डा एम् के सहगल को एमिनेंट अम्बेडकराइट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 15 मार्च :
डा एम् के सहगल को राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिये एमिनेंट अम्बेडकराइट अवॉर्ड से डी ऐ वी कॉलेज फॉर गर्ल्स में सम्मानित किया गया। यह अवार्ड कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय स्तर दो दिविसय सेमिनार के दौरान दिया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला यमुनानगर विधायक घनश्याम दास अरोरा मुख्यातिथि के तौर पर उपस्थित रहे । साथ सेशन अतिथि के रूप में मेयर मदन चौहान उपस्थित रहे । सेमिनार का आयोजन आई सी एस एस आर, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ व् डीएवी कॉलेज फॉर गर्ल्स, यमुनानगर के मानव अधिकार विभाग और अर्थशास्त्र विभाग के सहयोग द्वारा किया गया । सेमिनार का विषय “डॉ. बी. आर. अंबेडकर और उनका दर्शन: समावेश, समानता और गरिमा” रहा । यह सम्मान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने विशिष्ट व्यक्तियों को दिया गया जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और दूरदर्शी दृष्टि से अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की और सभी महत्वाकांक्षी युवको के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। सम्मान प्रदान करने का उद्देश्य प्रतिष्ठ व्यक्तियों के योगदान के लिए उनकी सराहना करना है जिन्होंने अपने क्षेत्र में एक अलग ही पहचान बनाई और अच्छा काम किया है और अपनी कड़ी मेहनत से समाज उत्थान का कार्य किया है। डा. सहगल यमुनानगर जगाधरी मैनेजमेण्ट एसोसिएशन के प्रेजिडेंट पद को सुशोभित करते है जो आईमा से एफिलिएटेड हैं। वह शिक्षा के साथ-साथ समाजसेवा की गतिविधियों के साथ भी मजबूती से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने गुणात्मक विस्तार के बल पर कई संस्थान विकसित किए हैं। उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी उन्हें जिला यमुनानगर की विशिष्ट शख्शियत बनाती है जो समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
डा एम् के सहगल ने कहा कि अवार्ड का मिलना सम्मान की बात है जिससे उन्हें भविष्य में और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने अपने सन्देश में बताया कि बाबा साहेब बचपन से ही बुद्धिमान और पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्होंने जात-पात की जंजीरों को तोड़ अपनी शिक्षा पूरी की । बाबा साहब ने शिक्षा के संबंध में जो संदेश दिया था, उस पर चल कर ही समाज का और देश का उत्थान संभव है। बाबा साहब के बनाए संविधान से देश की अखंडता सुरक्षित है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए की हमें अन्याय के विरुद्ध चुप नहीं बैठना चाहिए बल्कि उसका खुलकर विरोध करना चाहिए। हमें समाज में प्रचलित कुरीतियों को आँख बन्द करके अपनाने के बजाय उनका विरोध करना चाहिए। व्यक्ति अपनी योग्यता एवं क्षमता से ही उच्च पद प्राप्त करता है एवं सम्मान पाता है।
इस अवसर पर डा एम् के सहगल, देवी दास, दिलप्रीत कौर, डा मीनू जैन, डा कृष्ण कुमार , डा घनश्याम देव, प्रोफेसर एमानुएल नाहर, अवतार सिंह, अनीता मोदगिल व कई गण्यमान्य लोग मोजूद रहे।