नूहं हिंसा मामले में कॉन्ग्रेस विधायक पर पर लगा UAPA, कॉन्ग्रेस ने किया जमकर विरोध
अनिल विज ने ये जानकारी भी दी कि हिंसा से पहले मम्मन खान ने 29, 30 और 31 जुलाई को नूहं का दौरा किया था। उन्होंने ये भी बताया कि मम्मन खान दंगा प्रभावित इलाकों में लोगों के साथ लाइव कॉन्टैक्ट में थे। बता दें कि पेशे से सिविल इंजीनियर मम्मन खान नूहं के 3 कॉन्ग्रेस विधायकों में से एक हैं। अनिल विज ने बताया कि घटना का मास्टरमाइंड कौन है, इसका खुलासा जाँच के बाद होगा। साइबर थाने के रिकॉर्ड को भी नुकसान पहुँचाया गया है। बता दें कि नूहं में 31 जुलाई को हिंसा हुई थी।
- नूंह हिंसा में एक और मुकदमे में विधायक मामन खान पर भी जोड़ी गई यूएपीए
- नगीना में दर्ज एफआईआर 149 में विधायक मामन खान सहित 43 आरोपी बेल पर
- आरोपी पक्ष के वकील ने कोर्ट से मांगी थी स्टेट्स रिपोर्ट उसमे हुआ खुलासा
- वकील ताहिर हुसैन रुपरिया ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने FIR में यूएपीए के तहत आरोप जोड़े हैं
- कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने UAPA सवाल उठाये
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़ – 22 फरवरी :
हरियाणा पुलिस ने नूंह हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक मामन खान के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप लगाए हैं। बता दें कि मामन खान फिरोजपुर झिरका से विधायक हैं। उनके खिलाफ नूंह के नगीना थाने में दर्ज एक मामले में यूएपीए के तहत आरोप जोड़े गए हैं। मामन खान के वकील ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने FIR में यूएपीए के तहत आरोप जोड़े हैं। पुलिस ने कांग्रेस विधायक पर पूर्व में हिंसा भड़काने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट साझा करने में शामिल संदिग्धों के संपर्क में रहने का आरोप लगाया था।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) एक भारतीय कानून है जिसका उद्देश्य भारत में गैरकानूनी गतिविधियों के संघों की रोकथाम करना है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ निर्देशित गतिविधियों से निपटने के लिए शक्तियां उपलब्ध कराना था। इसके अंतर्गत अधिकतम दंड के रूप में मृत्युदंड तथा आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है।
मामन खान के वकील ने बुधवार को बताया कि पुलिस ने प्राथमिकी में यूएपीए के तहत आरोप जोड़े हैं। पुलिस ने मामन खान पर पूर्व में हिंसा भड़काने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट साझा करने में शामिल संदिग्धों के संपर्क में रहने का आरोप लगाया था। इसके अलावा उन पर प्राथमिकी में कुछ अन्य आरोप भी हैं।
मामन खान को पिछले साल नूंह हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। वकील ताहिर हुसैन रुपरिया ने बताया कि उन्होंने अदालत से स्थिति रिपोर्ट मांगी जिसमें यह बात सामने आई कि नगीना थाने में दर्ज प्राथमिकी में यूएपीए की धारा भी जोड़ी गई है।
कांग्रेस विधायक मामन खान के खिलाफ यूएपीए की धारा के तहत मामला दर्ज करने पर विपक्ष ने विधानसभा में जमकर विरोध दर्ज करवाया। कांग्रेस ही नहीं बल्कि इनेलो ने भी विधायक के विरुद्ध लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जाहिर की। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक बीबी बतरा, किरण चौधरी, शमशेर सिंह गोगी, जगबीर मलिक और अभय चौटाला ने इसके पीछे सरकार की मंशा को लेकर सवाल खड़े किए। विधायकों ने कहा कि मामन खान पर लगे आरोपों की जांच पहले से जारी है। उन आरोपों का अवलोकन करते हुए बाकायदा उन्हें कोर्ट ने जमानत दी है। अबतक सरकार उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई है। बावजूद इसके विधायक के विरुद्ध नया केस दर्ज किया गया, जिससे स्पष्ट है कि सरकार विधायक को ऐसे मुकदमे में फंसाना चाहती है, जिसमें वो जमानत हासिल ना कर सके।
