तय है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबियों की संख्या सबसे ज्यादा होगी जबकि उप मुख्यमंत्री और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की पसंद से भी कुछ नेताओं को बोर्ड और निगमों में जगह दी जाएगी। इसके अलावा डिप्टी स्पीकर, चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप की कुर्सी भी खाली है। हालांकि, नियुक्तियां पार्टी हाईकमान मंजूरी के बाद की जाएंगी। संगठन और सरकार में तालमेल बनाए रखने के साथ साथ क्षेत्रिय और जातीय संतुलन भी बनाया जाएगा। 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए नियुक्तियां की जाएंगी। पार्टी के भीतर भी कुछ बदलाव संभव हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली दौरे पर हैं।
डेमोकरेक फ्रन्ट चंडीगढ़/नई दिल्ली :
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू दो दिन से दिल्ली में डटे हैं। CM यहां किससे मिल रहे हैं? क्या मुलाकात हो रही है? इसे पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है। मगर, सूत्र बताते हैं कि CM ने बुधवार देर रात हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला के साथ मीटिंग की है। इसमें संगठन, कैबिनेट विस्तार और बोर्ड-निगमों में तैनाती को लेकर चर्चा की है। आज उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मुलाकात की। उनसे भी इन सब मुद्दों पर चर्चा की गई।
गौरतलब है अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी जल्द विभिन्न प्रदेशों में अध्यक्ष बदलने और संगठनात्मक बदलाव करने जा रही है। इसलिए चर्चा हिमाचल में भी शुरू हो गई है। मगर, प्रतिभा को हटाना हाईकमान से ज्यादा प्रतिभा सिंह के खुद के निर्णय पर निर्भर करेगा। प्रतिभा सिंह यदि 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ना चाहेंगी तो उस सूरत में उन्हें अध्यक्ष पद से हटना पड़ सकता है।
उनके लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने पर प्रतिभा सिंह को हटाने का पार्टी जोखिम नहीं लेना चाहेगी, क्योंकि उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने जीत के हैट्रिक लगाई है। पहले चार उपचुनाव, फिर विधानसभा और अब शिमला MC चुनाव भी कांग्रेस जीती है। प्रतिभा सिंह को बदलने से कांग्रेस को कितना फायदा या नुकसान होगा। सूत्रों की माने तो इसे लेकर CM ने पार्टी प्रभारी से चर्चा की है।
कैबिनेट पद को राजेंद्र राणा की लॉबिंग
सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में कैबिनेट विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई है। मंत्रिमंडल में अभी तीन पद खाली हैं। सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा मंत्री पद के लिए जबरदस्त लॉबिंग कर रहे हैं। मगर, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से CM और डिप्टी CM के बाद एक और मंत्री की तैनाती क्षेत्रीय संतुलन बिगाड़ेगी। इस वजह से पेंच फंसा हुआ है।
पार्टी क्षेत्रीय संतुलन बनाने का प्रयास करेगी, क्योंकि शिमला संसदीय क्षेत्र में पहले चार मंत्री और तीन CPS बनाकर सुक्खू पर खासकर कांगड़ा व मंडी संसदीय हल्के की अनदेखी को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में कांगड़ा जिले में रिजर्व कोटे से यादवेंद्र गोमा का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
जनरल कोटे से ज्वालाजी से संजय रत्न और धर्मशाला से सुधीर शर्मा में से किसी एक का मंत्री बनना तय है। वहीं बिलासपुर जिले से राजेश धर्माणी का मंत्री बनना लगभग तय है। अब मुख्यमंत्री को तय करना है कि कब कैबिनेट विस्तार करना है।
बोर्ड निगमों में तैनाती पर भी चर्चा
हिमाचल सरकार लगभग छह महीने बीतने के बाद भी विभिन्न बोर्ड व निगमों में तैनाती नहीं कर पाई है। दिल्ली दौरे के दौरान CM ने पार्टी प्रभारी से इसे लेकर चर्चा की है। इनकी तैनाती को लेकर भी लंबे समय से पेंच फंसा हुआ है, क्योंकि अब तक सुक्खू खेमे के ज्यादातर लोगों को सरकार में विभिन्न पदों पर तैनाती दी गई है। इससे हॉलीलॉज खेमा उखड़ा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली से लौटने के बाद CM सुक्खू आधा दर्जन से ज्यादा बोर्ड-निगमों में तैनाती कर सकते हैं। इनमें चार से पांच चेयरमैन-वाइस चेयरमैन CM सुक्खू की पसंद के, तीन प्रतिभा सिंह और एक मुकेश अग्निहोत्री की पसंद का होगा।