Friday, May 9

प्लाईवुड उद्योग हेतु बनाए गए क्वालिटी कंट्रोल आदेशों को वापिस ले या सरलीकरण करें सरकार : सुभाष जॉली

सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 25 नवम्बर  :

भारत सरकार की ओर से प्लाईवुड उद्योग के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर का गजट की नोटिफिकेशन कर दी गई है और अगले कुछ समय तक मंत्रालय के इस अधिसूचना को प्रत्येक प्लाईवुड इंडस्ट्री में लागू भी कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि प्लाईवुड उद्योग जगत से जुड़े लोगों द्वारा इस अधिसूचना को लेकर विभिन्न प्रकार अटखले लगाई जा रही है। जिस प्रकार जीएसटी लागू होने पर व्यपारियों द्वारा सरकार के फैसले को, थोपा गया फरमान बताया गया था, ठीक उसी प्रकार गुणवत्ता मानक अधिसूचना जारी करना भी कहीं न कहीं प्लाईवुड निर्माताओं को, सरकार द्वारा लीक से हट कर लिया गया फैसला लग रहा है। दरअसल प्लाईवुड निर्माताओं का कहना है कि गुणवत्ता जाँच का कानून, खाद्य पदार्थों व अन्य दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं तक सीमित रहना चाहिए था परंतु प्लाईवुड उद्योग पर यह मानक तय करना न्यायसंगत नही है। सरकार के इस कदम से जहाँ प्लाईवुड उद्योग जगत में गुणवत्ता की दृष्टि से नए आयाम स्थापित होने की संभावना है वहीं उद्योगपतियों एवं प्लाईवुड उद्योग से जुड़े लोगों ने सरकार के इस कदम पर चिंता भी जाहिर की है। इसी संदर्भ में वुड टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन की ओर से तथा प्लाई इनसाइड के प्लेटफार्म पर एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें इस परिचर्चा की अध्यक्षता वुड टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष जॉली द्वारा की गई एवं परिचर्चा में मुख्य रूप से आई डब्ल्यू एस सी के डायरेक्टर डॉक्टर एमपी सिंह एवं बीआईएस के साइंटिस्ट प्रदीप शेखावत मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। परिचर्चा में अपने विचार सांझा करने के लिए डॉक्टर आशीष कुमार, ऑल इंडिया प्लाईवुड एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश तिवारी, जेके बिहानी, अभिषेक चितलानिया, सी एन पांडे, एसके नाथन,अशोक अग्रवाल ताजपुरिया, गजेंद्र राजपूत, मनोज गवारी, वैद्यनाथन, सुरेश बहती तथा प्रतिभा नागपाल शामिल हुए। इस बारे में जानकारी देते हुए वुड टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष जॉली ने बताया कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने लकड़ी आधारित बोर्ड गुणवत्ता नियंत्रण आदेश 2023 के माध्यम से प्लाईवुड आधारित बोर्ड की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाया है और यह आदेश भारतीय मानकों का पालन करने के लिए अनिवार्य बताया गया है। सुभाष जॉली ने बताया कि सरकार के इन आदेशों की अवहेलना करने पर दंड का प्रावधान भी सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से प्लाईवुड उद्योग विभिन्न प्रकार की चुनोतियों से घिरा हुआ है और ऐसे में मंत्रालय द्वारा यह अधिसूचना,वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए,उद्योग जगत से जुड़े लोगों के लिए असामान्य लग रही है। परिचर्चा में बोलते हुए वक्ताओं ने बताया कि यह अधिसूचना जारी होने से गुणवत्ता की जाँच हेतु सरकार के मानकों पर खरा उतरना होगा और यदि किसी कारणवश उत्पाद का सेंपल फ़ेल या अनमार्कड हो जाता है तो उत्पाद का पूरा लॉट निरस्त करना पड़ेगा और संभवतःउद्योग बंद करने के आदेश भी जारी किए जा सकते हैं। जॉली ने कहा कि ऐसे में प्लाईवुड उद्योग से जुड़े लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने सरकार व सम्बंधित विभाग का आह्वान करते हुए कहा कि प्लाईवुड उद्योग से जुड़े लोगों अपना काम ईमानदारी और गुणवत्ता के मानकों के आधार पर पहले से ही कर रहे हैं इसलिए इस दिशा में उद्योग जगत से जुड़े लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस कानून को रद्द किया जाए या इसमें सरलीकरण किया जाए।