राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल अनाजमंडी बरवाला के विद्यार्थियों ने किया एफसीआई, खाद्य संग्रह भण्डार, बरवाला का भ्रमण

राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल अनाजमंडी बरवाला के विद्यार्थियों ने किया एफसीआई, खाद्य संग्रह भण्डार, बरवाला का भ्रमण और खाद्यान्न खरीद, भंडारण, वितरण योजनाओं की ली जानकारी।

मुनीश सलूजा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिसार – 18 सितम्बर :

भारतीय खाद्य निगम के खाद्य संग्रह भंडार, बरवाला में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल अनाज मंडी, बरवाला के विद्यार्थियों ने स्कूल प्रिंसिपल सुभाष बिश्नोई ने भाग लिया। और निगम के खाद्य संग्रह भंडार, बरवाला में भ्रमण किया | भ्रमण के दौरान निगम के प्रबंधक श्रीमती सविता मालवी, मंडल कार्यालय हिसार,  नेत्रपाल कांवत , प्रबंधक, खाद्य संग्रह भंडार, बरवाला , अनूप मलिक तकनीकी सहायक खाद्य संग्रह भंडार, बरवाला ने विद्यार्थियों को भारतीय खाद्य निगम के कार्य प्रणाली के बारे में जानकारी दी। इस दौरान गोदाम में भंडारित चावल और गेहूं के भंडारण की प्रक्रिया व वितरण प्रणाली के बारे में बताया। इस दौरान निगम के प्रबंधक सविता मालवी मंडल कार्यालय हिसार ने बताया कि एफसीआई एक संविधिक निकाय है जिसे भारतीय खाद्य निगम अधिनियम 1964 के तहत वर्ष 1965 में स्थापित किया गया। इसकी देश में भीषण अन्न संकट विशेष रुप से गेंहू के अभाव के चलते इस निकाय की स्थापना की गई थी। इसका मुख्य कार्य खाद्यान्न एवं पदार्थों की खरीद भंडारण, परिवहन, वितरण करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम देश की खाद्य सुरक्षा की गारंटी लेता है। यह भविष्य में देश के समक्ष आई किसी भी प्राकृतिक आपदा का डटकर सामना कर सकता है। इसके अलावा अनूप मलिक तकनीकी सहायक, खाद्य संग्रह भंडार, बरवाला ने विद्यार्थियों को विशेषकर फोर्टीफाईड चावल के बनने की प्रक्रिया व गुणों के बारे में बताया कि चावल के फोर्टीफिकेशन में चावल को पीसकर पाउडर तैयार कर इसमें पोषक तत्वों (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12) का मिश्रण किया जाता है। इस फोर्टीफाईड चावल के मिश्रण को पुन: चावल के आकार में बदला जाता हैं। जिसे फोर्टीफाईड राइस कनेल कहा जाता है जो कि महिलाओं व बच्चों में कुपोषण से होने वाली गंभीर बिमारियों  के लिए लाभदायक है। इस फोर्टीफाईड राइस कनेल को सामान्य चावल के साथ 1:100 के अनुपात में मिश्रित किया जाता है। तथा इसके बाद इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जारी कर दिया जाता है।