Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 19 अगस्त 2023 :

Hariyali Teej 2023: सिंधारा भेजते समय ध्यान रखें ये बातें - Hariyali Teej  2023 Sending Sindhara to daughter house so keep these things in mind
मधुस्रुवा – हरियाली सिंघारा तीज प्रारम्भ

नोटः मधुस्रुवा – हरियाली सिंघारा तीज प्रारम्भ : हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इसे सिंघारा तीज भी कहा जाता है। हरियाली का अर्थ हरियाली है। ऐसा माना जाता है कि गर्मी के मौसम के बाद धरती हरियाली में लिपट जाएगी। हरियाली तीज नवविवाहित महिलाओं के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है जो अपने घर आती हैं और उन्हें कई वस्तुएं भेंट की जाती हैं। माता-पिता अपनी बेटी और उसके ससुराल वालों को सिंधारा देते हैं। उपहार में आमतौर पर घेवर, घर की बनी मिठाइयां, हिना आदि शामिल होते हैं।  महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनेंगी और विशेष पूजा करेंगी। राजस्थान राज्य में, देवी पार्वती या तीज माता की यात्राएं सड़कों पर निकाली जाएंगी

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय), 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः तृतीया रात्रिः 10.20 तक है, 

वारः शनिवार। 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

नक्षत्रः उत्तरा फाल्गुनी रात्रि काल काल 01.48 तक है, 

योगः सिद्धि रात्रि काल 09.19 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कन्या, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 05.56, सूर्यास्तः 06.53 बजे।