आज कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की अपील करने का बुधवार को निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए आम जनता को ये आश्वासन देने के लिए आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और किसी तरह की पेरशानी का उन्हें सामना नहीं करना पड़ेगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी हनुमान जयंती को लेकर पुलिस अलर्ट मोड में है। दिल्ली पुलिस ने हनुमान जयंती से एक दिन पहले आज बुधवार को जहांगीरपुरी इलाके में फ्लैग मार्च निकाला। जहांगीरपुरी में दिल्ली पुलिस के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी मौजूद थे। दरअसल पिछले साल जहागीरपुरी क्षेत्र के जी ब्लॉक में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर हुए पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी।
सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/कोलकत्ता – 05 अप्रैल :
रामनवमी के मौके पर देश में कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। रामनवमी पर हुई हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को हनुमान जयंती की तैयारी के मद्देनजर सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर अलर्ट रहने को कहा है। गृह मंत्रालय ने सरकारों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने, त्योहार का शांतिपूर्ण पालन करने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले किसी भी कारक की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वह ऐसे हर तत्व पर नजर रखे जिसके सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की आशंका हो सकती है।
उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी मंगलवार को बंगाल सरकार को इसी सिलसिले में निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने कहा- अगर आपके पास पुलिस कम है तो आप केंद्र से फोर्स मांगिए। और केंद्र सरकार भी तुरंत आपकी अपील पर कदम उठाए। हमें लोगों की सुरक्षा करनी है। हनुमान जयंती 6 अप्रैल को है।
कोर्ट ने राम नवमी पर हुई हिंसा का हवाला देते हुए सरकार से सवाल किया। कोर्ट ने कहा- आप कह रहे हैं कि कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। हमारे पास कुछ जजों के खत आए हैं। उन्होंने कहा कि उनके घरों के पास दंगा हो रहा है। तब क्या होगा, जब ऐसा ही माहौल कोर्ट परिसर के भीतर भी हो जाए। कुछ तो करना होगा। आप शोभायात्रा के रास्तों पर बैरिकेड्स लगाइए। पुलिस शांति मार्च निकाल सकती है ताकि लोगों को यह लगे कि वह सुरक्षित हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में शिबपुर और रिशरा में हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि हनुमान जयंती के मद्देनजर राज्य में शांति बनाए रखने के लिए वह क्या कदम उठा रही है।
रामनवमी पर बंगाल समेत 5 राज्यों में हिंसा हुई थी, 5 दिन तक तनाव रहा
30 मार्च को रामनवमी पर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई थी। इसके बाद 3 दिनों इन राज्यों के कुछ इलाकों में तनाव बना रहा था। इन राज्यों में करीब 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए थे। सबसे ज्यादा बिहार और बंगाल प्रभावित हुआ।
- 30 मार्च: हावड़ा, उत्तरी दिनाजपुर और इस्लामपुर में शोभायात्रा के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। यहां शोभायात्रा के दौरान दो गुटों में जमकर पत्थरबाजी हुई। इसमें एक युवक की मौत हो गई थी, जबकि पांच-छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने बताया था कि युवक की मौत हिंसा के दौरान हार्ट अटैक से हुई थी।
- 31 मार्च: हावड़ा के शिबपुर में फिर पत्थरबाजी और आगजनी की घटना सामने आई थी। यहां एक वर्ग ने मंदिरों में तोड़फोड़ की है। इसके बाद पूरे इलाके में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया गया था। इसके चलते दोनों घटनाओं में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
- 2 अप्रैल: रिसड़ा शोभायात्रा के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई थी दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पत्थरबाजी की और वाहनों में आग लगा दी। पथराव के दौरान भाजपा विधायक बिमान घोष घायल हुए। हुगली और आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी गई।
- 3 अप्रैल: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रामनवमी पर हुई हिंसा और गिरती कानून व्यवस्था पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस पर रोक
दिल्ली में हनुमान जयंती से एक दिन पहले पुलिस ने जहांगीर पुरी में फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने 6 अप्रैल को हनुमान जयंती पर जहांगीरपुरी इलाके में जुलूस निकालने के लिए विश्व हिंदू परिषद और एक अन्य समूह को अनुमति देने से इनकार कर दिया।