Saturday, December 21
  • गृहकर जमा नहीं करने वाले पांच सरकारी एवं प्राइवेट संस्थान होंगे सील
  • मोबाइल लाइंस और टावर कंपनियों से 25 करोड़ रुपये वसूलने के लिए रखेंगे एजेंसी
  • 15 दिन में राशि जमा नहीं करवाई, तो बंद करवा देंगे खनन


पंचकूला 6 दिसंबर।

गांव बिल्ला में बने अवैध फार्म हाउसों को नगर निगम द्वारा तोड़ा जाएगा। यह फैसला बुधवार को नगर निगम की रेवेन्यू रिलाइजेशन कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल ने की। बैठक में बिल्डिंग कमेटी के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने बताया गया कि जिला में बने फार्म हाउस, मकानों और शोरूमों से बिल्डिंग अप्रूवल प्लान और डेवलपमेंट चार्ज के रूप में अब तक केवल 39 लाख रुपये नगर निगम को प्राप्त हुए हैं। महापौर ने कहा कि गांव मोगीनंद से लेकर नग्गल तक बड़ी संख्या में हाईवे के आसपास शोरूम, फार्म हाउस बने हैं। इनकी डेवलपमेंट राशि एवं अप्रूवल राशि नगर निगम के पास जमा नहीं करवाई जा रही है। महापौर कुलभूषण गोयल ने निर्देश दिए कि तुरंत प्रभाव से एक कंसलटेंट रखा जाए, जोकि जिला टाउन प्लानर और पटवारी के कार्यों को देखकर नगर निगम कि आय बढ़ाए। कुलभूषण गोयल ने निर्देश दिए कि गांव बिल्ला रोड पर जितने भी फार्म हाउस बने हुए हैं और उनके द्वारा किसी तरह की परमिशन नहीं ली गई, उन्हें 15 दिन में तोड़ दिया जाए।

गर निगम पंचकूला की रेवेन्यू रिलाइजेशन कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया है कि गृहकर जमा ना करने वाले पांच संस्थाओं को सील कर दिया जाए। इन पांच संस्थाओं से नगर निगम ने लगभग 5 करोड़ रुपए टैक्स लेना है। इनमें गोल्फ क्लब सेक्टर 3 पर 80 लाख रुपये, शिवालिक कंट्री क्लब पर 54 लाख रुपये , होटल नार्थ पार्क पर एक करोड़ 56 लाख रुपये, रामगढ़ फोर्ट होटल पर एक करोड़ 15 लाख रुपये और होटल गोल्डन टयूलिप पर एक करोड़ 19 लाख रुपये बकाया है। नगर निगम पंचकूला द्वारा 109 करोड़ रुपये विभिन्न संस्थाओं से वसूलने हैं। इस वर्ष अभी तक 13 करोड़ 13 लाख रुपये टैक्स वसूला गया है। महापौर कुलभूषण गोयल ने निर्देश दिए हैं कि इस साल का 25 करोड़ रुपये का टारगेट मार्च तक पूरा किया जाए।

बैठक में मोबाइल टावर और मोबाइल लाइंस से आने वाली फीस के बारे में नगर निगम महापौर कुलभूषण गोयल ने जवाब मांगा, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि 25 करोड़ रुपये मोबाइल लाइंस और टावर कंपनियों से लिए जाने हैं। महापौर ने निर्देश दिए कि जिस तरह से प्रापर्टी टैक्स सर्वे के लिए प्राइवेट एजेंसी लगाई गई थी, उसी तर्ज पर मोबाइल लाइंस और टावर कंपनियों से रिकवरी के लिए किसी निजी कंपनी को रख लिया जाए, जोकि अवैध तौर पर कनेक्शन चला रही कंपनियों पर कार्रवाई करें।

बैठक में विज्ञापन के लिए लगे यूनिपोल और बोड्र्स के बारे में अधिकारियों ने बताया कि विज्ञापन का ऑनलाइन टेंडर लगाया गया था, लेकिन कोई भी विड नहीं आई ह,ै जिसके चलते उनके रेट्स में 40 प्रतिशत कमी हो गई है। अब तक विज्ञापनों से नगर निगम को 9 लाख 86 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं।

कमेटी के सदस्य पार्षद संदीप सही ने गांव मोगीनंद और जयसिंहपुरा में बने होटल लंपिंग द्वारा किए गए निर्माण का मुद्दा उठाया, जिसमें अवैध तौर पर उन्होंने बिल्डिंग बनाने की बात कही। जिस पर महापौर ने इस होटल का रिकॉर्ड जांच कर नोटिस देने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जो भी अवैध कंस्ट्रक्शन हुई है, उसे तोड़ दिया जाए।

शहर के वीटा बूथ मालिकों द्वारा नगर निगम को किराया नहीं दिए जाने पर महापौर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि नगर निगम क्षेत्र में बने बीटा बूथ से 5000 रुपये और टैक्स लिया जाए। जिन वीटा बूथ मालिकों ने स्टे ले रखा है, उनसे 1500 रुपये और टैक्स लिया जाए।

नगर निगम की जमीन पर हो रहे खनन के संबंध में अधिकारियों ने कुलभूषण गोयल को बताया कि संबंधित खनन विभाग द्वारा कोई राशि नगर निगम को जमा नहीं करवाई गई है। महापौर ने उपनिगम आयुक्त और संयुक्त आयुक्त को निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित गांव सुखदर्शनपुर, कोट, अलीपुर, डबकौरी एवं जहां भी नगर निगम की जमीन पर खनन हो रहा है, उन्हें 15 दिन का नोटिस देकर राशि वसूल की जाए। यदि वह राशि जमा नहीं करवाते हैं, तो खनन का कार्य बंद करवा दिया जाए।

डॉग रजिस्ट्रेशन ना करवाने वाले लोगों पर भी महापौर ने शिकंजा कसने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपनी डाग रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण नहीं करवाया है, उन पर जुर्माना लगाकर रजिस्ट्रेशन की जाए। बैठक में संयुक्त आयुक्त रिचा राठी, उपनिगम आयुक्त अपूर्व चौधरी पार्षद सुरेश वर्मा, सोनिया सूद, जय कौशिक, सुशील गर्ग, संदीप सोही सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।