Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 22 अगस्त 2023 :

Kalki Jayanti 2021: भगवान कल्कि की मूर्ति को पुजारी के अलावा कोई छू नहीं  सकता - shri kalki avatar jayanti-mobile
आज श्री कल्कि जयंती है

नोटः नोटः आज श्री कल्कि जयंती है। कल्की जयंती के दिन भगवान कल्कि की भक्तिभाव से पूजा की जाती है। भक्त लोग अपने अराध्य की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही सभी प्रकार के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं। पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 22 अगस्त को सुबह शुरू होगी और 23 अगस्त को सुबह समाप्त होगी। इसलिए कल्कि जयंती 22 अगस्त को मनाई जाएगी। साधक दिन के किसी भी समय भगवान कल्कि की पूजा कर सकते हैं।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय), 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः षष्ठी 

रात्रि काल 03.07 तक है, 

वारः मंगलवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः चित्रा प्रातः काल 06.32 तक है, 

योगः शुक्ल रात्रि काल 10.18 तक,

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः तुला, 

 करणः कौलव, राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.58, सूर्यास्तः 06.50 बजे।