सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 01 दिसम्बर :
सेंट लारेंस इंटरनेशनल स्कूल, जगाधरी व बिलासपुर के लगभग 250 विद्यार्थियों ने चंडीगढ़-कालका के मध्य स्थित यादविन्दर-पिंजौर गार्डन का शैक्षिक भ्रमण किया। इस शैक्षिक भ्रमण में पहली से नौवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया।
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चेयरपर्सन डॉ० रजनी सहगल ने विद्यार्थियों के कुशल प्रबन्धन, सुरक्षा और मनोरंजन के लिए सभी को निर्देश देते हुए सब को शुभकामनाएँ दी और कहा कि विद्यार्थियों को इस प्रकार की ट्रिप में जाने से जहाँ उनका मनोरंजन होता है वहीं उनमें आपस में अनुशासन के साथ मिलजुल कर रहने की भावनाएँ पैदा होती हैं। प्रातकालीन वेला में विद्यार्थियों को ट्रिप में भेजते समय प्रबंधन क्षेत्र के सभी पदाधकारी और शिक्षकों ने ट्रिप में जाने वाले विद्यार्थियों का स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाये देते हुए आवश्यक निर्देश दिए। स्कूल यूनिफार्म में इधर उधर मस्ती से उछल कूद करते विद्यार्थियों के दल बड़े ही आकर्षक लग रहे थे। चार मंजिलों में बंटे सीढ़ीनुमा उद्यान, थोड़ी-थोड़ी दूर पर बने फव्वारों वाली सात-आठ फीट चौड़ी नहर, और एकांत विलास-गृह ने सभी विद्यार्थियों को आकर्षित किया। इसके अतिरिक्त कई प्रकार के वृक्ष, देश विदेश की विविध प्रजातियों के पुष्प, जल-प्रपात, मखमली घास और पक्षियों का कलरव ने सभी को मंत्रमुग्ध किया । सभी विद्यार्थियों ने पिंजौर उद्यान में स्थित रंग महल, शीश महल और जलमहल का भ्रमण भी किया। तत्पश्चात सभी विद्यार्थियों ने परिसर में स्थित महाराजा एक्सप्रेस ट्रैन की सवारी का लुत्फ़ उठाया । ट्रेन में घूमने के दौरान बच्चे काफी ज्यादा उत्साहित दिखायी दिए। ट्रेन की यात्रा ने विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी आकर्षित किया इसी के मद्देनजर उन्होंने भी इस सवारी का आनंद लिया। स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर और विख्यात शिक्षाविद डा एम् के सहगल ने कहा कि विद्यार्थी जीवन के ट्रिप का आनद विद्यार्थी के मानस पटल पर हमेशा हमेशा के लिए अंकित हो जाता है उसे जीवन भर ये यादें गुदगुदाती रहती है । इसीलिए शैक्षणिक भ्रमण हमारे जीवन का अनिवार्य अंग है ।जब भी हमे कभी ऐसे अवसर मिले तो उनका आनंद लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ट्रिप से विद्यार्थी जहा एक और मस्ती में गुनगुनाते हुए मनोरजन करते है खाने पिने की चीजे साँझा करते है , एक दूसरे की मदद करते है इससे उनमे भाईचारे की सद्भावना विकसित होती है वही खेल खेल में पनपती और विकसित होती हुई यही सद्भावनाएँ उनमे मानवता के सच्चे गुण पैदा करती है।डा रजनी सहगल ने कहा की शैक्षणिक भ्रमण में अपने शिक्षकों के साथ घूमने फिरने से विद्यार्थियों में अनुशासन और नैतिकता के भाव व् आदर्श पैदा होते है। उन्हें अपने प्रदेश और देश के दर्शनीय स्थलों व् वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का ज्ञान होता है। बच्चों ने बसों से उतरते समय कहा क़ि उनका यह ट्रिप रोमांचक होने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी था। स्कूल से ले जाते हुए अभिभावको ने विद्यर्थियो को हर्षित, आरामदेह, प्रेरणादायक और यथार्थवादी अनुभव दिलाने के लिए प्रबंधन समिति का आभार व्यक्त किया। भ्रमणोपरांत शिक्षकों के सरक्षण में सभी विद्यार्थी आनदमग्न होकर अपने अपने घर लौट गए। सभी के चेहरे पर ख़ुशी और होठो पर मुस्कान थिरक रही थी। इस अवसर पर डा एम् के सहगल, स्वरांजलि सहगल, विक्रांत गुलाटी ,गगन बजाज, शैली चौहान, ब्रह्मकान्ति शर्मा, राखी बांगा, पिंकी बंसल, डेज़ी शर्मा व् अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।