नगर निगम के कमाऊ या ग़वाऊँ पूत?
विनोद कुमार तुषावर, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 01 जुलाई :
आप नेता प्रेम गर्ग ने सवाल उठाया गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट लगाने से पहले नगर निगम पिछले लगाये गये प्लांटों का हिसाब किताब तो सार्वजनिक करे ताकि चंडीगढ़ की जनता को भी पता लगे कि निगम कमाऊ पूत हैं या गवाऊ पूत ?? नगर निगम ने दस महीने पहले इंडस्ट्रियल एरिया स्थित अपने कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलेशन (C&D) प्लांट में मलबे और सीमेंट की ईंटें बनाने का प्लांट लगाया था, जिसमें 9″x4½”x3″ साइज की ईंट आम लोगों और गवर्नमेंट सिविल वर्क्स के लिए उपलब्ध करवानी थीं, इन ईंटों का मूल्य 6.50 रुपए प्रति ईंट है, जिसमें GST अलग से है, प्लांट पर जाकर इन्हें लोग खरीद सकते हैं, दावा किया गया था कि निगम का यह प्लांट एक दिन में लगभग 10 हजार ईंटें बना सकता है, इससे पहले निगम का यह प्लांट पेवर ब्लॉक्स भी बना रहा था , कोई तो यह जानकारी सार्वजनिक करें कि इस प्लांट से 10 महीनों में कितनी प्रोडक्शन हुई और कितनी कमाई हुई है,
हॉर्टिकल्चर वेस्ट के प्लांट की क्या प्रोग्रेस है , गौरतलब है कि चंडीगढ़ नगर निगम ने बागवानी कचरे को प्रोसेस करने के लिए नया प्लांट लगाया था और क्लेम किया था कि इस लांट से नगर निगम की आय भी बढ़ेगी, प्लांट का उद्घाटन 29 नवंबर 2022 को चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने किया था, गौशाला के गोबर की प्रोसेसिंग कैसे होती है , क्या सिर्फ नई गौशाला का निर्माण ही हो रहा है या फिर गोबर जिसकी एक ट्राली बाजार में दो से ढाई हज़ार रुपये की बिकती है , उस गोबर से निगम को कितनी सालाना आय होती है, या गोबर की प्रोसेसिंग का भी खर्चा निगम के खाते में से देना पड़ता है ?
गर्ग ने ये भी पूछा कि जेपी प्लांट जिसका नगर निगम ने बड़ी धूम धाम से अधिग्रहण किया था, उसके रख रखाव पर और रिपेयर पर कुल कितना पैसा बर्बाद किया गया ??