भिंडरावाला को आतंकवादी कहने पर दर्ज मामले में शांडिल्य को दोषमुक्त करने की अर्जी पर पुलिस ने अदालत में दिया जवाब
- शांडिल्य ने अदालत में खुद की बहस, बोले- जिसे भारतीय सेना ने मारा उसे आतंकवादी कहने पर क्यों किया मामला दर्ज
- शांडिल्य ने अदालत को कहा कि राज्य से लिखित पूछे कि क्या भिंडरावाला को किसी सरकार ने शहीद का दर्जा दिया हुआ या नहीं
- 6 जून 2018 को वीरेश शांडिल्य पर जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुतला जलाने की बात कहने पर हुआ था धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज, शांडिल्य हुए कोर्ट में पेश, सीजेएम कंवल कुमार की कोर्ट में डिस्चार्ज करने की अर्जी पर हुई सुनवाई
डेमोक्रेटिक फ्रंट, अम्बाला – 10 अगस्त :
6 जून 2018 को एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने सोशल मीडिया पर बयान दिया था कि वो आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुतला जलाएंगे। जिस पर जरनैल सिंह भिंडरावाला समर्थक हरपाल सिंह पाली ने थाना अम्बाला शहर थाना में शिकायत दी जिस पर तत्कालीन थाना प्रभारी अजीत सिंह ने धार्मिक भावनाएं भडकाने पर आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए व 67 आई.टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था l जिसमें वीरेश शांडिल्य वीरवार को सीजेएम कंवल कुमार की अदालत में पेश हुए। वीरेश शांडिल्य ने कोर्ट को लिखित अर्जी दी कि जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुतला जलाने के आरोप में उन पर पुलिस ने गलत मुकदमा दर्ज किया वो गलत है और उस केस में अदालत उन्हें डिस्चार्ज (दोषमुक्त) करें ।
अदालत ने वीरेश शांडिल्य की अर्जी पर पुलिस से जवाब मांगा था । पुलिस ने आज सीजेएम कंवल कुमार की कोर्ट में लिखित जवाब दिया और पुलिस ने कोर्ट को वीरेश शांडिल्य की डिस्चार्ज की अर्जी पर दिए जवाब की प्रति सौंपी l शांडिल्य की डिस्चार्ज करने की अर्जी पर पुलिस जवाब के बाद कोर्ट ने सरकारी वकील से केस बारे जानकारी मांगी। सरकारी वकील मनमोहन ने सीजेएम कंवल कुमार को बताया कि वीरेश शांडिल्य ने जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुतला जलाया था जिस कारण सिख समाज की धार्मिक भावनाएं भड़की इस पर अदालत ने सरकारी वकील से पूछा किन लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़की तो इस पर सरकारी वकील ने कहा कि सिख समाज की जिस पर सिख समाज के नेता हरपाल सिंह पाली ने वीरेश शांडिल्य पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का केस दर्ज करवाया था वही सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी एफएसएल से रिपोर्ट आनी बाकी है। सरकारी वकील ने कोर्ट में अम्बाला शहर थाना प्रभारी के दिए जवाब को पढ़ते हुए बताया कि वीरेश शांडिल्य के सैमसंग मोबाइल फोन का डिलीट हुआ डाटा रिकवर करने के लिए 5 जून 2019 को गुरुग्राम डीआईटीएसी लैब गुरुग्राम में जमा करवाया गया जिसकी अभी तक रिपोर्ट नही आई। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि इस केस में पुलिस 8 सितंबर 2020 को वीरेश शांडिल्य के खिलाफ चालान दे चुकी है। इस पर एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव विश्व हिन्दू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने स्वयं अपने केस की पैरवी की और सीजेएम कवँल कुमार को बताया कि जो उन्होंने फरवरी 2023 में कोर्ट को इस फर्जी केस में डिस्चार्ज होने की अर्जी दी थी उंस अर्जी का तो न सरकारी वकील व न पुलिस कोई जवाब दे रही है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जब अपराध हुआ ही नही तो उनके खिलाफ एफआईआर क्यों दर्ज की गई l
