सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर, 12 फरवरी
सर्द मौसम के बाद खिली धुप में हर छत से राण बिरंगी पतंगे आसमान छू रही है बाजारों में पतंगो और मांझे की खरीद जोरो पर है बसंत पंचमी से पहले ही पतंगों और मांझे की खरीदारी के साथ प्रतियोगिता का भी जोर है बच्चों की ऊँची पतंग उड़ाने से लेकर काटने तक की प्रतियोगिता हो रही है पतंगों पर सामाजिक सन्देश भी देखने को मिल रहे है जिनमे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल है तो कल है और इसके साथ प्रसिद्ध चेहरे की पतंगे भी उपलब्ध है। छोटी और बड़ी पतंगे बाजार में मिल रही है वही कुछ लोग ने घरों में मांझा बनाया है तो कुछ बाजार से भी ले रहे है बच्चों को चाइनीज़ डोर का प्रयोग न करने के लिए कहा गया है चाइनीज़ डोर पक्षियों के लिए भी हानिकारक है।
फ़रवरी के महीने में बसंत पंचमी मनाई जाती है बसंत पंचमी पर ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का पूजन भी होगा कलाकारों ने सुन्दर मूर्तियों का निर्माण पहले से ही किया है और डिमांड के अनुसार आर्डर भी पुरे किये गए है मूर्ति कलाकार राजेश ने बताया की पिछले 15 वर्षों से इस काम को कर रहे है मुकेश कंसल ने बताया की यह एक पौराणिक परम्परा है सरस्वती पूजन के बाद पतंगें उड़ाई जाती है बेटी साँची के जन्म पर पहली पतंग उसके नाम से उड़ाई थी खेतों में सरसों लहरा रही है खिली धुप में खेत सुनहरी दिखते है गौरव शर्मा ने बताया की पतंग उड़ाते समय बच्चे छत पर सावधानी बरते बिजली तारों और खंबों से दूर रहे खुले मैदान से पतंग उड़ाएं और सभी को सावधान रहने का सन्देश दे।