Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं : तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 06 फरवरी 2024

षटतिला एकादशी

नोटः आज षटतिला एकादशी व्रत है। माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है। षटतिला एकादशी को तिल्दा सत्तिला, माघ कृष्ण एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान को तिल का भोग लगाना चाहिए। इस दिन तिल का दान करने का भी विशेष महत्व है। साथ ही आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार षटतिला एकादशी के दिन पितरों को तर्पण करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं। पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः माघ, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः एकादशी सांय कालः 04.08 तक है, 

वारः मंगलवार। 

नोटः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः ज्येष्ठा प्रातः काल 07.35 तक है, 

योगः व्यातिपात प्रातः काल 08.50 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः मकर, चन्द्र राशिः वृश्चिक, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 07.11, सूर्यास्तः 06.00 बजे।