वही शांडिल्य ने अदालत को बताया कि वह 25 साल से आतंकवाद व देशद्रोहियों के खिलाफ लड़ रहे हैं बब्बर खालसा के आतंकवादियो के खिलाफ लड़ रहे हैं वहीँ शांडिल्य ने कोर्ट को बताया कि आज जो अदालतों में अपराधियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होती है वो हाई कोर्ट ने उन्ही की जनहित याचिका पर 2010 में फैसला लिया था। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कोर्ट को बताया कि जब पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाला का साहित्य बिक रहा था फिर कट्टरपंथी व भिंडरावाला समर्थक पंजाब की शांति भंग करने की साजिश रच रहे थे तो उनके संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया ने वर्ष 2010 में भिंडरावाला के साहित्य पर रोक लगाने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी जिस पर हाई कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को कार्रवाई के आदेश दिए थे। शांडिल्य ने अदालत से गुहार लगाई और कहा कि जिस जरनैल सिंह भिंडरावाला ने 90 सेना के जवानों को व पंजाब पुलिस के अफसरों को 1984 में मौत के घाट उतारा उस जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुतला जलाना या पुतला जलाने की बात कहने पर किन लोगों की भावनाएं भड़क सकती है यह अदालत समझ सकती है और उन्होंने कोर्ट को बताया कि भिंडरावाला को मीडिया आतंकवादी लिखती है और जो आदमी 90 सेना के जवानों का कातिल हो जो भारतीय सेना देश का गर्व है उस भिंडरावाला का पुतला जलाने का विरोध करने वाले कट्टरपंथी व भिंडरावाला के समर्थक हैं। इस देश मे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के पुतले फूंकने पर केस दर्ज नही होता और जरनैल सिंह भिंडरावाला का पुतला कहने की बात पर केस दर्ज हो जाता है। जेल में डाल दिया जाता है।
वीरेश शांडिल्य ने अदालत से मांग की है कि वो सरकारी वकील से पूछे कि क्या जरनैल सिंह भिंडरावाला को केंद्र व राज्य सरकार ने शहीद का दर्जा या संत का दर्जा दिया हुआ है। यदि भिंडरावाला को शहीद का दर्जा सरकार ने दिया हुआ है तो वो बिना अदालत का ट्रायल चले अपना दोष मान लेंगे और कोर्ट उन्हें जो भी सजा देगी वो मंजूर होगी लेकिन एक आतंकवादी के खिलाफ बोलने पर उसके समर्थकों ने उन पर मुकदमा दर्ज करवा उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है। अदालत ने इस मामले में लिखित की डिस्चार्ज अर्जी पर स्पष्ट जवाब देने के आदेश दिए अब इस केस की सुनवाई 18 नवंबर 2023 को होगी।
शांडिल्य ने अदालत को कहा कि कट्टरपंथी उनकी आतंकवाद के खिलाफ व जरनैल सिंह भिंडरावाला के खिलाफ मुहिम के खिलाफ हैं और उन्हें डराने के लिए न केवल भिंडरावाला के नाम की आड़ में उसके समर्थको ने केस दर्ज करवाया बलिक 6 जून 2018 को इस केस से पहले भिंडरवाला समर्थको ने उनके दफ़्तर को आग लगाई जिसमे हरपाल सिंह पाली, रणबीर फौजी, चरनजीत टक्कर, टीपी सिंह मन्नी बिंद्रा,सुखदेव सिंह गोबिंदगढ़ सहित दर्जनों भिंडरावाला समर्थक इसी कोर्ट से 50 हजार जमानत मुचलके पर रिहा हैं इन कट्टरपंथियों की सुनवाई इस कोर्ट में 31 अगस्त 2023 को होनी है। शांडिल्य ने कोर्ट के बाहर मीडिया को कहा कि वो न डरेंगे, न झुकेंगे, ओर इसी तरह आतंकवाद व देशद्रोहियों के खिलाफ उनका संगठन एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया लड़ता रहेगा l