पंचांग, 17 अप्रैल 2024
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 17 अप्रैल 2024
नोटः आज श्री दुर्गा नवमी व्रत है तथा आज से नवरात्र समाप्त तथा श्रीराम नवमी है।
श्री दुर्गा नवमी व्रत : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी आज के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। दुर्गा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कन्या पूजा और नवरात्रि हवन भी करते हैं।
श्रीराम नवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था। चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ / उदये गुरुगौरांश्चोः स्वोच्चस्थे ग्रहपञ्चके ॥
विक्रमी संवत्ः 2081,
शक संवत्ः 1946,
मासः चैत्र,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः नवमी अपराहन् काल 03.15 तक है,
वारः बुधवार।
नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः आश्लेषा की वृद्धि है जो कि गुरूवार को प्रातः काल 07.57 तक है, योगः शूल रात्रि काल 11.51 तक, करणः कौलव,
सूर्य राशिः मेष, चन्द्र राशिः कर्क,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.57, सूर्यास्तः 06.44 बजे।