बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने किया नमन

  • सेक्टर 17 स्थित इंद्रा कालोनी  में पुष्प अर्पित कर किया याद,भाई चंद्रमोहन ने कहा बाबा साहेब ने दिया सभी को बराबर का हक
  • आज के इस कार्यक्रम के आयोजक जुझारू युथ कांग्रेस नेता सुनील सरौहा
  • युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सुनील सरोहा ने बताया की बाबा साहिब की जयंती हर साल बड़ी धूम धाम से मनाते हैं

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 14  अप्रैल :

संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी की जयंती पर कांग्रेसियों द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन सेक्टर 17 स्थित इंद्रा कालोनी में किया गया जहां हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रह चुके भाई चंद्रमोहन के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें याद किया।चंद्रमोहन ने कहा कि आज जरूरत है बाबा साहेब द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलकर उनके सिद्धांतो का पालन करने की।

भाई चन्द्रमोहन ने कहा बाबा साहेब ने हमेशा गरीबों और जरुरतमंद लोगों की आवाज उठाई थी। सविंधान द्वारा हमें जो मौलिक अधिकार दिए गए हैं, वर्तमान भाजपा सरकार उन अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है और हमारे सविंधान को खंडित करने के कुप्रयास कर रही हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि देश के सविंधान को बचाने के लिए बाबा साहब की शिक्षाओं का ज़ोर शोर से प्रचार प्रसार किया जाये

भाई चन्द्रमोहन  ने कहा कि बाबा साहेब ने दलितों के खिलाफ किए जा रहे सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया और महिला अधिकारों, दलितों का समर्थन किया। 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से मरणोपरांत सम्मानित किया गया। डॉ. अंबेडकर को 29 अगस्त 1947 को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। उनकी अध्यक्षता में 2 साल 11 महीने और 18 दिन के बाद संविधान बनकर तैयार हुआ।बी.आर. अंबेडकर कई प्रतिभाओं के व्यक्ति थे। वे एक राजनीतिज्ञ, न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे।

अंबेडकर जी की 132वी   जयंती के मौके पर जाने कुछ बातें
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू, मध्यप्रदेश के एक गांव में हुआ था। बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव देखने वाले आंबेडकर ने विषम परिस्थितियों में पढ़ाई शुरू की थी। इतना ही नहीं बाबा साहेब को स्कूल में काफी भेदभाव झेलना पड़ा था। दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरुक करने में डॉ. भीमराव आंबेडकर का योगदान अतुल्य है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का जीवन संघर्ष और सफलता की ऐसी अद्भुत मिसाल है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले। इस साल बाबा साहेब की 131वीं जयंती मनाई जा रही है।

भाई चन्द्रमोहन ने कहा कि इसके अलावा, अंबेडकर दलित बौद्ध आंदोलन के पीछे की ताकत थे। इसके अलावा, यह व्यक्ति उस समय भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न अन्याय से लड़ने के लिए भावुक थें।

भाई चन्द्रमोहन ने कहा कि अन्याय के खिलाफ इस लड़ाई के तहत, अम्बेडकर ने दलितों के समर्थन में एक अभियान का नेतृत्व किया। वह स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। इन सबसे ऊपर, अंबेडकर ने भारत के संविधान को बनाने में एक केंद्रीय भूमिका भी निभाई थी।

भाई चन्द्रमोहन  ने कहा कि अंबेडकर को पाली, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन और गुजराती जैसी नौ भाषाओं का ज्ञान था। इसे उनकी दूरदर्शिता ही कही जाएगी कि उन्होंने देश के लिए एक ऐसा संविधान तैयार किया जो सभी जाति और धर्म के लोगों की रक्षा करता है व उन्हें समानता का अधिकार प्रदान करता है।
आज के इस कार्यक्रम के आयोजक जुझारू युथ कांग्रेस नेता सुनील सरौहा

ईस अवसर पर  कांग्रेस नेता वा कार्यकर्ता जो उपस्थित थे वार्ड नः 6,पार्षद पंकज,वार्ड नः 7 पार्षद उषा रानी, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राम प्रसाद, युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष सुनील सरोहा, इंटक जिला उपाध्यक्ष अमरिंदर धीमान राजू , विकास शर्मा, युवा नेता राजीव भुक्कल, एडवोकेट इंदरजीत , युवा नेता महा कृष्णा ,विजय मास्टर , सोनू भांकर, शीलम झाः , राजबाला , विमला , पिंकी।आदि मौजूद रहे।