केंद्र पंजाब यूनिवर्सिटी के अनुदान जल्द से जल्द जारी करे

पंजाब यूनिवर्सिटी का पंजाब के लोगों के साथ गहरा सम्बन्ध है

राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 27 सितम्बर :

पंजाब यूनिवर्सिटी का पंजाब के लोगों के साथ गहरा सम्बन्ध है विभाजन के बाद यह लाहौर से पंजाब के होशियारपुर और फिर हमारी राजधानी चंडीगढ़ आकर स्थापित हुई। पंजब के मुख्य्मंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा अनुदान राशि जल्द से जल्द जारी की जाए।

साल 1966 में पुनर्गठन एक्ट के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी चार हिस्सेदारों जैसे कि केंद्र, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के साथ अंतर- राज्यीय बॉडी कॉर्पोरेट बन गई। यूनिवर्सिटी के खर्चे केंद्र (40 प्रतिशत) के साथ तीन हिस्सेदार राज्यों ( 20:20:20) द्वारा बराबरी में साझे किए जाने थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों ने क्रमवार साल 1973 और 1975 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अपने कॉलेज वापस ले लिए और अपनी यूनिवर्सिटियाँ स्थापित कर लीं और पंजाब यूनिवर्सिटी को फंड देना बंद कर दिया।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह केवल पंजाब ही है जिसने पिछले 50 सालों से इस यूनिवर्सिटी को मदद दी और इसके प्रसार में योगदान दे रहा है। अब इस पड़ाव पर हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि हरियाणा अपने कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ क्यों जोडऩा चाहता है, जबकि वह पहले ही कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, (A+ NAAC मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी) के साथ पिछले 50 सालों से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने सवाल किया कि पिछले 50 सालों से पंजाब यूनिवर्सिटी को नजरअन्दाज करने वाले हरियाणा के लिए अब इसकी मान्यता प्राप्त करने के लिए कौन से हालात बदल गए हैं? भगवंत सिंह मान ने कहा कि जहाँ तक पंजाब यूनिवर्सिटी के फंडों का सम्बन्ध है, पंजाब ने हमेशा यूनिवर्सिटी को वित्तीय सहायता दी है और भविष्य में भी पंजाब यूनिवर्सिटी को आपसी सलाह-मश्वरे की प्रक्रिया के अंतर्गत ज़रुरी फंड मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी को साल 2017 में भारत सरकार द्वारा अंतिम रूप में दिए संशोधित फॉर्मूले के अनुसार ग्रांट-इन-एड प्रदान करने की वचनबद्धता को पंजाब सरकार द्वारा पूरा किया गया, जिसके अंतर्गत 188.31 करोड़ रुपए के बकाया हिस्से के विरुद्ध सरकार ने 2022-23 तक 261.96 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिससे न केवल घाटे को पूरा किया जा सके, बल्कि पंजाब यूनिवर्सिटी के कांस्टीचूऐंट कॉलेजों के लिए अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था भी की जा सके। उन्होंने बताया कि साल 2023-24 के लिए उन्होंने सरकार ने बजट में 47.06 करोड़ रुपए मंज़ूर किये थे, परन्तु ग्रांट-इन-एड को बढ़ाकर 94.13 करोड़ रुपए कर दिया, जिससे यूनिवर्सिटी द्वारा यू.जी.सी. स्केलों को लागू करने के कारण वेतन में वृद्धि को लागू किया जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार ने दो नये होस्टल बनाने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी के लिए 48.92 करोड़ रुपए मंज़ूर किये। एक होस्टल लडक़ों के लिए और दूसरा लड़कियों के लिए बनना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो पंजाब ने अपनी वचनबद्धता को पूरा किया है परन्तु केंद्र सरकार ने यू.जी.सी. स्केलों को अपनाने के कारण पंजाब यूनिवर्सिटी को 51.89 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई ग्रांट-इन-एड के हिस्से को अभी तक मंज़ूरी नहीं दी। उन्होंने गृह मंत्री से अपील की कि इस अतिरिक्त अनुदान को जल्दी से जल्दी जारी किया जाये। उन्होंने पंजाब सरकार के स्टैंड को दोहराते हुए कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी यूनिवर्सिटी है और हम भविष्य में भी इसकी सहायता और फंड जारी रखेंगे।