कांग्रेस को महाराष्ट्र में झटका, बसवराज पाटिल ने दिया इस्तीफा
पार्टी के पूर्व प्रदेश कार्याध्यक्ष और पूर्व मंत्री रहे बसवराज पाटिल लिंगायत समुदाय के नेता हैं और मराठवाड़ा में कांग्रेस के बड़े चेहरे रहे हैं. उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है। ऐसा होने पर कांग्रेस मराठवाड़ा में और कमजोर हो जाएगी। फिलहाल उन्होंने अपने अगले कदम की चर्चा नहीं की है लेकिन ऐसी चर्चाएं हैं कि बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
- मराठवाड़ा के बड़े चेहरे हैं बसवराज पाटिल, BJP में शामिल हो सकते हैं : सूत्र
- सपा खेमे की बैठक से 6 विधायक रहे गायब, हो न जाए खेला
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 26फरवरी :
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन देश के प्रमुख दल कांग्रेस में भगदड़ मची है. उसके नेता एक- एक करके कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। उसे सोमवार को तब एक और झटका लगा, जब उसके महाराष्ट्र के बड़े नेता बसवराज पाटिल ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
इससे पहले, फरवरी मध्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (65) भी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया और 20 फरवरी को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।
लिंगायत समुदाय के नेता बसवराज पाटिल मूल रूप से उस्मानाबाद तालुक के उमरग्या के मुरूम के रहने वाले हैं। राजनीतिक हलकों में बसवराज पाटिल को पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर के बेटे के रूप में जाना जाता है। वह कांग्रेस के वफादार रहे हैं और औसा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने 2009 और 2014 में औसा से दो बार चुनावी जीती हासिल की थी।
राज्यसभा के लिए कल होने वाली वोटिंग में सपा के साथ खेला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक आज लखनऊ में हुई सपा की बैठक में 6 विधायक गैर-हाजिर रहे। इनमें अमेठी विधायक महाराजी देवी, पल्लवी पटेल, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी और कौशाम्बी विधायक पूजा पाल नहीं पहुंचीं। माना जा रहा है कि अगर इन विधायकों ने पाला बदला तो कल सपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।
विधायक के पहले ही कार्यकाल में कांग्रेस ने उन्हें राज्य मंत्री का पद दिया था। हालांकि, 2019 विधानसभा चुनाव में अभिमन्यु पवार से हार के बाद ऐसी चर्चा थी कि बसवराज पाटिल को कांग्रेस में कुछ हद तक दरकिनार कर दिया गया था। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बसवराज पाटिल बीजेपी से बुलावे का इंतजार कर रहे हैं और बहुत संभव है कि वे मंगलवार को भाजपा में जाने की घोषणा भी कर दें।
बसवराज पाटिल लंबे समय से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक रहे हैं। इसके लिए उन्होंने काफी पहले से ही प्रचार शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि बसवराज पाटिल धाराशिव लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि ऐसी संभावना है कि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सीट बंटवारे में धाराशिव की सीट शरद पवार गुट के पास चली जाएगी। महागठबंधन में शिंदे गुट को यह सीट मिल सकती है।