आम आदमी सरकार ने बिजली की दरों में वृद्धि कर पंजाब की जनता से धोखा किया : विज
आम आदमी सरकार ने पंजाब की जनता को जालंधर उपचुनाव जीत का बिजली की दरें बढ़ाकर बड़ा तोहफा दिया
चंडीगढ़ :
आम आदमी की सरकार ने पंजाब की जनता को जालंधर उपचुनाव जीत का बिजली की दरें बढ़ाकर बड़ा तोहफा दिया है। पंजाब प्रदेश कॉंग्रेस के कोषाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अमित विज ने यहां जारी एक ब्यान में कहा कि अभी उपचुनाव समाप्ति के 48 घन्टे भी पूरे नहीं हुए थे कि सरकार ने जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया। उन्होंने सरकार की बिजली की दरों में बढ़ोतरी की आलोचना करते इसे तुरंत वापिस लेने की मांग की। सरकार ने राज्य में कल से बिजली के प्रति यूनिट 70 पैसे की बढ़ोतरी की घोषणा की है। विज ने कहा एक तरफ मुफ्त बिजली देते हुए दूसरी तरफ दरों में वृद्धि कर सरकार दोहरी नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कॉंग्रेस इस वृद्धि का कड़े शब्दों में विरोध करती है व इसे तुरंत वापिस लेने की मांग करती है।
उन्होंने कहा जब चन्नी की सरकार के 7 किलोवाट से कम बिजली दरों में 3 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी देने के फैसले के बारे में फैसला लिया तो हमे बहुत खुशी हुई, लेकिन जब एक कदम आगे बढ़ आप सरकार ने बिना किसी शर्त के 7 किलोवाट से कम हर एक को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की ये दोनों अच्छे निर्णय थे क्योंकि ऊर्जा की खपत की दर सीधे आर्थिक विकास की दर से संबंधित है और अध्ययनों से पता चला है कि प्रति वर्ष जीडीपी विकास दर का 8% होने के लिए बिजली की आपूर्ति/खपत को 12% प्रति वर्ष बढ़ने की आवश्यकता है।
लेकिन आप सरकार ने अपने मूल वादों से लोगों को पूरी तरह से धोखा दिया और अब निर्णय ले रही है जो हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए घातक है। आप ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है,अगर कोई 300 यूनिट से ज्यादा बिजली लेता है तो वह माइनस 300 यूनिट चार्ज करेगा। इसके विपरीत बिजली की दरों में वृद्धि करके उन्होंने न केवल लोगों को धोखा दिया है बल्कि लोगों को कम बिजली का उपयोग करने के लिए मजबूर किया है । उन्होंने कहा ये पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राएं नौकरी पेशा लोग और वरिष्ठ नागरिकों के जीवन आदि को प्रभावित करेगा। अब 300 यूनिट से अधिक का उपयोग करने पर 45 पैसे/यूनिट की वृद्धि से न केवल जरूरतमंद लोगों को प्रभावित किया है बल्कि उन लोगों पर भी अतिरिक्त बोझ डाला है जो 300 से अधिक यूनिट का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा आज की तकनीक की दुनिया में जब पढ़ाई, कोचिंग, परामर्श, दूरस्थ शिक्षा से लेकर सब कुछ ऑनलाइन है, जहां बिजली प्रमुख स्त्रोत है । उन्होंने कहा एक तरफ आप सरकार जरूरतमंद लोगों को एयर कंडीशनर का उपयोग न करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है रही है और दूसरी और पार्टी के सुप्रीमों सेंट्रल एसी के साथ 45 करोड़ खर्च कर घर का नवीनीकरण कर रहे हैं।
उन्होंने अपने विधान सभा क्षेत्र पठानकोट का जिक्र करते कहा ये एक व्यापारी शहर है जहां अधिकतम दुकानदार कमर्शियल कार्य करते हैं। यहां कई संस्थान हैं आईटी, कॉल सेंटर, छोटे अस्पताल, नाई इत्यादि से संबंधित। 45 पैसे यूनिट की दर से उन्होंने व्यापारियों पर भार बढ़ा दिया है। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी ने व्यापारियों को करोड़ों के जीएसटी डिमांड नोट जारी कर अपना व्यापारी विरोधी रुख दिखाया है। इससे खुदरा उत्पादों की कीमतें बढ़ना तय है जिसका असर जरूरतमंदों पर पड़ रहा है। एक तरफ वे लोगों को 300 यूनिट मुफ्त देने का लालच दे रहे हैं, दूसरी तरफ बढ़ी हुई बिजली दर के कारण उच्च मुद्रास्फीति की व्यवस्था बनाकर वे उनसे अधिक वापस ले लेंगे।
उन्होंने कहा पंजाब का उद्योग पहले से ही कानून और व्यवस्था के मुद्दों के कारण पीड़ित है और अब छोटे और मध्यम उद्योग के लिए बिजली दरों में 30 पैसे यूनिट और बड़े उद्यमों पर 40 पैसे यूनिट की वृद्धि की गई जो निश्चित रूप से हरियाणा और राजस्थान से ज्यादा है।
बिजली की दरों में वृद्धि के साथ, उत्पाद दरों में वृद्धि होगी जो एक तरफ मुद्रास्फीति को बढ़ाएगी और दूसरी तरफ उद्योगों को पंजाब से दूर ले जाएगी जिससे बेरोजगारी बढेगी और कर संग्रह कम हो जाएगा।
उन्होनें कहा सरकार ने हाल ही में औद्योगिक नीति खंड 12.3.2 में टैरिफ में कोई वृद्धि न करने का वादा किया था और अब दरों में वृद्धि करके वे स्वयं अपनी नीति के विरुद्ध चली गई हैं। इससे कोई भी उद्योग सरकार के अपनी प्रतिबद्धता बदलने के डर से नहीं आएगा।
उन्होनें सलाह दी कि सरकार को यह महसूस करना चाहिए कि हम अपना मांस खाकर जीवित नहीं रह सकते, बल्कि सरकार को राजस्व पैदा करने के अवसरों को बढ़ाने पर काम करना चाहिए न कि कर लगाकर। उन्होंने कहा सरकार ने वायदा किया था कि 20 हज़ार करोड़ माइनिंग से और 32 हज़ार करोड़ राजस्व बचत से प्रतिवर्ष लाएंगे,जो झूठ साबित हुआ।
उन्होंने कहा सरकार को यह समझना चाहिए कि बढ़ोतरी कभी भी राजस्व का स्रोत नहीं है,जो वे कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस तरह की आर्थिक स्थिति पंजाब को श्रीलंका की ओर ले जाएगी।