पवन सैनी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, हिसार – 03 मई :
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के नवनियुक्त कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि विश्वविद्यालय में शोध के स्तर को और अधिक बढ़ाया जाएगा। समय की मांग के अनुसार वर्तमान शैक्षणिक व्यवस्थाओं में भी बदलाव किया जाएगा। विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय पहचान को और अधिक मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने अपनी नियुक्ति के लिए माननीय राज्यपाल हरियाणा बंडारू दत्तात्रेय तथा मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में विश्वविद्यालय अग्रणी कार्य कर रहा है। इस दिशा में और नई संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा। उन्होंने सौर ऊर्जा दिवस के लिए भी बधाई दी। प्रो. नरसी राम बिश्नोई अपना पदभार संभालने के बाद बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय के कमेटी हॉल में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय रोजगारपरक कोर्सों को बढ़वा देने तथा पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। तब से यह विश्वविद्यालय लगातार आगे बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में ए ग्रेड प्राप्त करने वाला यह विश्वविद्यालय पहला विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय का एच इंडेक्स भी इस क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ है। फिलहाल विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान बन चुकी है तथा ए प्लस गे्रड मिल चुका है। विश्वविद्यालय की शानदार यात्रा के लिए पूर्व कुलपतियों का आभार भी व्यक्त किया।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि शोध किसी भी विश्वविद्यालय का आधार बिंदू होता है। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में शोध की परम्परा रही है। इस परम्परा को और आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रकार के आवश्यक सुविधाओं, व्यवस्थाओं तथा आधारभूत ढांचे को विकसित किया जाएगा। विश्वविद्यालय का प्रयास रहेगा कि शोध को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न फंडिंग ऐजेंसियों के साथ तालमेल किया जाए। अधिक से अधिक फंडिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि धन की कोई कमी न रहे। ह्यईज आॅफ डूईंग रिसर्चह्ण को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि शिक्षक और अधिक शोध के लिए प्रोत्साहित हों। विश्वविद्यालय में पर्यावरण, धर्म तथा अन्य स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखते हुए शोध केन्द्र तथा चेयर स्थापित करने की संभावनाओं पर गहन विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शोध ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्र व समाज के लिए उपयोगी हो। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों के साथ और बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। महाविद्यालयों के साथ टीम जीजेयू को मजबूत किया जाएगा। विश्वविद्यालय में पहले से ही वर्तमान समय की मांग के अनुरूप कई कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। नई मांग के अनुसार नए कोर्स आरंभ करने पर भी विचार किया जाएगा।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि वर्तमान समय में पूरी दुनिया तेजी से बदल रही है। राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों में एक दूसरे के साथ सहयोग बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय स्तर को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों से एमओयू साइन किए जाएंगे। नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव है। विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुरूप कोर्स तथा शैक्षणिक ढांचा स्थापित किया जाएगा।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि वर्तमान में यह विश्वविद्यालय नैक द्वारा ए प्लस ग्रेड प्राप्त है। इस ग्रेड को आगामी नैक मूल्यांकन के दौरान ए प्लस प्लसग्रेड लाने के लिए काम किया जाएगा। विद्यार्थी विश्वविद्यालय के सबसे महत्वपूर्ण अंग होते हैं। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व तथा भाषा विकास के स्तर को सुधारने के लिए भी विशेष कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए प्लेसमैंट बढ़ाने की ओर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रो. बिश्नोई ने कहा कि विद्यार्थी, शिक्षक तथा गैरशिक्षक कर्मचारी मिलकर इस विश्वविद्यालय को बुलंदियों तक ले जाते हैं। इस विश्वविद्यालय में शानदार वर्क कल्चर की परम्परा रही है। उनका प्रयास रहेगा कि विद्यार्थियों, शिक्षकों व कर्मचारियों की हर आवश्यकता व मांग को नियमानुसार पूरा किया जाए तथा विश्वविद्यालय में सामंजस्य पूर्ण माहौल स्थापित किया जाए। साथ ही अन्य संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किए जाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए विश्वविद्यालय की हर विद्यार्थी, शिक्षक व कर्मचारी से और अधिक लगन व मेहनत का आह्वान किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा, शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. देवेन्द्र कुमार, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मनोज दयाल, चीफ वार्डन डा. विकास वर्मा, चीफ वार्डन प्रो. सुजाता सांघी, डीन फैकल्टी आॅफ ह्युमेनिटीज एंड सोशल साईंसिज प्रो. एन.के. बिश्नोई, उपनिदेशक जनसम्पर्क डा. बिजेन्द्र दहिया, प्रो. संदीप राणा, प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई, प्रो. संजीव कुमार, डा. अनिल भानखड़, प्रो. संजीव माथुर, प्रो. राकेश बहमनी व प्रो. दलबीर सिंह उपस्थित रहे।
ये हैं नवनियुक्त कुलपति की शैक्षणिक उपलब्धियां
प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लगभग 170 शोध पत्रों के प्रकाशन के साथ 22 पीएचडी शोध स्कालरों और 78 एमटेक शोधकतार्ओं का मार्गदर्शन किया। उन्हें एनईएसए फैलोशिप अवार्ड (2021), सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार (एनईएसए-2015), डॉ. एस.ए. सालगारे का सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार 2019, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार (आईआईएफएस-2010) सहित पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने गुजविप्रौवि हिसार की कार्यकारी परिषद् व शैक्षणिक परिषद् के सदस्य के रूप में कार्य किया है। वे पीजीबीओएस और यूजीबीओएस, सीडीएलयू सिरसा जैसे शैक्षणिक निकायों के सदस्य, पीजीबीओएस डीसीआरयूएसटी, मुरथल, यूजीबीओएस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंचकूला के सदस्य के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ/विभिन्न राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय शैक्षणिक और व्यावसायिक निकायों और समितियों के सदस्य हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग किया है। उन्होंने यूजीसी, एआईसीटीई तथा एचएससीएसटी जैसी फंडिंग एजेंसियों से विभिन्न आर एंड डी अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा किया है। वे विश्वविद्यालय के कई शैक्षणिक निकायों के सदस्य रहे हैं। वे विश्वविद्यालय में कई संकायों के डीन रहे हैं। उन्होंने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से प्लांट फिजियोलॉजी में एमएससी और पीएचडी की डिग्री पूरी की थी।