा कर सकता है।

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31  जुलाई :

मकर/Capricorn

आपका उदार स्वभाव आज आपके लिए कई ख़ुशनुमा पल लेकर आएगा। आज निवेश के जो नए अवसर आपकी ओर आएँ, उनपर विचार करें। लेकिन धन तभी लगाएँ जब आप उन योजनाओं का भली-भांति अध्ययन कर लें। घर में साफ़-सफ़ाई की ज़रूरत तुरंत है। हमेशा की तरह इस काम को अगली बार के लिए न टालें और कमर कस कर जुट जाएँ। किसी से आँखें चार होनी की काफ़ी संभावना है। ट्रेड शो और सेमिनार आदि में भागीदारी आपके व्यावसायिक सम्पर्कों में सुधार लाएगी। आज आप बिना किसी वजह के कुछ लोगों के साथ उलझ सकते हैं। ऐसा करना आपके मूड को तो खराब करेगा ही साथ ही इससे आपका कीमती समय भी बर्बाद होगा। आपका जीवनसाथी आपको पाकर ख़ुद को ख़ुशनसीब समझता है; इन पलों का भरपूर उपयोग करें।

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31  जुलाई :

कुम्भ/Aquarius

कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का दबाव और घर में अनबन के चलते आपको तनाव का सामना करना पड़ सकता है- जो काम में आपकी एकाग्रता को भंग करेगा। दिन चढ़ने पर वित्तीय तौर पर सुधार आएगा। आपको अपना बाक़ी वक़्त बच्चों के संग गुज़ारना चाहिए, चाहे इसके लिए आपको कुछ ख़ास ही क्यों न करना पड़े। अगर अपने लव पार्टनर को अपना जीवनसाथी बनाना चाहते हैं तो उनसे आज बात कर सकते हैं। हालांकि बात करने से पहले आपको उनके मनोभावों को जान लेना चाहिए। संतोषजनक परिणाम पाने के लिए काम को योजनाबद्ध तरीक़े से करें, दफ़्तर की परेशानियों को हल करने में आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के छात्र छात्राओं को आज के दिन पढ़ाई में मन लगाने में दिक्कतें आ सकती हैं। आज आप अपना कीमती समय दोस्तों के चक्कर में बर्बाद कर सकते हैं। आप और आपका हमदम एक-दूसरे से आज एक-दूसरे की ख़ूबसूरत भावनाओं का इज़हार कर सकेंगे।

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31  जुलाई :

मीन/Pisces

मित्रों या परिवार के सदस्यों के साथ मौज-मस्ती भरी यात्रा आपको सुकून देगी। आज किसी पार्टी में आपकी मुलाकात किसी ऐसे शख्स से हो सकती है जो आर्थिक पक्ष को मजबूत करने के लिए आपको अहम सलाह दे सकता है। परिवार के सदस्यों का आपके जीवन में विशेष महत्व होगा। आपके प्रिय का मूड ठीक नहीं है, इसलिए सोच-समझ कर कोई भी काम करें। ऑफिस में आज आपको स्थिति को समझते हुए ही व्यवहार करना चाहिए। अगर आपका बोलना जरुरी नहीं है तो चुप रहें, कोई भी बात जबरदस्ती बोलकर आप खुद को परेशानी में डाल सकते हैं। दिक़्क़तों का तेज़ी से मुक़ाबला करने की आपकी क्षमता आपको ख़ास पहचान दिलाएगी। किसी पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार की वजह से वैवाहिक जीवन में अनबन मुमकिन है।

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पंचांग, 31 जुलाई 2024

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 31  जुलाई 2024

नोटः आज कामिका एकादशी व्रत तथा शुक्र मघा में, सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना शुभ माना जाता है। सावन के महीने में कामिका एकादशी मनाई जाएगी। इस पवित्र दिन पर लोग सूर्योदय से व्रत रखेंगे और अगले दिन द्वादशी तिथि को अपना व्रत खोलेंगे। कामदा एकादशी व्रत व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसके कर्मों का फल शुभ होता है। श्रीहरि की कृपा से उसे हर कार्य में सफलता मिलती है और कामनाओं की पूर्ति होती है। कामदा एकादशी व्रत करने से काम, क्रोध, लोभ और मोह जैसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।

विक्रमी संवत्ः 2081, 

शक संवत्ः 1946, 

मासः श्रावण़ 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः एकादशी  अपराहन् काल 03.56 तक है, 

वारः बुधवार।

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः रोहिणी प्रातः काल 10.13 तक, 

योग धु्रव़ दोपहर काल 02.14 तक है, 

करणः बालव,

सूर्य राशिः कर्क, चन्द्र राशिः वृष, 

राहू कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,

सूर्योदयः 05.46, सूर्यास्तः 07.09 बजे।

Labyrinth of Fiscal Enigmas

Labyrinth of Fiscal Enigmas: Navigating the Capital Gains Landscape by Manish Bansal and Dharminder Kaleka 

Demokratic Front, Panchkula  – 30   July :

