हमें अपने शास्त्रों और संस्कृति से जुड़कर रहना चाहिए : रोजी मलिक आनंद

  • जय सियाराम ग्रूप द्वारा धूमधाम से मनाया गया नव संवत्सर

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 23 मार्च :

यमुनानगर मॉडल टाउन में नव संवत्सर 2080 के शुभ अवसर पर जय सिया राम ग्रुप द्वारा प्रभातफेरियों का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी श्रदालुओं ने  बढ़चढ़ कर भाग लिया और नव संवत् को बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया गया। इस कार्यक्रम में राम जी एवं हनुमान जी के भजनों पर सारी संगत ने खूब आनंद उठाया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जय सिया राम ग्रुप की संस्थापिका एवं हरियाणा राज्य समाज कल्याण बोर्ड की चेयरपर्सन मलिक रोज़ी आनंद उपस्थित रही।

चेयरपर्सन मलिक रोज़ी आनंद ने जय सिया राम सुमिरन जाप कर सारी संगत को खूब आनंदित किया। मलिक रोज़ी आनंद ने बताया कि हमारा यह ग्रुप हर साल नव संवत् पर शहर में प्रभातफेरियों का आयोजन करता है तथा यह प्रभातफेरियाँ शहर के हर मोहल्ले में जाती है और राम नाम का गुण गान करती है। हिंदू नव वर्ष मनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज की नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से भी अवगत करवाया जा रहा है।

उन्होंने हिंदू नववर्ष की महत्त्वता के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा नव वर्ष केवल कैलेंडर की तारीख़ों के हिसाब से नहीं बल्कि ऋतुओं के बदलाव से होता है और इसी दिन से नया पंचाग शुरू होता है। ज्योतिष की गणना के अनुसार देश, राज्य के समस्त विषयों की भविष्यवाणी, लोक व्यवहार, विवाह, अन्य संस्कारों और धार्मिक अनुष्ठानों की तिथियां निर्धारित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि संवत्सर का अर्थ है, सम+वत्सर यानि पूर्ण वर्ष। शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्माजी ने इस दिन सम्पूर्ण सृष्टि और लोकों का सृजन किया था। इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्यावतार भी हुआ था। हिंदू शास्त्रों के अनुसार नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संवत के 5 भेद होते हैं, सौर, सावन, चांद्र, बार्हस्पत्य और नाक्षत्र। एक संवत में 12 मास होते हैं, चैत्र से फाल्गुन तक इनका क्रम निश्चित है। एक संवत में 6 ऋतुएं होती हैं। कुल 60 संवत होते हैं, इनका प्रारम्भ प्रभव से होता है और अंत अक्षय पर और इन्ही विषयों की जानकारी देने हेतु हम ऐसे आयोजन करते है ताकि हमारे बच्चे अपनी संस्कृति को पहचान सकें और इससे जुड़े रहे और इससे जुड़ा रहना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे पूर्वजों ने कहा है जो धर्म अपनी संस्कृति को भूल जाता है तो लोग उस धर्म को भूल जाते है और हम ये नहीं चाहते की जिस धर्म ने दुनिया को सीख दी लोग उसे भूल जाएँ।

इस आयोजन में मुख्य रूप से गीता कपूर , रश्मि वर्मा , शशि गंभीर , प्रियंका ढल , सावित्री छेत्री , सीमा खन्ना , उमा ठकराल , मोना खन्ना , ऋतु , हरि ओम वर्मा , अनिल ठकराल , हरीश डंग , गोविंद ढल , ममता डंग , शशि अरोड़ा , प्रिंस , विभा शर्मा , अनीता आदि सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्तिथ रहे।