सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 05 अप्रैल :
स्टिल्ट प्लस 4 पर अस्थाई रूप से जब से प्रतिबंध लगा है तभी से शहर में पक्ष और प्रतिपक्ष में लगातार बात हो रही है। आज इसी विषय पर बातचीत करते हुए आज सुरेश अग्रवाल जो कि हरियाणा स्टेट प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं ने कहा की इस तरह का प्रतिबंध लगाना समस्या का हल नहीं है। सरकार और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को समस्या के हल पर सोचना चाहिए नाकि इस प्रावधान को बंद करना कोई हल है ।अग्रवाल ने कहा की पंचकूला के एक्सटेंशन की निकट भविष्य में गुंजाइश न के बराबर है । उन्होंने कहा स्टिल्ट प्लस 4 के निर्माण के दौरान पड़ोसियों की दीवार में आई दरारें नई बात नहीं है और ना ही यह कारण पर्याप्त है , क्योंकि बिल्डर पहले से ही पड़ोसी के घर की मरम्मत करवाने के बाद ही इमारत का निर्माण आगे बढ़ाता है । उन्होंने कहा जिस प्रकार सरकार मलबा सिक्योरिटी जमा करवाती है उसी प्रकार इस तरह की मरम्मत के लिए भी सिक्योरिटी राशि जमा करवाई जा सकती है।
स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला इमारत के निर्माण पर से प्रतिबंध इसलिए भी हटाया जाए क्योंकि बढ़ती हुई जनसंख्या और आने वाले 10 साल के आवश्यकताओं को देखते हुए सरकार ने इस व्यवस्था को मंजूरी दी थी। जो लोग इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं उनको एक बार सोचना चाहिए कि पंचकूला में आमजन की पहुंच में मकान होना एक हकीकत होनी चाहिए ना की सपना । फ्लोर वॉइस रजिस्ट्री होने से लोगों का पंचकूला में रहने का सपना साकार हो सकता है ।
सरकार को भी इससे राजस्व का मिलेगा जिससे शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास भी संभव होगा । शहर में बढ़ रही पार्किंग की समस्या से भी लोगों को निजात मिलेगी। इसी मामले के हर पक्ष पर अध्ययन के लिए राघवेंद्र राव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था । इस मुद्दे पर पिछले दिनों कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विधानसभा में कहा था कि आने वाले दस साल की आवश्यकताओं को देखते हुए 4 मंजिला रिहायशी इमारतों के प्रावधान को मंजूरी दी गई थी।
सनद रहे कि गुड़गांव ,कैथल ,पानीपत आदि शहरों में 4 मंजिला रिहायशी इमारतों के निर्माण को स्वीकृति है। गुड़गांव बिल्डर एसोसिएशन अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से पत्रकारों से बात करते हुए पुरजोर तरीके से सरकार से मांग की कि लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए स्टिल्ट प्लस 4 से पाबंदी हटाई जाए।