डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 27 मार्च :
हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चन्द्र मोहन ने आरोप लगाया है कि पंचकूला जिले के लोगों पर बिजली के बिलों के पर ईनर्जी चार्ज के नाम पर जजिया कर वसूला जा रहा है और ईनर्जी चार्ज के नाम पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि वसूल की जा रही है ।इसका क्या औचित्य है?।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बिजली विभाग के अधिकारी गुमराह करके लोगों को परेशान करने के लिए नई नई योजनाएं लेकर लोगों के सामने आ जाते हैं ताकि लोग परेशान हो कर अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे। उन्होंने याद दिलाया कि बिजली विभाग द्वारा सन् 2016 में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था और इसे सन 2020 में लागू किया गया है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार एक वर्ष के बिल की कुल राशि जोड़ कर उसका 20 प्रतिशत ईनर्जी चार्ज के रूप में उपभोक्ताओं से लिया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर अगर आपका बिल एक साल का कुल बिल 2 लाख रुपए है तो इसके लिए एक उपभोक्ता को ईनर्जी चार्ज के रूप में 40 हजार रुपए अदा करने पड़ेंगे और अगर उपभोक्ता ने बिजली का मीटर लगाते समय 15 हजार रुपए की राशि पहले ही जमा करवाई हुई है तो उसे 25 हजार रुपए की राशि 6 किश्तों में ईनर्जी चार्ज के रूप में जमा करवानी होगी।
चन्द्र मोहन ने प्रश्न किया कि जिस व्यक्ति ने आज से 15- 20 वर्ष पहले अपना बिजली का मीटर लगवाया था और वह अपना बिल का बिल भी निरन्तर भर रहे हैं तो क्या बिजली विभाग उन सभी उपभोक्ताओं को भी 20 प्रतिशत के हिसाब से ईनर्जी चार्ज के रूप में वह राशि वापस करेगा क्योंकि वह इतने समय में निरंतर अपना बिल अदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कैसी विडम्बना है कि विगत वर्षों से ईनर्जी चार्ज थोपा जा रहा है जबकि कोई भी निर्णय तत्कालीन रुप में लागू होता है और जनता में इस फैसले को लेकर भारी आक्रोश है।। वह बिजली विभाग के अधिकारियों से पूछना चाहते हैं कि बिजली विभाग उन उपभोक्ताओं को क्यों सजा देना चाहता है जिन्होंने बिजली विभाग के निर्धारित शर्तों के अनुसार ही मांग के अनुसार ही उस समय निर्धारित राशि जमा करवाई थी। जिन उपभोक्ताओं ने पहले मीटर लगवाया हुआ है उनको किस आधार पर सजा दी जा रही है।उन्होंने इसके साथ ही प्रश्न किया कि उपभोक्ताओं पर इस प्रकार से अनावश्यक रूप से बोझ डालने का औचित्य आज तक भी समझ नहीं आ पाया है। उन्होंने मांग की है कि अगर इस जनविरोधी फैसले को तुरंत ही वापस नहीं लिया गया तो इस नादरशाही फैसले के खिलाफ जन आन्दोलन चलाया जाएगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य ने पुनः दोहराया कि सरकार द्वारा हाल ही में बेमौसम बारिश और अंधड़ के कारण जो फसलें खराब हुई हैं उनके मुआवजे के बारे में आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने मांग की है कि खराब फैसलों की तुरन्त ही गिरदावरी करवाकर प्रभावित किसानों को तुरंत ही सहायता प्रदान की जाए। आज प्रदेश में किसान की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि वह ना मर सकता है और न ही जी सकता है।अपनी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हासिल करने के लिए बार बार केन्द्र सरकार से गुहार लगा रहा है और इसी प्रकार की हालत आज आम आदमी की हो गई है । महगांई रुपी राक्षस से लोग पहले ही परेशान हैं और बिजली उपभोक्ताओं पर ईनर्जी चार्ज के रूप में यह जजिया कर लगा कर उनकी परेशानियों में और अभिवृद्धि की जा रही है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा में पिछले 8 वर्षों के दौरान व्यापारी, किसान छोटा मजदूर और आम आदमी की परेशानियों को नजरअंदाज करके उनको परेशान किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा – जजपा सरकार किसी भी वर्ग के लिए हितकारी नहीं है। उदाहरण के रूप में मनरेगा की दिहाड़ी के रूप में 26 रुपए प्रतिदिन की बढ़ोतरी की है जबकि दूध के दाम ही पिछले 6 महीने में 6 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ चुके हैं। आज गरीब मजदूर भूखा सोने पर मजबूर है। इस लिए मेरा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से पुनः आग्रह है कि वह बिजली विभाग को निर्देश दे कि यह जनविरोधी फैसला तुरंत वापस लिया जाए ताकि गरीब उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। उन्होंने मांग की है कि ईनर्जी चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से जो राशि अतिरिक्त राशि वसूल की गई है उस राशि को ब्याज सहित वापस लौटाया जाए।