पूजा छाबड़ा ने सूरतगढ जिला बनाने की मांग को लेकर अन्न छोड़ा. बड़ी हलचल शुरु

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़ – 17मई  :

शराबबंदी नशामुक्ति आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा ने सूरतगढ जिला बनाओ अभियान में सूरतगढ के मान सम्मान में जिला बनाए जाने तक अन्न छोड़ने की सार्वजनिक घोषणा आम सभा में की। उन्होंने कहा कि जीवन के लिए जूस जल आदि ही लेंगी। पूजा छाबड़ा सूरतगढ के पूर्वविधायक शहीद गुरूशरण छाबड़ा की पुत्रवधु हैं। शराब बंदी के लिए आमरण अनशन करते हुए गुरूशरण छाबड़ा ने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। इससे पहले वे आमरण अनशन कर चुकी हैं और सरकार से एक वार्ता भी कर चुकी हैं।

जिला बनाओ अभियान समिति की कार्यसमिति के पूर्व में घोषणा के तहत आज उपखण्ड कार्यालय में आमसभा हुुयी। सभा की अध्यक्षता डाॅ0 सुशील कुमार जेतली ने की। 

सभा को सम्बोधित करते हुये विधायक रामप्रताप कासनियां ने कहा कि विधानसभा में मैने हमेशा सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग को प्रमुखता से उठाया है। सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिये मुझसे जो भी बन पड़ेगा मैं करूंगा। मैं सूरतगढ़ को जिला बनाने के लिये कोई भी कुर्बानी देने के लिये तैयार हूं। संघर्ष राज्य सरकार से करूंगा लेकिन गिडगिडाऊंगा नही। इस संघर्ष को जितने के लिये हमें इसे जन आंदोलन बनाना पडेगा इसके लिये आप तैयार रहे।

सभा को पूर्व विधायक राजेन्द्र भादू, कामरेड मदन औझा, मोहन पूनिया, काजल छाबडा, प्रमोद ज्याणी, वेद कडवासरा, आरती शर्मा, पृथ्वीराज मील, पृथ्वीराज जाखड, राकेश बिश्नोई, पूर्व विधायक अशोक नागपाल, डाॅ0 सचिन जेतली, विनोद घिंटाला, बलराम वर्मा, विनोद जाखड ने भी सम्बोधित किया। 

काजल छाबड़ा ने अपने भाषण में आमरण अनशन पर बैठ चुकी सभी महिला नेताओं का नाम लिया। 

सूरतगढ जिला बनाओ अभियान समिति अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने सभा में आये हुये सभी आगन्तुकों को धन्यवाद प्रेषित किया। 

आम सभा की अध्यक्षता कर रहे डाॅ0 सुशील कुमार जेतली ने सभा का समापन करते हुये सूरतगढ़ को जिला बनाने के संघर्ष में सहयोग की बात कही। 

मंच संचालन अंकुश गाबा व अजय धीगंड़ा ने किया। सूरतगढ़ शहर के बजाय गांवों से आने वाले लोगों और स्टुडेंट्स की संख्या अधिक थी।

सभा समापन पर भीड़ की संख्या पर लोग वाद विवाद तक चर्चा करते रहे। टैंट और पेड़ों के नीचे खड़े और गट्टों पर बैठे लोगों की संख्या 12 सौ से 15 सौ के करीब बताई जा रही थी। 

पूजा छाबड़ा को जब मंच पर भाषण देने के लिए  लगभग अंत में बुलाया गया तब तक पंडाल आधा खाली हो चुका था। पूजा छाबड़ा के जिला बनने तक अन्न छोड़ने की घोषणा से नेता बेचैन से हो गये हैं। इस घोषणा से नेताओं का भविष्य प्रभावित होगा।