Year: 2023

पंजाब की उपजाऊ धरती पर कुछ भी उग सकता परन्तु नफ़रत का बीज नहीं फूटेगा डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ (राकेश शाह)…

होशियारपुर में दशहरा प्रोग्राम में 1.5 लाख लोगों ने की शिरकत आने वाले समय में यह त्योहार और भी बड़े…

प्रदेश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।अधिकारियों ने बताया…

डेमोक्रेटिक फ्रंट, मोहाली – 25 अक्टूबर : ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को प्रभावित करने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है और दुनिया भर में कई लोगों की जान ले लेता है। ब्रेस्ट कैंसर और उससे जुड़ी जटिलताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल अक्टूबर में वर्ल्ड ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनेस माह मनाया जाता है। बेहतर उपचार परिणामों के लिए रोग के शीघ्र निदान पर जोर दिया जाता है। इस वर्ष के आयोजन का विषय डीआई वाई  (डिटेक्ट इट योरसेल्फ) है। फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में ब्रेस्ट-ओन्को सर्जरी विभाग ने रिकंस्ट्रक्शन और सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी के साथ स्तन संरक्षण की सबसे उन्नत सर्जिकल तकनीकों का उपयोग करके स्तन कैंसर से पीड़ित कई रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। फोर्टिस अस्पताल,  के एंडोक्राइन और ब्रैस्ट कैंसर सर्जन डॉ. नवल बंसलने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में अपनी राय के साथ  स्तन कैंसर से जुड़े  लक्षणों, चेतावनी वाले संकेतों और उपचार के विकल्पों पर प्रकाश डाला और बताया कि महिलाओं को कुछ लक्षणों को पहचानने में सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि स्तन या अंडरआर्म (बगल) में एक नई गांठ, स्तन का मोटा होना या सूजन, स्तन की त्वचा में गड्ढा पड़ना, स्तन में बदलाव। स्तन पर एरिओला का रंग या परतदार त्वचा, निपल का अंदर खींचना या निपल क्षेत्र में दर्द। ये लक्षण चिकित्सकीय जांच की और इशारा करते हैं। यह कहते हुए कि स्तन कैंसर तब होता है जब कुछ स्तन कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, डॉ. बंसल ने कहा, “सभी आयु वर्ग की महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह किसी को भी प्रभावित कर सकता है, जिसका इलाज़ में देरी नही करनी चाहिए। डॉ. बंसल ने आगे कहा कि उन्होंने हाल ही में फोर्टिस मोहाली में एक 21 वर्षीय स्तन कैंसर रोगी का इलाज किया था। “रोगी के स्तन में एक गांठ थी, जिसे उसकी उम्र के कारण सामान्य गांठ समझ लिया गया था, और उचित मूल्यांकन के बिना स्थानीय अस्पताल में हटा दिया गया था। हालाँकि, उन्हें आश्चर्य हुआ जब पंजाब के जालंधर में एक डायग्नोस्टिक सेंटर में की गई बायोप्सी में कैंसर का पता चला। इसके बाद, मरीज ने फोर्टिस मोहाली में उनसे संपर्क किया और गहन विश्लेषण के बाद, ट्यूमर बोर्ड ने इलाज का फैसला किया क्योंकि मरीज की पहले भी एक सर्जरी हो चुकी थी, लेकिन कैंसर दोबारा हो गया था।” उन्होंने बताया कि सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी को प्रारंभिक स्तन कैंसर के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड माना जाता है क्योंकि इसमें एक्सिलरी स्टेजिंग के लिए गेट कीपर नोड्स का पता लगाना शामिल है।

हरियाणा में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर खेल नीति में होगा सुधार,उपलब्ध होंगे रोजगार के अवसर : कर्मवीर…