- सनातन धर्म की पूजा-पद्धति सबसे सरल व सीधी : जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 08 नवम्बर :
हिन्दू सनातन धर्म पृथ्वी का सबसे प्राचीनतम धर्म है। इसकी उत्पत्ति मनुष्य जीवन की उत्पत्ति से भी पहले की है। धर्म के जानकार लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का समुद्र मानते हैं। हमारे ऋषियों ने सबके लिए इतनी सरल व सीधी पूजा-पद्धति का आविष्कार कर उपासकों को ईश्वर प्राप्ति का सरल मार्ग सुझाया हैं। ये विद्व्तापूर्ण बातें पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती 1008 ने आज सेक्टर 27 स्थित श्रीराम लीला मैदान में श्री सनातन धर्म के महत्व व विशेषताओं के विषय पर एक धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहीं। शिव डाक कावड़ संघ एवं श्याम परिवार के सदस्यों द्वारा इस कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी की पादुका पूजन करके किया गया।
इस अवसर पर महाराज जगतगुरू शंकराचार्य जी ने हरियाणा मंगल यात्रा का समापन करते हुए कहा कि जहां हरि का बार-बार आना होता है, उसे हरियाणा कहते हैं। उन्होंने घोषणा की कि हरियाणा भारत का पहला ऐसा राज्य बनेगा जिसमें चौबीस अवतारों के मंदिर बनेंगे और साथ ही चण्डीगढ़ में भी चौबीस अवतारों का एक विशाल मंदिर बनाया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए भजन गायन किया।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के अडिशनल सॉलिसीटर जनरल सत्यपाल जैन, हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सह प्रभारी संजय टंडन, पूर्व महापौर रवि शर्मा, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चण्डीगढ़ अरुण सूद एवं श्री देवालय पूजक परिषद्, चण्डीगढ़ के सभी सदस्यों सहित इस अवसर पर आयोजक संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी हरिंदर बुद्धिराजा, केएल बंसल, विजेंद्र कश्यप, विनोद बंसल, विजय गोयल, वेद बंसल, अक्षय गर्ग, राजेश बंसल, अमन सिंगल, बजरंग लाल, सुनील जैन व संजय गर्ग के साथ-साथ समाजसेवी डॉ. अनीस गर्ग व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।