शिरोमणि अकाली दल में एक बार फिर अंदरूनी बगावत पैदा हो गई है
पूर्व विधायक दलबीर सिंह वेरका शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। की मौजदूगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। उनके पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों के राजनीतिक सलाहकार गुरमुख सिंह ब्लेयर ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली। दोनों नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। दोनों नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। इसी बीच,शिरोमणि अकाली दल में बगावत हुई और पहले रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा और उसके बाद सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपना अपना दल बना लिया। हालांकि बाद में रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा अकाली दल में वापस आ गए लेकिन सुखदेव सिंह ढींडसा ने साफ कर दिया कि वह सुखबीर बादल की लीडरशिप में काम नहीं करेंगे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दे दिया।
राज्वीरेंद्र वसिश्ठ, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ – 17 जुलाई :
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक 18 जुलाई को बुलाई गई है। वहीं बैठक में पंजाब से शिरोमणि अकाली दल को न्योता नहीं दिया गया है बल्कि इससे अलग हुए सुखदेव सिंह ढींडसा को भी बुलाया गया है। इससे फिलहाल शिअद-भाजपा गठबंधन की संभावनाओं को झटका लगा है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का इंतजार अब लंबा हो सकता है।
शिरोमणि अकाली दल (SAD) में एक बार फिर अंदरूनी बगावत पैदा हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अकाली दल की महिला विंग से बगावत सामने आई है और इस बीच अकाली दल को बड़ा झटका भी लगा है। बताया जा रहा है कि, अकाली दल की तरफ से हरगोबिन्द कौर को महिला विंग की प्रधान बनाए जाने से विरोध की स्थिति पैदा हुई।
विंग की महिला सदस्यों ने हरगोबिन्द कौर को प्रधान बनाए जाने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। महिला सदस्य लगातार विरोध कर रहीं थीं। वहीं अब विंग की 30 से ज्यादा महिला सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। महिला सदस्यों ने अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को अपना इस्तीफा भेजा है और साथ ही सुखबीर बादल को एक चिट्ठी भी लिखी है।