- निजी स्कूलों की मान्यता मुद्दें पर निकला हल,दो साल की मिली छूट, स्कूलों को फर्स्ट फ्लोर के लिए मिलेगी 25 प्रतिशत की छूट
- निजी स्कूल प्रतिनिधियों और हरियाणा सरकार की वार्त्ता में सुलझे कई जटिल मुद्दे
- नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन और हरियाणा के सीएम और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के बीच हुई अहम बैठक
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 29 मार्च :
स्कूलों की मान्यता को लेकर हरियाणा सरकार से निजी स्कूल यूनियनों के प्रतिनिधियों की सफल वार्त्ता हुई । मान्यता को लेकर जो तलवार हर साल निजी स्कूलों पर लटकती थी,उसका हल निकल आया है। फिलहाल दो साल की राहत मिल गई है। इस निर्णय पर जल्द ही हरियाणा सरकार नोटिफकेशन जारी करेगी।
खट्टर सरकार ने दो मंजिला भवन वाले स्कूलों को जमीन में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान करने की बड़ी घोषणा कर दी है। साथ ही कोई स्कूल यदि जहां चल रहा है वहां जमीन के नियम पूरे नहीं कर पाता है तो वह एक निश्चित बॉड सरकार के साथ भरकर पुराने नियम (2009) के अनुसार अपना विद्यालय बाहर शिफ्ट कर सकते हैं।
छोटे स्कूलों पर विशेष मेहरबानी करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सस्ते दरों पर सरकारी सेक्टरों में जमीन उपलब्ध कराने की बात कही है। इन विद्यालयों को आर्थिक सहायता देने का वादा किया है।
कई अन्य बिंदुओं पर सरकार ने राहत प्रदान करने की योजना बना रही है। यह जानकारी नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा)के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने पंचकूला में प्रेस वार्त्ता के दौरान दी।
प्रेस वार्त्ता में डॉ. कुलभूषण शर्मा ने मीडिया को बताया कि निजी स्कूलों की समस्याओें को लेकर नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन समेत कई अन्य शिक्षा से जुड़ी यूनियनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार की देर शाम शिक्षा मंत्री के निवास पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर और निदेशक संयुक्त अंशज सिंह के संग बैठक की, इसके बाद निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री के संग सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर उन्हें निजी स्कूलों की छह सूत्रीय समस्याओं से अवगत कराया। गहन चर्चा के बाद सीएम ने कई मुद्दों पर समाधान के लिए सहमति प्रदान कर दी।
डॉ. कुलभूषण शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी कि निजी स्कूल यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हरियाणा सरकार के सीएम मनोहर लाल खट्टर को बताया कि प्रदेश में हजारों अस्थाई एवं स्वीकृत विद्यालय है जो वर्तमान समय में लैंड नॉर्म्स को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकार उनको खाली जमीन में शिफ्टिंग की अनुमति प्रदान करें। सीएम ने इस मुद्दें के तकनीकी पक्ष पर चर्चा करने के बाद इस मांग को मान लिया है और वादा कर लिया है कि जल्द ही सरकार इस बिंदु पर नोटिफिकेशन जारी करेगी। डॉ. कुलभूषण शर्मा ने कहा कि इससे मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बहुत राहत मिली है। फेडरेशन के उप प्रधान सतबीर पटेल ने बताया कि तीसरा एक और महत्वपूर्ण बिंदु है कि हरियाणा सरकार ने माना है कि निजी स्कूल शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के हित में कार्य कर रहे हैं। इससे प्रभावित हो कर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने यूनियनों के प्रतिनिधियों से कहा कि स्कूलों को हुड़ा की प्लाटिंग में कम दरों पर जो कि नो प्रॉफिट पर जमीन देने की योजना तैयार कर रहें हैं। ताकि अच्छे स्कूल बन सके और बच्चों को शानदार तरीके से शिक्षित किया जा सके। इन प्रमुख बिंदुओं पर हुई चर्चा निजी स्कूल संचालकों के प्रतिनिधि मंडल के संग निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने सीएम मनोहर लाल खट्टर और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर समेत निदेशक संयुक्त अशंज सिंह से कहा कि स्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल्स, परमीशन प्राप्त स्कूल्स और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की समस्त समस्या का स्थायी हल निकाला जाए।
बैठक में डा.कुलभूषण शर्मा ने छह सूत्रीय मांग पत्र के माध्यम से कहा कि प्रदेश में हजारों अस्थाई एवं स्वीकृत विद्यालय है जो वर्तमान समय में लैंड नॉर्म्स को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सरकार उनको खाली जमीन में शिफ्टिंग की अनुमति प्रदान करें।
तमाम विद्यालयों के नाम दो जमीन हैं। इसमें से एक में प्राथमिक या मध्य विद्यालय की क्लास चल रही हैं। ऐसे में 10वीं से 12वीं तक दूसरी जमीन पर क्लास के लिए स्वीकृति प्रदान की जाए।
निजी स्कूल्स के लिए भी दो शिफ्ट की मान्यता प्रदान की जाए। हरियाणा सरकार के सरकारी स्कूल्स •ाी पहले से दो शिफ्ट की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं।कुछ समय पहले दो फ्लोर वाले स्कूलों में फर्स्ट फ्लोर के लिए 25 प्रतिशत की छूट मिला करती थी। हम चाहते हैं जिन स्कूलों के पास फर्स्ट फ्लोर हैं उन्हें 25 फीसदी की छूट सरकार प्रदान करें।
कक्षा आठ तक के वह विद्यालय जो जगह की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं और एक कमरे में चल रहे हैं, उन्हें आरटीई अधिनियम के तहत मान्यता मिले।स्कूल चाहे गांव के हो या शहर के, दोनों क्षेत्रोें के लिए अलग मापदंड बना दिए गए हैं। पिछली सरकार में दोनों स्थानों के लिए एक सामान मापदंड थे। आज के दौर में गांव और कस्बे, शहर के क्षेत्रों में बहुत अंतर नहीं है। गांव शहरों से सटे हुए हैं। दोनों क्षेत्रों की जमीन की कीमत भी बराबर है। इसलिए स्कूलों के लिए मापदंड भी बराबर होने चाहिए।
आरटीई के लागू होने से पहले अपनी सेवाएं देने वाले स्कूलों को मौजूदा समय स्कूल माना जाना चाहिए और स्कूल को मान्यता प्रदान की जानी चाहिए।यह लोग रहे बैठक में शामिलशिक्षा मंत्री के संग हुई बैठक में सतबीर पटेल, रामफल, राममेहर, विजय टटोली, मामचंद समेत कई अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए।
मंगलवार हुई प्रेस वार्त्ता में डॉ. कुलभूषण शर्मा समेत मामचंद, सतबीर पटेल, रामफल, दिनेश जोशी, विजय टटोली एवं रामहेतु, भगत सिंह ने मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर समेत निदेशक संयुक्त अंशज सिंह और अन्य अधिकारियों का निजी स्कूलों के हित में फैसला लेने के लिए आभार जताया।