- लड़की के साथ कोई अनहोनी होती तो कौन होता जिम्मेवार महिला आयोग ले संज्ञान :विमला देवी, ब्रह्मा
- बच्चे को सील के दौरान मारी गई है चोट बाल आयोग ले संज्ञान: अधिवक्ता नरेश
जगदीश असीजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, उकलाना – 18 दिसम्बर :
आईडी एफसी फर्स्ट बैंक द्वारा 14 दिसंबर को सरफेस एक्ट के तहत घर में मौजूद लोगों को घर से बाहर निकाल कर मकान सील कर दिया था। जिसमें बुजुर्ग अपने बच्चों को लेकर कड़कड़ाती ठंड में बाहर झोपड़ी लगाकर बैठ गए थे। और उसमें जीवन व्यतीत करने लग गए थे। इस कड़कड़ाती ठंड को देख लोगों ने उनकी व्यवस्था को जाना और आज कई गांव की पंचायत उनके निवास के बाहर हुई। पंचायत के लोगों ने कहा कि इस बुजुर्ग का क्या कसूर है लोन उसके पुत्र द्वारा लिया गया और वह यहां से चला गया गारंटी के तौर पर उसकी माता के हस्ताक्षर घर जाकर करवाए गए हैं और यह मकान उसकी मां के नाम है। इस उम्र में बुजुर्ग कहां जाएं साथ ही जवान लड़की और तीन और बच्चे हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया जबकि मकान सील करने से पूर्व उनकी व्यवस्था करना उनका दायित्व था। जबकि मौजूद पंचायत के लोगों द्वारा बैंक अधिकारी को फोन करके 1 घंटे में पंचायत में सम्मिलित होने के लिए कहा गया तब अधिकारी ने आने से मना किया लेकिन पंचायत का समय दिए जाने के उपरांत उसे समय के उपरांत मौजूद लोगों द्वारा सील किए गए मकान का ताला तोड़ दिया गया। और बुजुर्ग व बच्चों को मकान में प्रवेश करवा दिया गया। वहीं महिलाओं ने कहा की लड़की के साथ कोई अनहोनी होती तो उसके लिए कौन जिम्मेवार होता जब चार दिन से यह लड़की बाहर खुले में सो रही है। और बच्चों की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेवार होता जबकि बैंक कर्मचारियों द्वारा कब्जा कार्रवाई के दौरान उनके एक बच्चे केशव को धक्का मुकी के दौरान छोटे बीमारी गई है इसकी कार्रवाई के लिए भी प्रशासन को शिकायत दी जाएगी।
ताला तोड़ने के उपरांत 112 की टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने कहा कि बैंक की ओर से उनके पास शिकायत आई थी जिस आधार पर यहां मौके पर पहुंचे हैं उन्होंने बैंक के सिक्योरिटी गार्ड्स के बयान अंकित किया और थाना उकलाना की ओर से भी पुलिस मौके पर पहुंची।
महिलाओं विमला देवी ब्रह्मा आदि ने कहा कि 18 वर्षीय बेटी के साथ अगर कोई हादसा हो जाता तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा बैंक का कर्ज उसके बेटे द्वारा लिया गया था। क्या कोई ऐसा नियम है की बच्चों व महिलाओं को सुरक्षा देने की बजाय उनका बेघर कर दिया जाए। उन्होंने मोदी सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर व्यक्ति को छत देने का सपना संजोए हुए हैं लेकिन उनके ही मकान से उन लोगों को ही बेघर किया जा रहा है। उन पर कार्रवाई के लिए भी उन्होंने मांग की।
14 दिसंबर को जब मकान कब्जा करने के लिए बैंक कर्मचारी पुलिस प्रशासन आया हुआ था उस दौरान केशव को धक्का लगने से उनकी आंखे व अन्य स्थानों पर चोट आई पंचायत में पहुंचे अधिवक्ता एवं जनता सरकार मोर्चा के संस्थापक नरेंद्र कुमार ने बाल आयोग एवं सरकार से उसे दौरान पहुंचे अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए भी मांग की है और उन्होंने कहा कि इसके लिए शिकायत भी अधिकारियों को भेजी जाएगी।
मुझे पता नहीं किस बैंक ने लोन दिया और कितना दिया : बिमला देवी
जब झोपड़ी में बैठे बुजुर्ग घर की मालकिन बिमला देवी से पूछा गया तो उन्होंने कहा उन्हें नहीं मालूम कि कितना लोन बैंक में दिया कौन से तो इस बात की हस्ताक्षर करवाए गए थे कि उनका बेटा को सामान ले रहा है और वह घर आकर करवा कर गए थे।
हम अपना जीवन पेंशन के सहारे व्यतीत कर रहे हैं 20 लाख रुपए की रकम कहां से लाएं :प्रताप सिंह
बुजुर्ग प्रताप सिंह ने कहा कि जिस बेटे ने लोन लिया है लगभग 2 वर्ष से उसकी कोई जानकारी नहीं कहां गया है और कहां रह रहा है जबकि उनकी पत्नी अपने मायके चली गई बेटा और बेटी वह उनके पास है। उनका लालन-पालन कर रहे हैं और पेंशन के सहारे जीवन बसर कर रहे हैं ऐसे में लोन चुकाना असंभव है। जिस दिन बेटा आ जाएगा तो उसे वह रकम ली उनको कोई एतराज नहीं।
जनता सरकार मोर्चा के संस्थापक नरेंद्र कुमार एवं सुशील कुमार ने कहा कि पेपर करंसी एक्ट 1882 के तहत किसी भी देश की मुद्रा तभी छापी जा सकती है जब उसके बराबर सोना हो। सरकार के पास 800 टन सोना है जिसकी कीमत 5 लाख करोड़ बनती है। लेकिन सरकार ने अवैध रूप से 34 लाख करोड रुपए छापे हुए हैं और असल में रुपया की कीमत 0.777 मिलीग्राम सोने से आकी जाती है ऐसे में यह सब रुपया अवैध है सरकार या बैंक बताएं कि है इनको दिया गया पैसा असली है या नकली? उन्होंने कहा कि जब भी किसी गरीब के साथ अन्य होगा तो उसके लिए उनका संगठन खड़ा है।