पंचांग, 28 अप्रैल 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 28 अप्रैल 2023 :

दिसंबर में दुर्गा अष्टमी तिथि | 2022 में दुर्गाष्टमी व्रत तिथियाँ | दुर्गा  अष्टमी कब है? | दुर्गा अष्टमी मासिक व्रत सूची
श्री दुर्गाष्टमी व्रत

नोटः आज श्री दुर्गाष्टमी व्रत है। हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस दिन माता दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन माता दुर्गा के मंत्रों के जाप से घर में सुख समृद्धि आती है। वैशाख शुक्ल अष्टमी तिथि की शुरुआत 27 अप्रैल दोपहर 1.38 बजे से शुरू हो रही है, इस तिथि का समापन 28 अप्रैल शाम 4.01 बजे हो रहा है। उदयातिथि में यह व्रत 28 अप्रैल शुक्रवार को मनाया जाएगा।

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श्रीबगलामुखी जयंती

श्रीबगलामुखी जयंती है। वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण दिवस कहा जाता है जिस कारण इसे मां बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष 2023 में यह जयन्ती 28 अप्रैल, को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत एवं पूजा उपासना कि जाती है साधक को माता बगलामुखी की निमित्त पूजा अर्चना एवं व्रत करना चाहिए। बगलामुखी जयंती पर्व देश भर में हर्षोउल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर जगह-जगह अनुष्ठान के साथ भजन संध्या एवं विश्व कल्याणार्थ महायज्ञ का आयोजन किया जाता है तथा महोत्सव के दिन शत्रु नाशिनी बगलामुखी माता का विशेष पूजन किया जाता है और रातभर भगवती जागरण होता है।

अर्द्धरात्रि व्यापिनी है: महाशिवरात्रि व्रत को हमेशा अर्धरात्रि व्यापिनी चतुर्दशी तिथि में ही करना चाहिए चाहे यह तिथि पूर्वा हो या परा हो। नारद संहिता में बताया गया है की जिस दिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि अर्धरात्रि योग वाली हो उस दिन जो व्यक्ति महाशिवरात्रि का व्रत करता है उसे अनंत फल प्राप्त होते हैं।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

विक्रमी संवत्ः 2080, शक संवत्ः 1945, मासः वैशाख, पक्षः शुक्ल पक्ष, तिथिः अष्टमी सांयः काल 04.02 तक है। वारः शुक्रवार, नक्षत्रः पुष्य प्रातः 09.53 तक है, योगः शूल़ प्रातः काल 09.38 तक, करणः बव, 

सूर्य राशिः मीन, चंद्र राशिः कर्क,

 राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.47, सूर्यास्तः 06.51 बजे।