अमन अरोड़ा द्वारा युवाओं के लिए रोजग़ार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने के लिए अधिकारियों को उद्योगों के साथ सम्पर्क साधने के आदेश
- रोजग़ार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग के जि़ला इंचार्जों और फील्ड स्टाफ के साथ किया विचार- विमर्श
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट,चंडीगढ़ :
राज्य के युवाओं को उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरियाँ प्रदान करने के लिए पंजाब के रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने आज विभाग के अधिकारियों को हिदायत की है कि वह उद्योगों से सम्पर्क कर उनकी नौकरियों सम्बन्धी ज़रूरतों के बारे में जानकारी हासिल करें, जिससे युवाओं को उद्योग की मौजूदा ज़रूरतों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा सके और युवाओं के लिए रोजग़ार के अधिक से अधिक अवसर पैदा किए जा सकें।
यहाँ पेडा कॉम्पलैक्स में रोजग़ार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभाग के जि़ला इंचार्जों और पंजाब कौशल विकास मिशन (पी.एस.डी.एम.) के फील्ड स्टाफ के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमन अरोड़ा ने इन अधिकारियों को विभाग के पास पंजीकृत युवाओं की प्लेसमैंट दर को और अधिक बढ़ाने के लिए सक्रियता से काम करने के लिए कहा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजीकृत युवाओं की नौकरी के लिए प्लेसमैंट के साथ ही राज्य में उद्योग की ज़रूरतों और कुशल कामगारों के दरमियान अंतर को खत्म किया जा सकता है और इस ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में युवाओं का पंजीकरण कोई उपलब्धि नहीं है, बल्कि जब इस पंजीकरण को प्लेसमैंट में बदल दिया जाएगा तो मैं इसको उपलब्धि समझूँगा। उन्होंने युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरियों के अवसर प्रदान करने को बेहद नेक कार्य करार दिया। कैबिनेट मंत्री ने बैठक के दौरान रोजग़ार सृजन और प्रशिक्षण अधिकारियों एवं ब्लॉक मिशन मैनेजरों द्वारा दिए गए सुझावों को ग़ौर से सुना। उन्होंने कहा कि यह कीमती सुझाव ज़मीनी स्तर पर मुद्दों और माँगों को समझने में सहायक सिद्ध होंगे, जिससे विभाग के कामकाज में और अधिक सुधार आएगा।
रोजग़ार सृजन और कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग के डायरैक्टर दीप्ति उप्पल ने एक प्रस्तुति देते हुए कैबिनेट मंत्री को बताया कि राज्य में 2148 प्लेसमैंट कैंप लगाने के अलावा अप्रैल 2022 से अब तक 1,33,277 नौजवानों को रोजग़ार मुहैया करवाने में सहयोग किया गया है।
अमन अरोड़ा ने पिछले सप्ताह कन्फैडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सी.आई.आई.) और अन्य औद्योगिक ऐसोसीएशनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर उद्योगों में नौकरियों सम्बन्धी ज़रूरतों और अन्य मुद्दों के बारे में जानकारी ली थी, जिससे औद्योगिक क्षेत्र के लिए कुशल कामगारों का पूल तैयार किया जा सके।