- पेक के पूर्व छात्र डॉ. बीआरसी ने ग्रैड सिस्टम पर लैक्चर दिया
- पेक डायरेक्टर को बीआरसी ने भेंट की अपनी किताब ‘फिश टैंक मॉडल फॉर हार्ट केयर’
- डॉ. बीआसी का पेक चंडीगढ़ में मेडिकल इंजीनयरिंग पर लेक्चर
डेमोक्रेटिक फ्रंट, चण्डीगढ़- 01अगस्त :
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पेक) चंडीगढ़ में जी-20 आउटरीच के तहत आयोजित कार्यक्रम में, डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी (बीआरसी) ने अपने आविष्कार ग्रैड सिस्टम पर आज व्याख्यान दिया। वह पेक के पूर्व छात्र हैं। पेक के डायरेक्टर प्रोफेसर बलदेव सेतिया को उन्होंने अपनी नई किताब ‘फिश टैंक मॉडल फॉर हार्ट केयर’ भी भेंट की।
साइंस, टैक्नोलॉजी एवं सोसाइटी विषय पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. बीआरसी ने कहा कि ग्रैड सिस्टम से कैंसर, थैलीसीमिया, किडनी व लिवर फेल, डायबिटीज़ टाईप1-2, तथा ब्रेन टयूमर जैसे असाध्य रोगों को रिवर्स करने में मदद मिली है। हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में देश भर के 35 से अधिक मरीजों ने इस सिस्टम से ठीक होने के अपने अनुभव सुनाए थे। उनहोंने कहा कि मेडिकल इंजीनियरिंग की मदद से असाध्य रोगों का इलाज संभव है और यह तथ्य नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के क्लीनिकल ट्रायल्स में भी प्रमाणित हो चुका है।
डॉ. बीआर सी ने अपने लेक्चर में कहा कि गुरुत्वाकर्षण बल, तापमान और आहार नियंत्रण से असाध्य रोगों को ठीक करने में सफलता मिली है। उनके हिम्स अस्पतालों में मरीजों को ग्रैड सिस्टम, डिप डाइट, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद की मदद से गंभीर मरीजों को डायलिसिस, डायबिटीज, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और दिल के रोगों से असाध्य रोगों से छुटकारा मिल रहा है। ग्रैड सिस्टम में गर्म पानी में बैठकर और डिप डाइट लेकर किडनी रोग रिवर्स हो जाता है और ट्रांसप्लांट की जरूरत नहीं पड़ती। पेक से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट व डायबिटीज में पोस्ट ग्रेजुएट, डॉ. चौधरी को डायबिटीज व क्रोनिक किडनी डिजीज में उल्लेखनीय कार्य के लिए श्रीधर यूनिवर्सिटी, पिलानी ने मानद पीएचडी प्रदान की है।