In the years since 2014, the Modi government has embarked on a journey of deconstruction, weaving a grand tapestry of taxation and investment policies intended to simplify and streamline. Yet, beneath this ambitious facade lies a web so complex that it ensnares investors in a relentless grip of bewilderment and frustration. Imagine a vast labyrinth, where every turn seems promising but leads to deeper confusion. The government’s lofty ideals of clarity and transparency have instead birthed an intricate maze, a Pandora’s box of fiscal enigmas that weigh heavily on the shoulders of those daring to navigate its depths. Investors, like weary travellers lost in an ever shifting desert, find themselves struggling to decipher the shifting sands of policy, their confidence eroded by the capricious winds of change. This tumultuous landscape, far from fostering a nurturing environment, has become a theatre of economic uncertainty and anxiety, casting long shadows over the promises of prosperity and growth. The year 2004 witnessed the birth of the Securities Transaction Tax (STT), a beacon of simplicity meant to replace the long-term capital gains (LTCG) tax on equities. This heralded a new era, promising to nurture investments by untangling the complexities of long-term commitments. Yet, the reintroduction of the LTCG tax in 2018, imposing a 10% levy on gains surpassing ₹1 lakh sans the balm of indexation, marked a sudden and stark reversal. Investors, once cradled in a favourable tax haven, now find themselves besieged by the twin spectres of STT and LTCG tax. Envision a weary traveler, once required to pay a solitary toll for a smooth voyage, now compelled to pay an additional toll midway, effectively doubling the cost for the same distance. This mirrors the plight of Indian investors, ensnared by the dual burden of both, STT and LTCG. The recent escalation of the LTCG tax rate from 10% to 12.5% further exacerbates this dilemma, unveiling a tapestry of inconsistency that gnaws at investor confidence. Investor sentiment, much like the gentle breath sustaining a thriving ecosystem, is vital to a robust stock market and, by extension, a flourishing economy. The ceaseless oscillations in capital gains taxation cast an aura of uncertainty, akin to erratic weather patterns that devastate crops. Just as farmers yearn for stable climes to nurture their fields, investors crave a predictable and equitable tax regime to cultivate their portfolios. These erratic policy shifts deter the long-term investments essential for market stability and economic vitality, particularly impacting retail investors who infuse the market with much-needed liquidity. A regressive stride is found in the removal of indexation  benefits for long-term capital gains on assets such as property and gold. Indexation, which adjusts an asset’s purchase price for inflation, ensures that investors are taxed solely on real gains. Stripping away this benefit is akin to informing a marathoner that the finish line has been moved further, without prior notice. The effort remains unaltered, but the reward diminishes, unjustly inflating the tax burden on long-term investments and eroding the bedrock principles of fair taxation. 

Venturing into foreign securities can lead investors into the tangled web of double taxation, where they find themselves taxed both in India and in the country where the investment is held. This dual imposition not only complicates tax filing but also significantly inflates the overall tax burden. Unless relief is claimed under Section 91 of the Income Tax Act, investors face the daunting task of navigating complex international tax treaties and compliance requirements, further exacerbating their financial and administrative burdens. This issue underscores the need for clearer, more harmonised tax policies to mitigate the impact on global investors. The labyrinthine nature of capital gains tax calculation extends beyond mere arithmetic. Investors must meticulously maintain records of acquisition costs, improvement expenses, and various transaction-related expenditures. The removal of indexation benefits adds another layer of complexity, as does the need to comply with ever-evolving tax provisions. The administrative and compliance burdens weigh heavily on investors, demanding rigorous documentation to accurately compute gains and claim any applicable tax benefits. This meticulous record-keeping and compliance effort can deter potential investors, further stifling market participation and economic growth. The need of the hour is a slab-based system for capital gains tax, aligned with income tax brackets, paving the way for greater equity. Just as a modest shopkeeper and a colossal company should not be taxed identically on their profits, small investors should not shoulder the same tax burden as vast institutional entities. A progressive tax structure would more fairly distribute the tax load, fostering broader participation from small investors and nurturing a more inclusive investment environment. Current tax policies cast shadows not only over individual investors but across the broader economic landscape. Diminished equity market participation can stymie market liquidity and throttle economic growth. It is akin to a sports team bereft of its star players; the overall performance falters. Likewise, a market deprived of robust retail investor involvement struggles to sustain its momentum and growth trajectory.  The Finance Ministry’s approach to capital gains taxation has often meandered, lacking consistency and foresight, engendering a fragmented and onerous tax milieu. The dual tax burden, the expunging of indexation benefits, and the absence of a slab-based tax system are pressing areas in need of redress. For India to kindle a vibrant investment climate, it requires tax policies that are consistent, just, and foreseeable, nurturing sustained investment and economic prosperity. The Union Budget 2024-25 has dramatically overhauled the capital gains tax landscape, unveiling measures poised to profoundly impact investors. The eradication of the indexation benefit from the capital gains tax framework, paired with a reduction in the LTCG tax rate from 20% to 12.5%, will bear varied repercussions for property owners and gold buyers. The Budget has also expanded the tax exemption threshold on equity gains while rectifying prior inconsistencies in the taxation of certain non-equity funds. Yet, the removal of the indexation benefit could escalate tax liabilities for some property sellers. For instance, a property bought for ₹25 lakh in 2003 and sold for ₹1.5 crore today would face higher taxes due to the removal of indexation benefits, increasing liabilities from ₹12.71 lakh to ₹15.62 lakh. Conversely, a property acquired for ₹75 lakh in 2018 and sold for ₹1.5 crore today would incur a lower tax of ₹9.37 lakh under the proposed rules, compared to ₹10.55 lakh under the current system. This disparity highlights the varied impact of the new landscape, contingent on the holding period and accrued gains. The Budget also proposes elevating the tax on short-term and long-term gains from equities, dissuading speculative activity, and promoting longer-term holdings. This rationalisation of the capital gains tax regime brings parity across asset classes, leveling the investment playing field. To cultivate a stable and predictable investment environment, the government’s tax policies warrant reevaluation. Investors, as stewards of India’s economic future, must champion changes that simplify the tax framework, fostering sustained investment and economic vitality. Only through consistent, fair, and transparent tax policies can India aspire to achieve robust economic growth and a thriving investment ecosystem.