नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे 2020 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में 70% डिलीवरी अस्पतालों में हो रही है, वहीं 30% महिलाएं अभी भी घर में बच्चों को जन्म दे रही हैं।
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 07 जून :
हालांकि कोरोना महामारी के दौर में घर में डिलीवरी कराने वाली की संख्या बढ़ी। लेकिन अब सभी सरकारें इंस्टिट्यूशनल बर्थ को बढ़ावा दे रही हैं , ताकि मृत्यु दर कम की जा सके । जच्चा बच्चा अस्पताल समय की मांग के चलते बुधवार को खरड़ में सरकारी व मोहाली में मदरहुड सिंगल स्पेशलिटी मदर व चाइल्ड अस्पताल की शुरुआत हुई । पंजाब सरकार का जोर इस समय इंस्टीट्यूशनल बर्थ पर है ताकि डिलीवरी के बाद मां और नवजात की मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। गांव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में महिला डिलीवरी कराने जाती है तो वहां पर्याप्त सुविधा नहीं होती, ऐसे में अगर होम बर्थ में कोई केस बिगड़ता भी है तो उसका इलाज प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर मुमकिन नहीं और अस्पताल ले जाने में भी काफी समय लग जाएगा। इस सब में महिला की हालत और बिगड़ जाती है।
इसी के चलते बुधवार को पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान ने खरड़ में जच्चा – बच्चा केंद्र का उद्घाटन भी किया । वहीं ट्राइसिटी में 30 वर्षों से मदर व चाइल्ड केयर अस्पताल में सेवाएं दे रहे डॉ नीरज कुमार व डॉ पूनम में फ़िल्म अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा की मौजूदगी में मदरहुड अस्पताल की शुरुआत की ।