2 हज़ार करोड़ के पर्यटन परियोजनाओं पर केवल 20 करोड़ एक मज़ाक
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 28दिसम्बर :
पंजाब कॉंग्रेस के कोषाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अमित विज ने कहा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री भगवंत मान पठानकोट के पर्यटक स्थलों के दौरे से पठानकोट की जनता में बड़ी आशा थी,लेकिन पर्यटक के विकास के लिए कोई बड़ी घोषणा न करने से निराशा हाथ लगी है। उन्होंने कहा हिमाचल,जम्मू कश्मीर की सीमा से जुड़े पठानकोट आने वाले समय में देश ही नहीं बल्कि विश्व में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकता है,लेकिन इसके लिए सरकार और मुख्यमंत्री की साफ मंशा न होने से क्षेत्र के लोग हताश व निराशा से गुजर रहे हैं।
उन्होंने कहा पठानकोट में पर्यटन परियोजना में 2000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की क्षमता है। लेकिन सरकार ने मात्र 20 करोड़ से पर्यटन विकास के नाम पर 20 कॉटेज के निर्माण का निर्णय लिया,जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा मेरे विधायक कार्यकाल में पर्यटन परियोजनाओं के पहले चरण के लिए 77 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में राज्य सरकार,केंद्र सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय और एमओईएफ के क्षेत्रीय कार्यालय के साथ दो साल की कड़ी मेहनत से मंजूरियां प्राप्त की। उसमें से भी सरकार ने नगर निगम को 6.5 करोड़ देना था,जो अभी तक नहीं दिया
उन्होंने बताया जब हमें सभी स्वीकृतियां मिल गईं – हमारी सरकार के दौरान टेंडर जारी किया गया । पर्यटन परियोजना के लिए अलग – अलग मंजूरी मिली । पर्यावरण मंजूरी दिनांक 23 जनवरी 2017,एमओईएफ चंडीगढ़ के क्षेत्रीय कार्यालय से वन मंजूरी दिनांक 10 अगस्त 2020 और उसके बाद निविदा जारी होने की तिथि 20 मई 2021। जब हमें अंततः मंजूरी मिली तो मुझे खुशी हुई, क्योंकि यह बांध क्षेत्र में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित होने वाली दूसरी इको टूरिज्म परियोजना थी। लेकिन दुर्भाग्य से कोरोना का दौर शुरू हो गया । पर्यटन उद्योग महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ ।
उन्होंने कहा इस परियोजना में 2000 करोड़ रुपये का निवेश लाने की क्षमता है और मेरी ओर से मुख्यमंत्री साहब से अनुरोध कि वे इस पर काम करें और परियोजना को नष्ट न करें,मुख्यमंत्री के व्यान की मैं यहां 20 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा हूं और कॉटेज बना रहा हूं,यह स्थानीय युवाओं और स्थानीय व्यवसायों और स्थानीय क्षेत्र के विकास के साथ अन्याय होगा।
विज ने कहा मुझे सभी स्वीकृतियाँ प्राप्त करने में मुझे लगभग वर्षों का समय लग गया। अगर पेप्सी जैसा प्रोजेक्ट पठानकोट आ सकता है और अगर सीएम हिमाचल पेप्सी का प्रोजेक्ट इंदौरा जैसा श्रेणी सी औद्योगिक क्षेत्र में निवेश ला सकते हैं तो यहां क्यों नहीं?