पिछले वर्ष की बकाया पायलट प्रोजेक्ट ग्रांट जारी करवाने की शिक्षा मंत्री से लगाई गुहार
सुशील पण्डित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 25 नवम्बर :
जिला यमुनानगर के राजकीय विद्यालयों को हरियाणा सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट ग्रांट में सिविल वर्क करवाने के लिए शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल गुर्जर के प्रयास से 20 से 25 लाख रुपए की राशि वित्त वर्ष 2022-23 में प्राप्त हुई थी जिसको एस एम सी द्वारा स्कूल की बुनायदी सुविधाओ जैसे शोचलयो का निर्माण,चारदीवारी,स्कूल जाने का पक्का रास्ता,फर्श आदिपर स्कूल की आवश्यकता अनुसार खर्च किया गया। जिला यमुनानगर के राजकीय विद्यालयों में जब करवाए गए कार्य के बिल भुगतान हेतु बनाने शुरू हुए तो फरवरी 2023 में वित्त विभाग द्वारा कैप लगा दी गई जिससे करवाए गए कार्य की लगभग सवा तीन करोड़ की देनदारी स्कूल मुखियो के गले पड़ गई जिसके लिए स्कूल प्रधानाचार्य व हैंड मास्टर्स का प्रतिनिधिमंडल स्कूल शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल गुर्जर से उनके जगाधरी कार्यालय में अनेक बार गुहार लगाते हुए अनुरोध किया की इस रुकी हुई ग्रांट को जल्द जारी करवा कर हमे राहत दिलवाए।
आज राजकीय स्कूल मुखियों का प्रतिनिधिमंडल स्कूल शिक्षा मंत्री चौधरी कंवर पाल गुर्जर से मिला और पिछले वर्ष की पायलट प्रोजेक्ट की बकाया ग्रांट को तुरंत जारी करने की गुहार लगाई , स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने तुरंत निदेशक सेकंडरी स्कूल शिक्षा विभाग डा आशिमा बराड़ से फोन पर बात करके कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा यह सिविल वर्क करवाया गया है इनकी बकाया राशि का भुगतान तुरंत करवाए उन्होंने कहा की यह सभी शिक्षक है कोई ठेकेदार नही है , हरियाणा सरकार ने इनके माध्यम से काम करवाया है इसलिए जल्द से जल्द बकाया ग्रांट जारी की जाए।
स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने वित्त विभाग के सचिव श्री अनुराग रस्तोगी को भी फोन करके ग्रांट को तुरंत जारी करने के निर्देश दिए व कहा कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द किया जाए व अगर कोई दिक्कत है तो मुझे वह बताएं वह दिक्कत दूर की जाएगी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल कृष्ण लाल सैनी मुख्याध्यापक संघ के जिला प्रधान एवम् राकेश गुप्ता जिला संगठन आयुक्त व मुख्य सलाहकार राजकीय अध्यापक संघ 70 ने बताया कि अनेक बार पायलट प्रोजेक्ट की बकाया ग्रांट जारी करवाने बारे स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल जी से गुहार लगा चुके हैं परंतु अधिकारी फाइल को एक दूसरे के पास कह कर अनावश्यक रूप से लटका रहे हैं ऐसे अधिकारियो के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए जो सरकार की छवि खराब कर रहें है।उन्होंने कहा कि फरवरी मास में वित्त विभाग द्वारा जो केप लगाई जाती है वह 5 से 10 दिन की होती है परंतु अब तो इस विषय को लगभग 10 महीने बीत गए है आए दिन सीमेंट,सरिया, ईंट, रेत,बजरी, व अन्य सामान के लेनदार आकर प्रधानाचार्य व शिक्षकों से अपने पैसे के भुगतान बारे में बात करते है।
उन्होंने कहा की हमने सरकार के निर्देश अनुसार काम करवाया अब यह सिविल वर्क की पेमेंट्स न होने से सम्बंधित शिक्षक समाज में अपने को अपमानित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्थानांतरण नीति एवम पदोन्नति नीति चल रही हे जिसके चलते आने वाले समय में सरकारी विद्यालयों में करवाए गए कार्य के बिलों का भुगतान करना गंभीर समस्या बन जायेगा।प्रतिनिधिमंडल में डा मीनाक्षी, श्रीमती ज्योत्सना, श्रीमती मधु श्रीमती इंदिरा ,अनिल कुमार, हरजिंद्र सिंह,उमेश खरबंदा, नरेश शर्मा, सतबीर सिंह, कृष्ण लाल सैनी, राकेश गुप्ता आदि शामिल रहे।