इस बीच, बजट सत्र के दौरान हरियाणा विधानसभा में नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सवाल किया कि अदालत में चालान पेश होने के बाद नूंह थाने में दर्ज तीन मामलों और नगीना थाने में एक अन्य मामले में यूएपीए क्यों लगाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यूएपीए आतंकवादियों के खिलाफ लगाया जाता है।
इस बात का खुलासा आरोपी पक्ष के वकील ताहिर हुसैन रुपडिया ने किया है। उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा मामले में एफआईआर नंबर 253 ,257 और 401 हत्या के आरोप में जेल में बंद ओसामा निवासी फिरोजपुर नमक और मुरसलीम निवासी पल्ला की जमानत लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट से यह जानकारी मिली कि दोनों आरोपियों पर यूएपीए लगा हुआ है। ताहिर हुसैन रुपडिया ने कहा कि उन्होंने कोर्ट से इसकी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट से मांगी गया है। जिसमें समाने आया कि एफआईआर नंबर 149 में भी यूएपीए धारा जोड़ी गई है। जिसमें फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान सहित नूंह हिंसा के आरोप में 43 लोगों को नामजद किया गया था। सभी आरोपी अभी जमानत पर बाहर आए हुए है।
ताहिर हुसैन रुपड़िया ने कहा कि स्टेट्स रिपोर्ट से पता लगा है कि नूंह हिंसा मामले में एफआईआर नंबर 253 ,257 और 401 हत्या के आरोप में जेल में बंद ओसामा निवासी फिरोजपुर नमक और मुरसलीम निवासी पल्ला पर पुलिस ने गत 8 जनवरी 2024 तो वहीं एफआईआर नंबर 149 में गत 15 जनवरी 2024 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-1967 ( यूएपीए ) धारा जोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपनी तफ्तीश में कोर्ट को बताया था कि नूंह हिंसा के आरोपी विधायक मामन खान द्वारा अपने नजदीकी सरपंचों को नूंह में देंगे कराने के लिए उपद्रवियों को 500–500 रुपए दिए थे। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने का भी हवाला दिया गया है। जिसके बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-1967 ( यूएपीए ) धारा जोड़ी गई है।
नूंह हिंसा के दौरान छह लोगों की मौत हुई थी। वहीं काफी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। इस हिंसा मामले में पुलिस ने अलग–अलग थानों में करीब 61 मुकदमे दर्ज किए थे। जिन मुकदमों में यूएपीए लगाया गया है,वो मुकदमे दो होमगार्ड व एक बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या से जुड़ा हुआ है। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 186, 342, 332, 353, 307, 302, 333, 395, 397 व 120बी और शस्त्र अधिनियम की धारा 25, 54 और 59 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिनमें अब यूएपीए जोड़ा गया है। एफआईआर नंबर 253 और 257 दोनों में ओसामा को, FIR 401 में मुरसलीम निवासी पल्ला को नामजद किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा जोड़ी गई यूएपीए की धारा में आरोपियों को एक बार फिर बुलाया जा सकता है। इसके साथ ही उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। आरोपी केवल पहली धाराओं में जेल से जमानत पर बाहर हैं। लेकिन यूएपीए अभी लगी तो उसमें भी उन्हें जमानत करानी पड़ेगी। इससे एक बात तो साफ है कि एक बार फिर विधायक मामन खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल कानून के सेक्शन 43D (5) के मुताबिक कोर्ट आरोपी को जमानत नहीं दे सकता। इसके साथ ही जमानत पर बाहर निकले आरोपियों को भी कोर्ट नोटिस देने के साथ ही उन्हें हिरासत में भेज सकती है।