Sunday, December 22

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, पंचांग 18 अगस्त 2023 :

Shukra Vakri : 4 दिवसांनंतर 7 राशींचे 'अच्छे दिन' ! शुक्र वक्रीमुळे बँक  बॅलन्समध्ये भरभराट | shukra vakri 2023 in kark Venus go retrograde 7 zodiac  signs there will be rain of torn notes
वक्री शुक्र पूर्व मे उदय है

नोटः वक्री शुक्र पूर्व मे उदय है। शुक्र 18 अगस्त 2023 को 7:12 कर्क रांची में उदयपुर वैदिक ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख, कला, सौंदर्य, आदि पर शासन करने वाले के रूप में जाना जाता है। शुक्र ग्रह को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है। शुक्र उदय की अवधि लगभग 23 दिन है। शुक्र ग्रह के मजबूत प्रभाव या स्थिति के कारण व्यक्ति को भौतिक सुख विलासिता प्रसिद्ध आदि मिलती है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (शुद्ध द्वितीय), 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वितीया रात्रिकालः 08.02 तक है, 

वारः शुक्रवार।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पूर्वाफाल्गुनी रात्रि काल 10.57 तक है, 

योगः शिव रात्रि काल 08.27 तक, 

करणः बालव,

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः िंसंह, 

 राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.56, सूर्यास्तः 06.54 बजे।